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हाई कोर्ट ने विदेश मंत्रालय के अधिकारी से कहा सउदी दूतावास से करें संपर्क

दिल्ली हाइकोर्ट ने विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से सऊदी दूतावास के उप प्रमुख के साथ कोआर्डिनेट करने के लिए कहा है। दरअसल कुछ दिन पहले एक भारतीय नागरिक की सऊदी अरब में मुस्लिम रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया था।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Thu, 18 Mar 2021 04:42 PM (IST)
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दिल्ली हाइ कोर्ट ने विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से सऊदी दूतावास के साथ कोआर्डिनेट करने के लिए कहा है।

नई दिल्ली, एएनआइ। एक भारतीय हिंदू नागरिक का सउदी अरब में मुस्लिम रीति-रिवाज से हुए अंतिम संस्कार के मामले में बृहस्पतिवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। मृतक संजीव कुमार की पत्नी अंजू शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने विदेश मंत्रालय के अधिकारी से कहा कि आज ही दिल्ली में सउदी अरब दूतावास में संपर्क करें और मृतक अस्थियां लाने के लिए कार्य शुरू करें।

न्यायमूर्ति ने कहा कि 24 मार्च तक इस संबंध में की गई कार्रवाई से सूचित करें। उन्होंने कहा कि यह अदालत की गुजारिश है और मामले की संवेदनशीलता को समझते हुए इस पर काम करें।

पिछली सुनवाई पर हाई कोर्ट ने इस पर विदेश मंत्रालय से जवाब मांगा था। इसके चलते विदेश मंत्रालय की तरफ से काउंसलर पासपोर्ट वीजा डिविजन (सीपीडी) के निदेशक विष्णु शर्मा ने हाई कोर्ट को बताया कि इस संबंध में सउदी में भारतीय दूतावास और सउदी सरकार के संबंधित विभाग से पत्राचार किया गया है। मृतक का शव गैर मुस्लिम कब्रिस्तान में दफनाया गया है।

इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि मसला यह नहीं है कि शव गैर मुस्लिम कब्रिस्तान में दफनाया गया है या मुस्लिम कब्रिस्तान में। मसला यह है कि हिंदू के शव को दफनाया क्यों गया? इस पर उन्होंने कहा कि मृतक जिस जगह काम करते थे, उन्होंने अनुवाद में गलती की थी और इस कारण यह सब हुआ।

मूलरूप से हिमाचल प्रदेश के ऊना की रहने वाली अंजू शर्मा ने अधिवक्ता सौरभ चंद के माध्यम से याचिका दायर कर उनके पति के शव की अस्थियों को भारत लाने के संबंध में निर्देश देने की मांग की थी। अंजू की तीन बेटियां हैं और उनके पति संजीव बीते 23 साल से सउदी अरब में ट्रक चालक का काम करते थे। तीन साल से वह भारत नहीं आ सके थे।

24 जनवरी को संजीव की डायबिटीज, हाईपरटेंशन और हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। याचिका के अनुसार सउदी अबर के अस्पताल द्वारा जारी किया गया मृत्यु प्रमाण पत्र अरबी भाषा में था। फारसी का अनुवाद करने में गलती हुई और संजीव का धर्म मुस्लिम दर्ज कर दिया गया। जिसके कारण 18 फरवरी को संजीव को सऊदी अरब में मुस्लिम रीति रिवाज से दफना दिया गया।