तंदूर (नैना साहनी) मर्डर : 23 साल जेल में रहे सुशील ने खोला सनसनीखेज राज
सुशील शर्मा ने पांच साल में पांच करोड़ बार गायत्री मंत्र का उच्चारण किया और इस दौरान विपश्यना भी किया। इसी वजह से वह खुद को मानसिक तनाव से बाहर लाने में कामयाब हो सके।
By Edited By: Updated: Mon, 24 Dec 2018 09:24 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। तंदूर हत्याकांड में हाई कोर्ट के आदेश पर 23 साल बाद तिहाड़ जेल से बाहर आए उम्रकैद की सजा काट चुके सुशील कुमार शर्मा ने कहा, मैंने कभी नहीं सोचा था कि जेल भी जाऊंगा। मैं स्वीकार करता हूं कि मुझसे गलती हुई और मुझे इसकी सजा भी मिली। इसमें एक शख्स ने अपनी जान गंवाई और दूसरे की जिंदगी मौत के समान बन गई थी।
मुझे इस घटना से सीख मिली है और अब मैं आगे की जिंदगी में माता-पिता की सेवा करूंगा, क्योंकि गलती न होने के बावजूद उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। पत्नी नैना साहनी की हत्या के मामले में 23 साल तक सजा काटने वाले पूर्व कांग्रेस नेता सुशील शर्मा ने रविवार को लोधी रोड स्थित साई मंदिर में दर्शन किए। उसने कहा कि उसके छोटे भाई की 1978 में सड़क दुर्घटना में मौत हो चुकी थी और अदालत ने जब मुझे सजा सुनाई तो मेरे माता-पिता अकेले पड़ गए थे।सुशील ने कहा कि मेरे पिता को हमेशा लगता था कि क्या वह कभी अपने बेटे को जेल से बाहर देख पाएंगे। जेल के दिनों को याद करते हुए सुशील ने कहा कि जब पहले दिन तिहाड़ जेल पहुंचा तो वह खुदकशी करना चाहता था, लेकिन वहां पर दहेज हत्या के मामले में सजा काट रहे एक दिल्ली विकास प्राधिकरण के अधिकारी ने उसे गायत्री मंत्र का उच्चारण करने की सलाह दी। उसने पांच साल में पांच करोड़ बार गायत्री मंत्र का उच्चारण किया और इस दौरान विपश्यना भी किया। इसी वजह से वह खुद को मानसिक तनाव से बाहर लाने में कामयाब हो सके।
इस दौरान उसने कई कैदियों से बातचीत की जिन्होंने अचानक गुस्से में अपराध किया था। तिहाड़ जेल में अपराधी और गैर अपराधी कैदी हैं और इसमें गैर अपराधी कैदियों की संख्या 90 फीसद है। उसने कहा कि अब वह वैवाहिक जीवन के तनाव के संबंध में युवाओं को जागरूक करेंगे।बता दें कि सुशील शर्मा ने 1995 में शक में पत्नी नैना साहनी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उसके बाद उनके शव के टुकड़े करके एक रेस्तरां के तंदूर में जला दिया था।
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