'कोई भी धर्म नहीं सिखाता प्रदूषण फैलाना', दिल्ली में पटाखे फूटने पर सुप्रीम कोर्ट की पुलिस को फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई है क्योंकि पुलिस राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने में विफल रही और सिर्फ केवल कच्चा माल ही जब्त किया। जस्टिस अभय एस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया है कि पटाखों की बिक्री और निर्माण पर रोक सुनिश्चित करें।
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई है, क्योंकि पुलिस राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने में विफल रही और सिर्फ केवल कच्चा माल ही जब्त किया। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहने का सभी का मौलिक अधिकार है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारा मानना है, कोई भी धर्म ऐसी किसी भी गतिविधि को बढ़ावा नहीं देता है जो प्रदूषण को बढ़ावा देती हो या लोगों के स्वास्थ्य के साथ समझौता करती हो।
पटाखों की बिक्री और निर्माण पर हो रोक
जस्टिस अभय एस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया है कि पटाखों की बिक्री और निर्माण पर रोक सुनिश्चित करें। कोर्ट ने सभी पक्षों को तुरंत सूचित करने का निर्देश दिया है।पटाखों पर प्रतिबंध के काम पूरी तरह से हों
कोर्ट ने पुलिस आयुक्त को एक स्पेशल सेल बनाने का निर्देश दिया है, जो सनिश्चित करे कि पटाखों पर प्रतिबंध के कार्यान्वयन पूरी तरह से हों। साथ ही दिल्ली पुलिस कमिश्नर को प्रतिबंध लागू करने लिए उठाए गए कदमों को रिकॉर्ड पर दर्ज करने के लिए एक व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है।
प्रतिबंध लगाने में देरी क्यों हुई?
कोर्ट ने आश्चर्य जताया कि दिल्ली सरकार ने पटाखों पर प्रतिबध लगाने में 14 अक्टूबर तक की देरी क्यों की, जबकि प्रतिबंध का आदेश जारी किया गया था।पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने पर करें काम
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार हितधारकों का पक्ष लेकर 25 नवंबर से पहले पटाखों पर पूरी तरह से यानी 'स्थायी' प्रतिबंध लगाने का फैसला करे।
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