प्रकृति की गोद में सक्रिय और शांत होता है दिमाग, रिसर्च में सामने आए चौंकाने वाले नतीजे
आइआइटी दिल्ली के यूजर एक्सपीरियंस लैब में प्रो. पूजा साहनी और ज्योति कुमार ने 53 लोगों पर यह शोध किया है। पूजा साहनी ने बताया कि उन्होंने हरियाली का लोगों के दिमाग पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन किया।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Sun, 23 May 2021 11:30 AM (IST)
नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। प्रकृति और मनुष्य का गहरा नाता है। हरियाली बरबस ही हमें अपनी ओर खींच लेती है। हरे पत्तों से छनकर बहती हवा सुकून देती है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) दिल्ली ने अपने एक अध्ययन में दावा किया है कि प्रकृति के सानिध्य से दिमाग शांत एवं अत्यधिक सक्रिय हो जाता है। 15 मिनट तक हरियाली को देखना, पौधों की देखभाल करना भी बहुत लाभदायक साबित होता है।
आइआइटी दिल्ली के यूजर एक्सपीरियंस लैब में प्रो. पूजा साहनी और ज्योति कुमार ने 53 लोगों पर यह शोध किया है। पूजा साहनी ने बताया कि उन्होंने हरियाली का लोगों के दिमाग पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन किया।इसके लिए इलेक्ट्रोएन्सेफेलोग्राफी यानी ईईजी का सहारा लिया गया। प्रयोगशाला में प्रवेश करते ही शोध में शामिल लोगों को विज्ञानियों द्वारा टास्क दिया गया। इसके तहत विभिन्न पैटर्न वाले तीर के निशान में से किसी एक पैटर्न को चुनना था। पहली बार टास्क पूरा करने के बाद अध्ययन में शामिल लोगों को 15 मिनट तक प्राकृतिक वीडियो दिखाए गए। प्रकृति का सानिध्य महसूस हो इसके लिए लैब में पौधे रखे गए, खुशबू का इंतजाम किया गया था। 15 मिनट बाद पूर्व में दिया गया टास्क एक बार फिर दिया गया। बकौल साहनी, शुरुआत में सभी लोगों के दिमाग में कई गतिविधियां संचालित हो रहीं थीं। भटकाव और हलचल ज्यादा थी। सवाल के जवाब में वह समय भी ज्यादा ले रहे थे। लेकिन, 15 मिनट तक प्रकृति के साथ जुड़ाव के बाद जब दोबारा वही टास्क दिया गया तो नतीजा चौंकाने वाला था। उनका दिमाग शांत होने के साथ ही ज्यादा सक्रिय था। सभी ने बहुत कम समय में बिल्कुल सटीक जवाब दिया।
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