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Tablighi Jamaat case: मदरसे की आड़ में कैसे बनाया तब्लीगी मरकज का मुख्यालय, पढ़िए- पूरा खुलासा

Tablighi Jamaat case200 गज के घर में रहने वाले मौलान साद ने अरबों की संपत्ति का सफर आखिर दो दशक में कैसे तय किया यह पुलिस के लिए चुनौती बन गया है।

By JP YadavEdited By: Updated: Tue, 05 May 2020 10:07 AM (IST)
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Tablighi Jamaat case: मदरसे की आड़ में कैसे बनाया तब्लीगी मरकज का मुख्यालय, पढ़िए- पूरा खुलासा
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। Tablighi Jamaat case: तब्लीगी मरकज मामले की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और प्रवर्तन निदेशालय के लिए मौलाना मोहम्मद साद की संपत्ति एक मकड़जाल बनती जा रही है। 200 गज के घर में रहने वाले मौलान साद ने अरबों की संपत्ति का सफर आखिर दो दशक में कैसे तय किया और इसमें कौन-कौन से पड़ाव पड़े यह पता करने में जांच एजेंसियों को पसीना छूट रहा है।

सूत्रों के मुताबिक कुछ समय पहले ही 25 करोड़ रुपये की संपत्ति खरीदने की जानकारी जांच एजेंसी को मिली है, यह संपत्ति भी काली कमाई से खरीदे जाने की आशंका जताई जा रही है। तब्लीगी मरकज से देश में कोरोना का संक्रमण फैलने के बाद जांच एजेंसियों की रडार पर आए मौलाना मुहम्मद साद की संपत्ति कुबेर के खजाने की तरह जितनी पता करो उतनी ही बढ़ती जा रही है।

जांच एजेंसियों की मानें तो भारत में मुगल साम्राज्य के आखिरी शहंशाह और उर्दू के मशहूर शायर बहादुर शाह जफर के बहनोई ने मौलाना साद के परदादा को तब्लीगी मरकज वाली जमीन मदरसा चलाने के लिए दी। मदरसे की आड़ में मौलाना साद के चाचा ने यहां तब्लीगी मरकज का मुख्यालय बना लिया। वहीं मरकज परिसर में 200 वर्गमीटर में खुद के रहने के लिए मकान बनाया था। इसे धीरे-धीरे अवैध तरीके से पांच मंजिल का बना लिया था।

बताया जा रहा है कि मरकज में ही मौलाना मुहम्मद साद का जन्म हुआ था। बालिग होने के बाद उसने उत्तर प्रदेश के शामली स्थित गांव में एक छोटा सा प्लाट खरीदा था। चाचा की मृत्यु के बाद वह मरकज का प्रमुख बना। इसके बाद बेशुमार दौलत की बारिश होने लगी। इसके बाद कुछ ही साल बाद उसने अपने गांव में ही करोड़ों का फार्म हाउस खरीद लिया। वहीं दिल्ली के जाकिर नगर व हजरत निजामुद्दीन में साद के दो घर हैं।

अब पता चला है कि दिल्ली में एक अन्य जगह पर उसने कुछ समय पहले 25 करोड़ रुपये की संपत्ति खरीदी है। जांच एजेंसियां अब यह पता कर रही हैं कि इस संपत्ति को खरीदने के लिए धन कहां से आया। इसे खरीदने में कहीं मरकज की काली कमाई का इस्तेमाल तो नहीं हुआ है।

गृह मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट, कार्यक्रम में आए थे 16,500 जमातीक्राइम ब्रांच को जांच से यह भी पता चला है कि 13-15 मार्च के बीच मरकज में होने वाले विशेष आयोजन में भाग लेने के लिए देश-विदेश से करीब 16,500 जमाती आए थे। मरकज के पास मिले विभिन्न मोबाइल कंपनियों के डंप डाटा व अन्य तरीके से जांच के बाद दिल्ली पुलिस इस निष्कर्ष पर पहुंची है। इसकी रिपोर्ट तैयार कर दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय को सौंप दी है। ये सभी 17 राज्यों व कुछ केंद्र शासित प्रदेशों के अलावा विदेश से आए थे।

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