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कोरोना ने सिखाया जीना, 55 साल की सुप्रिया ने जीते 10 पदक; बड़े-बड़े सूरमाओं को दी मात

जो लोग उम्र हो गई कहकर अपने सपनों को पूरा करने के लिए लड़ना छोड़ देते हैं। उनके लिए सुप्रिया राय की कहानी बेहद प्रेरणादायक है। । उन्होंने डिप्रेशन से जूझने के बाद दौड़ना शुरू किया और 55 साल की उम्र तक दस पदक जीते। वह महिलाओं को अपनी सेहत पर ध्यान देने और फिट रहने के लिए प्रेरित करती हैं।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek Tiwari Updated: Mon, 21 Oct 2024 02:17 PM (IST)
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सुप्रिया राय की मेडल जीतने की कहानी बेहद प्रेरणादायक है। फोटो- जागरण
लोकेश शर्मा, नई दिल्ली। कहते है दौड़ने की कोई उम्र नहीं होती है। इरादे मजबूत हो और ठान ले कि हर हाल में अपने लक्ष्य को पाना है तो मंजिल दूर नहीं होती है। कुछ ऐसी ही जज्बे से भरी है 55 वर्षीय सुप्रिया राय (Supriya Rai) की मेडल जीतने की कहानी है।

जिन्होंने अपने पति की मृत्यु के बाद भी अपनी लड़ाई जारी रखी और नेशनल स्तर पर बड़े-बड़े सूरमाओं को पिछाड़ दिया। वेदांता दिल्ली हाल्फ मेराथन 2024 में सुप्रिया ने ओवरआल केटेगरी (55 से 64 उम्र) में गोल्ड मेडल जीता।

डिप्रेशन की वजह से दौड़ लगाना किया था शुरू

सुप्रिया राय घर में अकेली रहती है। पति के स्वर्गवास के कुछ समय बाद बेटी भी शादी कर अपने ससुराल चली गई थी। कोरोना काल में सुप्रिया एक दम अकेली हो गई थी। जिस वजह से वह डिप्रेशन का शिकार हो गई थी। उनका वजन भी बहुत ज्यादा बढ़ने लगा था।

कोरोना के बाद उन्होंने घर से निकल कर पार्क में दौड़ना शुरू किया। शुरुआत में लोग उन्हें ताने मारा करते थे और कहते थे कि इस उम्र में दौड़ा नहीं करते है, हड्डी टूट जाएगी या दर्द बुढ़ापे में बहुत ज्यादा सताएगा। न जाने कितने लोगों ने उन पर इस प्रकार के कमेंट किए।

दिल्ली की विभिन्न प्रतियोंगिताओं में पदक जीते

बीच में उन्होंने सोचा की दौड़ना बंद कर देती हूं, लेकिन सुप्रिया अपने बढ़ते वजन से परेशान थी। जिस कारण उन्होंने दौड़ना जारी रखा और दिल्ली की विभिन्न प्रतियोंगिताओं में पदक जीते। सुप्रिया राय ने महिलाओं को जागरूक होने की सलाह देते हुए कहा कि महिलाओं को अपनी सेहत पर अधिक ध्यान देना चाहिए।

52 वर्ष की उम्र में शुरू किया था दौड़ना

महिलाएं स्वस्थ रहेंगी तो ही परिवार खुश रहेगा। अपने बच्चे और परिवार के अलावा स्वयं के लिए भी टाइम निकाले और अपनी फिटनेस अच्छी बनाएं। सुप्रिया ने 52 वर्ष की उम्र में दौड़ना शुरू किया था।

बचपन से पढ़ाई में थीं तेज

बचपन से पढ़ाई में तेज होने के कारण उनके माता-पिता और वह खुद भी हेल्थ को प्राथमिकता नहीं देती थी। लेकिन, जैसे-जैसे उम्र बढ़ती गई उन्हें सेहत पर ध्यान देने की जरूरत महसूस हुई। उन्होंने 2022 में दिल्ली स्टेट मेराथन में 100, 200 और 400 मीटर में गोल्ड मेडल जीता।

इसके बाद दिल्ली फेडरेशनल ने उन्हें चेन्नई में नेशनल मेराथन 2022 के लिए भेजा। जिसमें वह चौथे पायदान पर रही। इसके अलावा उन्होंने एथलेटिक्स फेडरेशन नेशनल मेराथन में 1500 मीटर में गोल्ड और 800 मीटर में सिल्वर मेडल जीता।

फिलिपिंस में एशियन गेम्स के लिए पहुंची थीं सुप्रिया

कोलकाता में मास्टर एथलेटिक्स फेडरेशन नेशनल रेस में 1500 और 800 मीटर में सिल्वर मेडल जीता। फिलिपिंस में भी वह एशियन गेम्स के लिए पहुंची थी। जहां उन्होंने 800 मीटर में छठवां स्थान प्राप्त किया। इस रेस में 24 देशों के खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। इसके अलावा उन्होंने पुणे में नेशनल रेस 5000 मीटर में गोल्ड, 1500 मीटर में सिल्वर और 800 मीटर भी सिल्वर मेडल जीता।

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