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Arvind Kejriwal Bail Hearing: केजरीवाल को जमानत मिलेगी या नहीं, सुप्रीम कोर्ट आज सुना सकता है फैसला

Delhi Excise Policy Scam Case में सुप्रीम कोर्ट आज मंगलवार को Arvind Kejriwal की जमानत पर फैसला सुना सकता है। अगर Supreme Court से केजरीवाल को जमानत मिलती है तो दिल्ली में ठप पड़े कामकाज में तेजी आएगी। साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं का हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर मनोबल बढ़ेगा। ऐसे में आप नेताओं और कार्यकर्ताओं की निगाहें आज सुप्रीम कोर्ट के फैसल पर रहेंगी।

By V K Shukla Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Tue, 10 Sep 2024 10:09 AM (IST)
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Arvind Kejriwal की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट पर आज आम आदमी पार्टी (आप) नेताओं और कार्यकर्ताओं की निगाहें लगी हैं। सुप्रीम कोर्ट आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की जमानत पर फैसला सुना सकता है। केजरीवाल को जमानत मिलती है तो दिल्ली सरकार में ठप पड़े कामकाज में तेजी आएगी।

पिछली सुनवाई में अदालत ने सुरक्षित रखा था फैसला

इस मामले की पिछली सुनवाई गुरुवार को जस्टिस सूर्यकांत और उज्जल भुइयां की बेंच ने की थी। दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

केजरीवाल के वकील ए एम सिंघवी ने अपनी दलील में कहा था कि केजरीवाल का नाम 2022 में दर्ज एफआईआर में नहीं था और उन्हें इस साल जून में गिरफ्तार किया गया था। वहीं, सीबीआई ने कहा था कि केजरीवाल 'आपराधिक साजिश' में शामिल थे।

सीएम बाहर आए तो तेज होगा दिल्ली का विकास

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने से दिल्ली के विकास कार्यों में तेजी आने की उम्मीद है। उनके जेल में रहने से कई महत्वपूर्ण कार्य रुके हुए हैं।

मुख्यमंत्री के जेल में होने से दिल्ली सरकार के विकास की गति मंद हो गई है। मार्च के बाद से कैबिनेट की बैठकें नहीं होने से सरकार के सभी महत्वपूर्ण काम लगभग ठप हैं।

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नहीं हो सका महापौर का चुनाव

उधर, पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति नहीं होने के कारण 26 अप्रैल को दिल्ली नगर निगम में महापौर का चुनाव नहीं हो सका। मुख्यमंत्री के सुझाव पर उपराज्यपाल पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति करते हैं।

मुख्यमंत्री के जेल में होने के कारण यह संभव नहीं हो सका। इस कारण महापौर डॉ. शैली ओबेरॉय का कार्यकाल बढ़ा दिया गया है। नियम के अनुसार इस बार अनुसूचित जाति के पार्षद महापौर बनना है।