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Nitish Katara murder case: विकास यादव की पैरोल याचिका खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने भी दिया झटका

Nitish Katara murder case वर्ष 2002 के नीतीश कटारा हत्याकांड में तिहाड़ जेल में 25 साल की सजा काट रहे दोषी विकास यादव की पैरोल की याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो गई है।

By JP YadavEdited By: Updated: Mon, 04 Nov 2019 12:38 PM (IST)
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Nitish Katara murder case: विकास यादव की पैरोल याचिका खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने भी दिया झटका
नई दिल्ली, एएनआइ। Nitish Katara murder case: वर्ष-2002 के नीतीश कटारा हत्याकांड (Nitish Katara Murder) में तिहाड़ जेल में 25 साल की सजा काट रहे दोषी विकास यादव को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से एक बार फिर झटका लगा है। सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान विकास यादव की पैरोल की याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो गई है। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट भी विकास यादव की पैरोल याचिका खारिज कर चुका है।  

यहां पर बता दें कि बाहुबली नेता डीपी यादव का बेटा विकास यादव नीतीश कटारा हत्याकांड में तिहाड़ जेल में 25 साल की सजा काट रहा है। 

गौरतलब है कि नीतीश कटारा की वर्ष 2002 में हत्या कर दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस हत्याकांड में विकास और सुखदेव पहलवान को हत्या के जुर्म में सुनाई गई 25 और 20 साल की कैद और सबूत नष्ट करने के जुर्म में दी गई पांच-पांच साल की कैद की सजा अलग अलग न चलकर एक साथ सुनाई है।

यह है मामला

गौरतलब है कि 16-17 फरवरी, 2002 को विकास यादव ने नीतीश कटारा को अगवा कर मार डाला था। दरअसल, यूपी के बाहुबली नेता डीपी यादव की बेटी का नीतीश कटारा से प्रेम संबंध था, जिस पर परिवार को एतराज था। बताया जाता है कि इस बात को लेकर डीपी यादव परिवार ने नीतीश कटारा को कई बार धमकाया भी था। नहीं मानने पर विकास यादव ने हत्या की साजिश रची और फिर अपने चचेरे भाई विशाल यादव और सुखदेव पहलवान के साथ मिलकर नीतीश की हत्या कर दी थी। 

2002 में जब नीतीश कटारा की हत्या हुई तो उसकी उम्र महज 25 साल थी, जबकि पेशे से वह व्यवसायी थी।वहीं, नीतीश कटारा के पिता प्रशासनिक अधिकारी रहे थे। 

यही वजह है कि इस हत्याकांड ने राजनीतिक हलको में भी तूफान ला दिया था। मामला ज्यादा बढ़ने पर इसकी जांच सीबीआइ को सौंपी गई थी। सालों मामला चलने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी सजा बरकरार रखी।

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