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दिल्ली हाईकोर्ट से स्वाति मालीवाल को झटका, DCW में नियुक्तियों में भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला

दिल्ली हाईकोर्ट ने डीसीडब्ल्यू भर्ती भ्रष्टाचार मामले में आप नेता स्वाति मालीवाल की याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि स्वाति समेत अन्य आरोपी नियुक्ति संबंधी सर्वसम्मत निर्णय में मनमानी का हिस्सा थे। उन पर आम आदमी पार्टी से जुड़े लोगों और परिचितों की नियुक्ति का आरोप है। कोर्ट ने कहा कि भाई-भतीजावाद एक तरह का भ्रष्टाचार है और इससे आम जनता का विश्वास टूटता है।

By Vineet Tripathi Edited By: Geetarjun Updated: Sun, 22 Sep 2024 11:27 PM (IST)
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दिल्ली हाईकोर्ट से स्वाति मालीवाल को झटका, DCW में नियुक्तियों में भष्टाचार से जुड़ा मामला

विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू, DCW) में नियुक्तियों में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में आप राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल को राहत देने से इनकार करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि स्वाति समेत अन्य आरोपी नियुक्ति संबंधी सर्वसम्मत निर्णय में मनमानी का हिस्सा थे। न्यायमूर्ति अमित महाजन की पीठ ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने आपराधिक साजिश नहीं होने के आरोपियों के दावे को इस आधार पर सही खारिज किया है कि नियुक्ति के संबंध में बैठक का निर्णय सर्वसम्मत था। ट्रायल कोर्ट ने यह भी नोट किया था कि नियुक्ति के संबंध में किसी आरोपी ने एक भी बार कोई आपत्ति नहीं उठाई और वे मानमाने सर्वसम्मत निर्णय का हिस्सा थे।

पीठ ने कहा कि उक्त तथ्यों को देखते हुए ट्रायल कोर्ट ने टिप्पणी की थी। आरोपियों द्वारा आपराधियों के बीच साजिश का स्पष्ट संकेत है। पीठ ने कहा कि स्वाति मालीवाल समेत अन्य आरोपियों पर लगे आरोप गंभीर प्रकृति के हैं। उन पर यह भी आरोप हैं कि उन्होंने आम आदमी पार्टी से जुड़े लोगों के साथ ही अपने परिचितों की नियुक्ति की।

पीठ ने नीरा यादव बनाम सीबीआई मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला दिया, जिसमें शीर्ष अदालत ने भाई-भतीजावाद को एक प्रकार का भ्रष्टाचार करार दिया था।

पीठ ने कहा कि इससे न सिर्फ आम जनता का विश्वास टूटता है, बल्कि नियुक्ति सुनिश्चित करने के लिए योग्य उम्मीदवार को पारदर्शी मौका देने से भी वंचित करता है। पीठ ने माना कि कि नियुक्ति में निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया का पालन करने के संबंध में ठोस सामग्री के अभाव में ट्रायल कोर्ट ने आरोपियों के इस दावे को सही तरीके से ठुकराया है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग नहीं है या फिर उनका बेईमानी का कोई इरादा नहीं था।

पीठ ने कहा कि ऐसे में इस अदालत की राय है कि ट्रायल कोर्ट ने विस्तृत तर्कपूर्ण आदेश में प्रथम दृष्टया सही निष्कर्ष है कि आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सामग्री है। ऐसे में याचिकाकर्ता स्वाति मालीवाल की अपील याचिका खारिज की जाती है।

ट्रायल कोर्ट ने पूर्व डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष और भाजपा विधायक बरखा शुक्ला सिंह की शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी पर स्वाति समेत अन्य के विरुद्ध भ्रष्टाचार विरोधी कानून के तहत आठ दिसंबर 2022 को आरोप तय किए थे। अभियोजन पक्ष का आरोप है कि स्वाति समेत अन्य ने आपराधिक साजिश रचकर उचित प्रक्रिया का पालन किए बगैर डीसीडब्ल्यू के विभिन्न पदों पर आप कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की। छह अगस्त 2015 से एक अगस्त 2016 के बीच डीसीडब्ल्यू में 90 नियुक्तियां की गईं।