दिसंबर, 2017 से बंद है शेरशाह सूरी द्वारा बनवाया गया स्मारक
Sher Shah Suri News दिसंबर 2017 में इस गेट के संरक्षण का काम शुरू किया गया था। मगर कुछ माह बाद ही बंद हो गया। बताया जा रहा है कि एएसआइ इस कार्य को अपने कर्मचारियों से करा रहा था।
By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Mon, 07 Feb 2022 01:44 PM (IST)
नई दिल्ली [वी.के. शुक्ला]। देश को सबसे लंबी सड़क देने वाले शेरशाह सूरी द्वारा बनाए गए गेट (द्वार) स्मारक पर लगा ताला अब खुलेगा। इससे पहले दिसंबर 2017 में इस गेट के संरक्षण का काम शुरू किया गया था। मगर कुछ माह बाद ही बंद हो गया। बताया जा रहा है कि एएसआइ इस कार्य को अपने कर्मचारियों से करा रहा था। मगर एएसआइ द्वारा निकाले गए अस्थायी कर्मचारियों के कारण यह कार्य भी बंद हो गया। उसके बाद एएसआइ ने इस कार्य के लिए टेंडर निकाले थे। मगर कोई कंपनी काम लेने नहीं आई। इसके चलते यह कार्य फिर से शुरू नहीं हो सका है। लिहाजा अब स्मारक में पर्यटकों के प्रवेश की अनुमति नहीं है।
दिल्ली के मशहूर 13 दरवाजों में से एकइस गेट को शेरशाह सूरी ने वर्ष 1540 में बनवाया था। यह दिल्ली के प्रवेश द्वारों में से एक है। इसकी ऊंचाई 15.5 मीटर है। यह पुराने किले के सामने स्थित है। यह दिल्ली के मशहूर 13 दरवाजों में से एक है। इसकी मरम्मत नहीं किए जाने से यह बंद है।
16वीं शताब्दी में जीटी रोड का कराया था पुनर्निमाणकरीब 2500 किमी लंबे जीटी रोड को देश के सबसे पुराने और लंबे सड़क मार्ग के तौर पर जाना जाता है। यह दक्षिण एशिया के सबसे पुराने और लंबे रास्तों में से एक है। यह मार्ग हावड़ा के पश्चिम में स्थित बांग्लादेश के चटगांव से शुरू होकर लाहौर (पाकिस्तान) होते हुए अफगानिस्तान के काबुल तक जाता है। दो सदियों से ज्यादा वक्त तक इस मार्ग ने भारतीय उपमहाद्वीप के पूर्वी और पश्चिमी भागों को जोड़ने का काम किया था।
पूर्व में इसे उत्तर पथ, शाह ऱाह-ए-आजम, सड़क-ए-आजम और बादशाही सड़क के नाम पर जाना जाता था। यह मार्ग मौर्य साम्राज्य के वक्त अस्तित्व में आया था। इसका पुनर्निमाण शेरशाह सूरी ने कराया था। सड़क का काफी हिस्सा वर्ष 1833 से 1860 के बीच ब्रिटिश शासन द्वारा उन्नत तरीके से बनाया गया था। अब भी यह सड़क बांग्लादेश, भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान को जोड़ती है।
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