Delhi Heat: 10 साल में 7 डिग्री बढ़ा तापमान, बढ़ रही गर्म क्षेत्रों की भी संख्या; स्टडी में सामने आए चौंकानेवाले तथ्य
एक अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार मई 2014 में औसत तापमान 30-33 डिग्री सेल्सियस के बीच था। कुछ ही इलाके ऐसे थे जहां का तापमान 33.1 से 34.0 डिग्री सेल्सियस रहा। इसमें भी ज्यादातर उत्तरी एवं दक्षिण पश्चिमी दिल्ली के बाहरी इलाके थे। लेकिन 2022 में दिल्ली के ज्यादातर इलाकों का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहा। पूर्वी व मध्य दिल्ली में 36-40 डिग्री सेल्सियस के बीच रहे।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। देश की राजधानी साल दर साल और गर्म होती जा रही है। तापमान ही नहीं बढ़ रहा बल्कि यहां ऐसे क्षेत्रों (हीट आइलैंड) की संख्या भी बढ़ती जा रही है, जहां का तापमान दिल्ली के औसत तापमान से अधिक जा रहा है। सेंटर फार साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) की एक अध्ययन रिपोर्ट में सामने आया है कि पिछले दस साल के दौरान राजधानी के औसत तापमान में भी सात डिग्री की वृद्धि दर्ज की गई है।
इस अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार मई 2014 में औसत तापमान 30-33 डिग्री सेल्सियस के बीच था। कुछ ही इलाके ऐसे थे, जहां का तापमान 33.1 से 34.0 डिग्री सेल्सियस रहा। इसमें भी ज्यादातर उत्तरी एवं दक्षिण पश्चिमी दिल्ली के बाहरी इलाके थे। लेकिन 2022 में दिल्ली के ज्यादातर इलाकों का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहा। पूर्वी व मध्य दिल्ली के कुछ इलाके ही 36-40 डिग्री सेल्सियस के बीच रहे।
कंक्रीट वाले इलाकों की हवा पूरी तरह शुष्क
सेटेलाइट डेटा के आधार पर की गई मैपिंग से पता चला कि दिल्ली के औसत तापमान में बढ़ोतरी की शुरुआत 1998 से हुई थी, लेकिन 2014 के बाद से इसमें तेजी से इजाफा हुआ। एक दशक के तापमान में सात डिग्री का फर्क आ गया है। विशेषज्ञ बताते हैं कि सामान्य से अधिक गर्म रहने वाले इलाके स्थानीय मौसम पर भी सीधा असर डाल रहे हैं। गर्म इलाकों में अपेक्षाकृत कम वर्षा होती है, जबकि हरे-भरे इलाकों में ज्यादा। वजह, हरे क्षेत्र हवा की नमी खींच लेते हैं, जबकि कंक्रीट वाले इलाकों की हवा पूरी तरह शुष्क रहती है।अब अगर इस साल की बात करें तो नजफगढ़, मुंगेशपुर, जाफरपुर जैसे बाहरी दिल्ली के इलाकों में ज्यादा तापमान रिकार्ड हो रहा है। कारण यही कि इस समय फसलें कट गई हैं और तुलनात्मक रूप से हरियाली नहीं है। सघन आबादी वाले यह इलाके पथरीले भी हैं। इसके मिले-जुले असर से यहां का तापमान बाकी दिल्ली से कहीं ज्यादा है।
सीएसई की रिपोर्ट के मुताबिक हर दो साल में ऐसे बढ़े गर्म इलाके
- 2014: उत्तरी दिल्ली का बवाना।
- 2016: नजफगढ़, रोहिणी, राजौरी गार्डन, नरेला समेत दूसरे इलाके।
- 2018: संगम विहार, बदरपुर, जैतपुर, पालम, आईजीआई एयरपोर्ट।
- 2022: जाफरपुर, छतरपुर, मुंगेशपुर, मुंडका, शाहदरा।
- 2024: लोधी रोड, रिज, पूसा, राजघाट।
गर्मी और गर्म इलाकों में इसलिए हो रहा इजाफा
सीएसई के मुताबिक सबसे बड़ी वजह निर्माण स्थलों में बढ़ोतरी है। इसके अलावा घनी बसावट, वाहनों की ज्यादा संख्या, आवासीय एवं व्यावसायिक परिसरों की संख्या बढ़ने से तापमान में वृद्धि, प्रदूषक की मात्रा बढ़ने के साथ जमीन के नजदीक ओजोन का स्तर भी बढ़ना है।
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