Delhi Najafgarh Lake: नजफगढ़ झील के आसपास सुधरेगी व्यवस्था, सुनाई देगी पक्षियों की चहचहाहट
Najafgarh Lake News अब झील को पुनर्जीवित करने का काम शुरू होगा। साथ ही उन तमाम चीजें जिनके मौजूदगी से यहां के प्राकृतिक माहौल में बाधा पहुंच रही है उन्हें भी दूर किया जाएगा। नजफगढ़ झील के आसपास पक्षियों की चहचहाहट सुनाई देगी
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। नजफगढ़ झील (Najafgarh Lake) में वन विभाग द्वारा बीते एक वर्ष से जारी जैव-विविधता का मूल्यांकन कार्य अब पूरा कर लिया गया है। अब झील के प्राकृतिक स्वरूप और यहां के वातावरण को ध्यान में रखकर योजना तैयार की जाएगी। नजफगढ़ झील के लिए कई एजेंसियां मिलकर पर्यावरण प्रबंधन योजना तैयार कर रही हैं। जिसका मकसद इस झील को घोषित वेटलैंड का दर्जा दिलाना है ताकि यह संरक्षित हो सके।
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नजफगढ़ झील में जैव-विविधता का मूल्यांकन कार्य वर्ष 2021 में शुरू हुआ था। इस मूल्यांकन के माध्यम से नजफगढ़ झील में कितने प्रकार के पक्षी व प्रजातियां रहती हैं, उसकी जानकारी प्राप्त हुई है। मूल्यांकन की रिपोर्ट राज्य वेटलैंड प्राधिकरण को सौंप दी गई है।
पीडब्ल्यूडी, बाढ़ नियंत्रण एवं सिंचाई विभाग, राज्य वेटलैंड प्राधिकरण व डिस्काम (वितरण कंपनियां) द्वारा तैयार की जा रही पर्यावरण प्रबंधन योजना के तहत झील के बहाव को रोकने वाले सभी रुकावटी तत्वों को हटाया जाएगा। साथ ही उन तमाम चीजें, जिनके मौजूदगी से यहां के प्राकृतिक माहौल में बाधा पहुंच रही है उन्हें भी दूर किया जाएगा। इसके अलावा यहां एक पावर सब-स्टेशन भी स्थापित किया जाएगा।
राज्य वेटलैंड प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि नजफगढ़ झील का मूल्यांकन कार्य पूरा होने के बाद अब पर्यावरण प्रबंधन योजना के तहत काम जल्द ही शुरू हो सकेगा। पर दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा की ओर से भी इस दिशा में पहल करने की जरूरत है, क्योंकि झील का एक बड़ा हिस्सा हरियाणा की सीमा में आता है। उन्होंने कहा कि झटीकरा में बहाव का प्रबंधन करने के लिए रेगुलेटर बनाने का काम करीब दो से तीन सालों में पूरा होगा।
वहीं पीडब्ल्यूडी विभाग को कहा गया है कि आसपास के गांव वालों के लिए वैकल्पिक सड़क बनाए ताकि उनके आने जाने से झील के जीव प्रभावित न हो। उधर, वन विभाग ने भी नवंबर में ही यहां टेंडर कर दिया है कि नजफगढ़ नाले के दोनों तरफ 30 प्रमुख पक्षियों की प्रजातियों के साइन बोर्ड लगाएं।