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कोचिंग सेंटरों में छात्रों की सुरक्षा के लिए समान मानकों पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया जोर, दो हफ्ते बाद होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने कोचिंग सेंटरों में पढ़ने वाले छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समान मानक अपनाने पर जोर दिया है। कोर्ट ने अग्नि सुरक्षा छात्र-शिक्षक अनुपात सीसीटीवी लगाने और मानसिक स्वास्थ्य देखभाल जैसे पहलुओं पर ध्यान देने को कहा है। इस मामले में सभी राज्यों को पक्षकार बनाया जाएगा। 27 जुलाई को बारिश के बाद दिल्ली के कोचिंग सेंटर पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हुई थी।

By Jagran News Edited By: Geetarjun Updated: Mon, 21 Oct 2024 10:51 PM (IST)
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कोचिंग सेंटरों में छात्रों की सुरक्षा के लिए समान मानकों पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया जोर।

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कोचिंग सेंटरों में पढ़ने वाले छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यथासंभव ''समान मानक'' अपनाने पर जोर दिया। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ राष्ट्रीय राजधानी के एक कोचिंग सेंटर में इमारत के बेसमेंट में बाढ़ के कारण तीन सिविल सेवा अभ्यर्थियों की मौत से संबंधित मामले की सोमवार को सुनवाई कर रही थी।

शीर्ष अदालत में न्यायमित्र के रूप में सहायता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने शीर्ष अदालत को उन व्यापक क्षेत्रों के बारे में बताया, जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। दवे ने अग्नि सुरक्षा, छात्र-शिक्षक अनुपात, सीसीटीवी लगाने, कोचिंग सेंटरों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए मानसिक स्वास्थ्य देखभाल और परामर्श के पहलुओं का उल्लेख किया।

सभी राज्यों को बनाया जाए पक्षकार

उन्होंने सुझाव दिया कि इस मामले में सभी राज्यों को पक्षकार बनाया जाए। शीर्ष अदालत ने इस मुद्दे पर एक समान मानक रखने की आवश्यकता बताई। मामले की सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी।

तीन छात्रों की हुई थी मौत

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में इसी साल 27 जुलाई को भारी बारिश के बाद राव आईएएस स्टडी सर्किल (IAS Study Circle) के बेसमेंट में पानी भर जाने से सिविल सेवा की तैयारी कर रहे तीन अभ्यर्थी डूब गए थे। डूबने वाले अभ्यर्थयों में उत्तर प्रदेश की श्रेया यादव, तेलंगाना की तान्या सोनी और केरल के नेविन डेल्विन थे।

अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से झटका

सुप्रीम कोर्ट ने आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री के संबंध में उनकी टिप्पणियों पर गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा शुरू की गई आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की गई थी।

न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत की एक अलग पीठ ने इसी मामले में आठ अप्रैल को आप नेता संजय सिंह द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था।

पीठ ने कहा, ''हमें एक सुसंगत दृष्टिकोण रखना चाहिए।'' गुजरात उच्च न्यायालय ने 16 फरवरी को सिंह और केजरीवाल की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने मामले में उनके खिलाफ जारी समन को रद्द करने की मांग की थी।

दोनों राजनेताओं ने गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा दायर मामले में एक ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी किए गए समन और सत्र अदालत के समन के खिलाफ उनकी पुनरीक्षण याचिका को खारिज करने के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

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