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Delhi: कोमा में रहते हुए किशोरी का हुआ लिवर ट्रांसप्लांट, दो दिन बाद होश में आई; मां ने दिया बेटी को नया जीवनदान

अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार विल्सन की बीमारी के कारण लिवर में तांबा अधिक एकत्रित हो जाता है। इससे लिवर सहित महत्वपूर्ण अंग खराब होने लगते हैं। गंगाराम अस्पताल में उसके इस दुर्लभ बीमारी का इलाज चल रहा था और काफी हद तक उसे इस बीमारी से राहत मिल गई थी। उस किशोरी की मां ने अपना लिवर दान कर उसे नया जीवन दिया।

By Ranbijay Kumar Singh Edited By: Sonu Suman Updated: Fri, 17 May 2024 03:30 PM (IST)
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कोमा में रहते हुए किशोरी का हुआ लिवर ट्रांसप्लांट, दो दिन बाद होश में आई।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। विल्सन नामक जन्मजात दुर्लभ बीमारी और इसके बाद हेपेटाइटिस 'ए' के संक्रमण के कारण 13 वर्षीय एक किशोरी कोमा में चली गई। उसके लिवर ने काम करना बंद कर दिया था। गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों ने हाल ही में उसके कोमा में रहते हुए उसे लिवर प्रत्यारोपण सर्जरी की। इसके दो दिन बाद ही वह कोमा से बाहर आ गई। उस किशोरी की मां ने अपना लिवर दान कर उसे नया जीवन दिया।

अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार विल्सन की बीमारी के कारण लिवर में तांबा अधिक एकत्रित हो जाता है। इससे लिवर सहित महत्वपूर्ण अंग खराब होने लगते हैं। गंगाराम अस्पताल में उसके इस दुर्लभ बीमारी का इलाज चल रहा था और काफी हद तक उसे इस बीमारी से राहत मिल गई थी। इसी बीच उसे हेपेटाइटिस एक के संक्रमण के कारण लिवर खराब हो गया और उसकी परेशानी बढ़ गई। उसे खून की उल्टी शुरू हो गई।

दो हफ्ते पहले कोमा में चली गई

हालत ज्यादा खराब होने के कारण वह करीब दो सप्ताह पहले कोमा में चली गई। ऐसी स्थिति में लिवर प्रत्यारोपण के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उसकी मां ने लिवर दान किया। अस्पताल के लिवर प्रत्यारोपण विभाग के निदेशक डॉ. उषास्त धीर के नेतृत्व में 12 घंटे में उसे लिवर प्रत्यारोपण किया गया। डॉ. धीर ने कहा कि यह चुनौतीपूर्ण सर्जरी थी।

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