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'कर्मचारियों का वेतन न देने वालों पर करें कार्रवाई, नहीं तो करेंगे निलंबित'; दिल्ली HC ने सरकार को लगाई फटकार

Delhi News वन स्टाफ सेंटर के कर्मियों का कई महीने से वेतन नहीं मिलने पर आज दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार पर तीखी टिप्पणी की। मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि कर्मचारियों को वेतन जारी नहीं करने वाले अधिकारियों को तुरंत निलंबित किया जाए नहीं तो फिर हम कार्रवाई करेंगे।

By Vineet Tripathi Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Tue, 19 Nov 2024 10:34 PM (IST)
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कर्मचारियों का वेतन न देने वालों को करें तत्काल निलंबित-दिल्ली हाईकोर्ट। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। वन स्टाफ सेंटर के कर्मचारियों का कई महीने से वेतन नहीं जारी होने के मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली सरकार को आड़े हाथ लिया।

पोक्सो मामले से जुड़ी एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए एडिशनल मुख्य सचिव (एसीएस) आशीष चंद्र वर्मा को अदालत ने जमकर फटकार लगाई।

मुख्य न्यायाधीश मनमोहन व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने मौखिक रूप से एसीएस से दो टूक कहा कि कर्मचारियों को वेतन जारी नहीं करने वाले अधिकारियों को तुरंत निलंबित करें और उनकी जवाबदेही तय की जाए।

मामले में ताजा स्थिति रिपोर्ट पेश करने का दिया निर्देश 

साथ ही यह भी चेतावनी दी कि आप (एसीएस) निलंबित करें वरना हम आपको निलंबित करेंगे। साथ ही अदालत ने एसीएस को कर्मचारियों के लंबित वेतन को जारी करने और मामले में ताजा स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।

अदालत ने उक्त टिप्पणी व निर्देश बचपन बचाओ आंदोलन की पोक्सो मामले से जुड़ी एक जनहित याचिका पर की। सुनवाई के दौरान वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए एसीएस ने वेतन जारी नहीं होने की खामी को स्वीकार किया। साथ ही मामले पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने व व्यवस्था बनाने के लिए अदालत से कुछ समय देने की मांग की।

'लोगों को वेतन नहीं मिलेगा तो वे काम कैसे करेंगे'

वहीं, बचपन बचाओ आंदोलन की तरफ से पेश हुई अधिवक्ता प्रभसहाय कौर ने पीठ को सूचित किया कि दिल्ली के 11 वन स्टाफ सेंटर के कर्मचारियों को कई महीने से वेतन नहीं दिया जा रहा है। इसके कारण वन स्टाफ सेंटर में काम के साथ ही पोक्सो पीड़ितों से जुड़े मामले प्रभावित हो रहे हैं।

इस पर अदालत ने एसीएस से पूछा कि ऐसे में जब वेतन के लिए केंद्र सरकार से फंड जारी किया जा चुका है, तो फिर कर्मचारियों को वेतन क्यों नहीं जारी किया जा रहा है। अदालत ने पूछा कि सवाल यह है कि जब लोगों को वेतन नहीं मिलेगा तो वे काम कैसे करेंगे। छह से सात महीने बीतने के बाद भी वेतन नहीं दिया जा रहा है।

अदालत ने कहा कि यहां कोई महाराजा नहीं है कि आपका जब मन करेगा तब आप वेतन नहीं जारी कर सकते हैं। अदालत ने कहा कि जमीनी स्तर पर काम करने वाले कर्मचारियों को वेतन नहीं देने वाले को दंडित किया जाना चाहिए। अदालत ने एसीएस से पूछा कि क्या आपका विभाग संवेदनशील नहीं है कि लोगों को वेतन नहीं दिया जा रहा है।

एएससी ने कहा कि वह मानते हैं कि वेतन जारी करने में खामियां हैं और इसे ठीक करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगली सुनवाई पर वह मामले पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के साथ ही व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सख्त कदम उठाएंगे।

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