'दुनिया देखेगी संस्कृति की ताकत', कल से दिल्ली में शुरू हो रहा विश्व धरोहर बैठक; कई देश करेंगे शिरकत
दुनिया में भारत की रक्षा शक्ति और स्वावलंबन की ही खनक नहीं है यहां की संस्कृति और कला के आकर्षण में तो हर देश झलकता है। कल से आयोजित होने जा रहे विश्व धरोहर समिति सम्मेलन में विदेशी मेहमानों के समक्ष दिल्ली भारत को दिल खोलकर प्रस्तुत करना चाहती है। देशभर के विभिन्न हिस्सों से आए कलाकारों ने कई कलाकृति स्क्रैप से तैयार की है।
शनि पाथौली, दक्षिणी दिल्ली। विश्व धरोहर समिति की बैठक में राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले विदेशी मेहमान भारतीय संस्कृति और कला से रूबरू होंगे। मेहमानों के स्वागत को लेकर संस्कृति मंत्रालय कोई भी कसर नहीं छोड़ रहा है।
इसके तहत भारत मंडपम (Bharat Mandapam) को ऑटोमोबाइल स्क्रैप बनी भारतीय संस्कृति को दर्शाती कलाकृतियों से सजाया जाएगा। यह कलाकृति महिला सशक्तिकरण से लेकर भारत के पौराणिक इतिहास को बयां कर रही है। इन्हें दक्षिणी दिल्ली के गढ़ी गांव से बृहस्पतिवार को भारत मंडपम में सजाने के लिए भेज दिया गया।
विश्व धरोहर समिति की बैठक 21 जुलाई से भारत मंडपम में शुरू हो जाएगी। इसमें दुनिया के विभिन्न देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। विदेशी मेहमानों के स्वागत के लिए भारत मंडपम को जी 20 की तर्ज पर संवारा जा रहा है। इसके तहत संस्कृति मंत्रालय द्वारा भारत मंडपम को सजाने के लिए अलग अलग संदेश देने वाली कलाकृतियों को वाहनों के स्क्रैप से बनवाया गया है।
देशभर के विभिन्न हिस्सों से आए कलाकारों ने दक्षिणी दिल्ली के ईस्ट आफ कैलाश के गढ़ी गांव में ललित कला अकादमी में कलाकृतियों को बनाया है। स्क्रैप से बनाई कलाकृतियों में टाय आफ इंडिया, महिला सशक्तिकरण, सांची टोरना, अग्नि तत्व, भू देवी और रीजेनरेशन शामिल है।
50 टन से ज्यादा स्क्रैप से 20 दिन में बनाई कलाकृति
सभी कलाकृतियों को बनाने में 50 टन से ज्यादा स्क्रैप का इस्तेमाल किया गया है। इसमें से कुछ स्क्रैप को भारत सरकार ने अलग अलग जगह से खरीदा भी है। खास बात यह है कि कलाकारों ने इन्हें मात्र 20 दिन में तैयार कर लिया। उन्हें विश्व धरोहर समिति की बैठक (world heritage committee Meeting) से पहले तैयार करने का समय दिया गया था, ताकि बैठक से पहले कलाकृतियों को भारत मंडपम में सजाया जा सके।अग्नि तत्व पर लिखा गायत्री मंत्र व नौ हवन कुंड बनाए
अग्नि तत्व की कलाकृति पर गायत्री मंत्र लिखा गया है। इसे बनाने वाले कलाकार योगेश के प्रजापति ने बताया कि अग्नि तत्व पर नौ हवन कुंड भी बनाए गए हैं। इसे बनाने में करीब डेढ़ हजार किलोग्राम स्क्रैप का इस्तेमाल किया गया है। योगेश ने बताया कि अग्नि तत्व एक जलती लो की तरह बनाया गया है। यह भारत के दार्शनिक ज्ञान को दर्शाता है।
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