Delhi Rain: बारिश के बाद डेंगू और चिकनगुनिया के साथ बढ़ा इन बीमारियों का खतरा, बरतें ये सावधानी
दिल्ली में हुई 24 घंटे की बारिश के बाद कई बीमारियों के बढ़ने का खतरा बढ़ गया है। जिनमें प्रमुख तौर पर डेंगू चिकनगुनिया डायरिया और हेपेटाइटिस ए जैसी बीमारियां शामिल हैं। दिल्ली में अप्रैल तक ही डेंगू के 193 मामले सामने आए हैं। ऐसे में डॉक्टरों की सलाह है कि घर के आसपास कहीं भी पानी जमा न होने दें।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। मौसम बदलने के साथ मानसून के दौरान जल व मच्छर जनित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। क्योंकि बरसात में दूषित पानी की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में डायरिया, टायफाइड व हेपेटाइटिस ए जैसी बीमारियां बढ़ सकती हैं।
इसके अलावा मौजूदा समय मच्छरों के अनुकूल बना हुआ है। इस वजह से मच्छरों की उत्पत्ति बढ़ेगी। इससे डेंगू, चिकनगुनिया ((Delhi chikungunya Cases) व मलेरिया जैसी बीमारियां भी बढ़ेंगी। इसलिए सेहत को लेकर लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।
अप्रैल तक ही डेंगू के 193 मामले
वैसे भी दिल्ली में अप्रैल तक ही डेंगू (delhi dengue cases) के 193 मामले आ चुके हैं। इसके बाद भी दिल्ली में डेंगू के मामले आए हैं। जुलाई से डेंगू व अन्य मच्छर जनित बीमारियां बढ़ने लगती हैं और नवंबर तक इसका प्रकोप अधिक रहता है। डॉक्टर बताते हैं कि बरसात का मौसम बीमारियों के अधिक अनुकूल होता है।घर के आसपास न होने दें पानी जमा
इस वजह से बरसात के मौसम में अस्पतालों में मरीज बढ़ जाते हैं। एम्स के मेडिसिन विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डा. नीरज निश्चल ने बताया कि वर्षा होने पर जगह-जगह पानी जमा होने से मच्छरों की उत्पति बढ़ जाती है। इस वजह से मच्छर जनित बीमारियां भी बढ़ जाती है। इसलिए मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए जरूरी है कि घर के आसपास कहीं पानी जमा न होने दें।
डॉक्टरों ने दी ये सलाह
इसके अलावा साफ सफाई का भी ध्यान रखें। इसके अलावा अक्सर यह देखा गया है कि बरसात शुरू होने पर डायरिया व टायफाइड के मरीज बढ़ जाते हैं। साथ ही हेपेटाइटिस ए होने का भी जोखिम अधिक रहता है। इन बीमारियों से बचाव के लिए पानी को फिल्टर करके पीना जरूरी है।यदि पानी को फिल्टर करना संभव नहीं हो तो पानी को उबाल कर कुछ देर ठंडा होने के लिए छोड़ देना चाहिए। इसके बाद पानी पीना चाहिए। इसके अलावा इन दिनों उमस भरी गर्मी अधिक होती है। इस वजह से पसीना अधिक होने से डिहाइड्रेशन व इलेक्ट्राल असंतुलन जैसी समस्या अब भी हो सकती है। इससे लू लगने जैसी स्थिति पैदा हो सकती है।
सफदरजंग अस्पताल के प्रिवेंटिव कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर निदेशक डा. जुगल किशोर ने कहा कि लू का दौर खत्म हो गया है यह सोचकर अभी उमस भरी गर्मी में अधिक रहना चाहिए। यह लू की तरह ही खतरनाक हो सकता है।क्योंकि उमस भरी गर्मी अधिक होने पर शरीर से पसीना अधिक निकलता है। इससे डिहाइड्रेशन का खतरा बना रहता है। इसलिए उमस भरी गर्मी में भी अधिक नहीं रहना चाहिए। इसके अलावा मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए कूलर को नियमित रूप से साफ करना चाहिए।
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