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एक्टर महेंद्र मेवाती का मुंबई में संदिग्ध हालात में निधन, कहलाते थे अभिनय के बादशाह

बेहद कम फिल्मोें में काम कर चुके महेंद्र मेवाती बॉलीवुल में गुमनाम सही, लेकिन थिएटर की दुनिया में फिलहाल उनका कोई मुकाबला करने वाला था।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 10 Jan 2019 08:50 AM (IST)Updated: Thu, 10 Jan 2019 11:04 AM (IST)
एक्टर महेंद्र मेवाती का मुंबई में संदिग्ध हालात में निधन, कहलाते थे अभिनय के बादशाह

नई दिल्ली, जेएनएन। थिएटर की दुनिया की नामी शख्सियत और बेहतरीन अभिनेता महेंद्र मेवाती की मुंबई में संदिग्ध हालात में मौत हो गई। बेहद कम फिल्मोें में काम कर चुके महेंद्र मेवाती बॉलीवुल में गुमनाम सही, लेकिन थिएटर की दुनिया में फिलहाल उनका कोई मुकाबला करने वाला था। 

महेंद्र मेवाती के जानकार और साथी अभिनेता जतिन सरना के मुताबिक, बुधवार सुबह उनकी मौत की जानकारी मिली। उनके करीबियों की मानें तो उनकी मौत मंगलवार रात हुई थी, लेकिन पता बुधवार सुबह चला। दरअसल, वे इन दिनों मुंबई में वर्सोवा में रहकर अपने निर्देशन में एक नाटक तैयार करवा रहे थे। 

मंगलवार रात को तबीयत खराब होने पर उन्होंने हल्का भोजन किया और फिर सो गए। सुबह जब नाटक की  रिहर्सल के लिए कलाकार पहुंचे तो  महेंद्र मेवाती के मुंह से खून निकला था। तत्काल इसकी जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस ने जांच पड़ताल के उनका शव कूपर अस्पताल में पोस्टमार्टम  के लिए भिजवा दिया। इसके साथ ही इसकी  जानकारी उनके परिजनों को दी गई। 

अविवाहित थे महेंद्र
महेंद्र मेवाती अविवाहित थे और मुंबई भी कुछ दिन पहले ही गए थे। यहां पर बता दें कि महेंद्र मेवाती का जन्म 1970 में मध्य प्रदेश के सागर जिले में हुआ था। पेशे से अभिनेता महेंद्र मेवाती ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (National school of drama) से अभिनय की बारीकियां सीखी थीं। अभिनय में मंझे महेंद्र मेवाती नाटकों का निर्देशन भी करते थे।

जादुई अभिनय झमता वाले महेंद्र मेवाती ने कई सारी बॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया है। 'भाग मिल्खा भाग' में दिव्या दत्ता के पति का किरदार लोगों ने खूब सराहा था। इसके अलावा वे 'तेवर' और 'चिंटू जी' फिल्म में भी काम कर चुके थे।

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) से प्रशिक्षित एवं प्रतिभाशाली फिल्म कलाकार महेंद्र मेवाती अंबिकापुर से जुड़े थे। महेंद्र मेवाती ने थिएटर में ऊंचाइयां हासिल की थी। नाटक औरंगजेब, अपराध और सजा, थैंक्यू बाबा लोचन दास सहित फिल्मों में भाग मिल्खा भाग, तेवर, केदारनाथ में सशक्त भूमिकाएं निभाईं थी।

उन्होंने अंबिकापुर में होली, ताजमहल का टेंडर एवं बगिया बांछाराम की जैसे नाटकों के जरिए लोगों के दिलों में स्थान बनाया। वे शहर के वरिष्ठ प्राध्यापक स्व. प्रो. मेवाती के बड़े पुत्र थे। उनके निधन पर लोगों ने श्रद्धांजलि दी है।


 

यहां पर बता दें कि अंबिकापुर में रंगमंच को एक नाम देने में जिन कलाकारों ने बाद में प्रमुख भूमिका निभाई उनमें फिल्म अभिनेता अंबिकापुर निवासी महेंद्र मेवाती जिन्होंने एनएसडी में कई नाटक किए और कई फिल्मों में भी नजर आए थे। 

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