Tablighi Jamaat Case: क्वारंटाइन में रखे गए जमातियों को तत्काल रिहा करने की मांग, HC में याचिका दायर
Tablighi Jamaat case तब्लीगी जमात से संबंधित सभी लोगों को तत्काल रिहा करने की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में याचिका दायर की गई है।
By JP YadavEdited By: Updated: Thu, 14 May 2020 01:15 PM (IST)
नई दिल्ली, एएनआइ। Tablighi Jamaat case: तब्लीगी जमात से संबंधित सभी लोगों को तत्काल रिहा करने की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि उन्हें क्वारंटाइन सेंटर में रखने के नाम पर 35 दिनों से अधिक समय तक हिरासत में रखा गया है। अपुष्ट सूत्रों के मुताबिक, इस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है।
850 विदेशी जमातियों के वीजा व पासपोर्ट रदतब्लीगी मरकज में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए सभी 850 विदेशी जमातियों का वीजा व पासपोर्ट रद कर दिया गया है। क्राइम ब्रांच इन सभी से पूछताछ कर रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपेगी। इसके आधार पर ही इनके प्रत्यार्पण का केंद्र सरकार फैसला करेगी। इधर दिल्ली सरकार ने इन सभी को पुलिस को सौंपने का निर्णय लिया है, लेकिन पुलिस ने कुछ दिन और उन्हें क्वारंटाइन रखने का दिल्ली सरकार से अनुरोध किया है। इनके खिलाफ 14 विदेशी अधिनियम व महामारी अधिनियम के तहत केस दर्ज है।
क्राइम ब्रांच के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक कोरोना वैश्विक महामारी घोषित हो जाने के बावजूद ये लोग विदेशों से भारत क्यों आए? ये लोग टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे और वीजा एक्ट का उल्लंघन कर धार्मिक आयोजन में भाग लिया था। इनकी मंशा भारत में कहीं कोरोना का संक्रमण फैलाने की तो नहीं थी। इससे संबंधित सवाल पूछे जाएंगे। मंशा गलत पाए जाने पर इनके खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र भी दायर किया जाएगा।
तब्लीगी मरकज के प्रमुख मौलाना मुहम्मद साद ने 13 से 15 मार्च के बीच मरकज में विशेष आयोजन रखा था। जिसके लिए कई देश के लोगों को निमंत्रण भेजा गया था। जिस समय साद ने यह आयोजन रखा उस समय देश में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलना शुरू हो गया था।
फिर भी साद ने इसकी अनदेखी की और विदेशों से लोगों को आयोजन में शामिल होने के लिए बुलाया था। विदेशों से आने वाले लोगों से साद चंदे के तौर पर मोटी रकम लेता था। चंदे के पैसे से साद बेशुमार दौलत अर्जित कर चुका है। क्राइम ब्रांच व ईडी इसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच में जुटी हुई है। पहले कोरोना का संक्रमण व अब रमजान की वजह से जांच एजेंसी इनके साथ सख्ती से पेश नहीं आ रही है।
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