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दिल्ली पुलिस में जल्द होंगे बड़े फेरबदल, नई दिल्ली समेत पांच जिलों के बदले जाएंगे डीसीपी; यहाँ देखें पूरी लिस्ट

देश में अब लोकसभा चुनाव खत्म हो चुका है। चुनाव आचार संहिता हटने के बाद माना जा रहा है कि बहुत जल्द ही दिल्ली पुलिस में बड़े पैमाने पर अधिकारियों का फेरबदल हो सकता है। नई दिल्ली जिले समेत पांच जिले के डीसीपी के बदले जाने की चर्चा जोरों पर है। कहा जा रहा है कि कुछ वरिष्ठ आईपीएस दिल्ली से बाहर भेजे जाएंगे तो कुछ की वापसी होगी।

By Rakesh Kumar Singh Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Thu, 04 Jul 2024 06:47 PM (IST)
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Delhi Police Reshuffle: दिल्ली पुलिस में जल्द होंगे बड़े पैमाने पर फेरबदल। फाइल फोटो
राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। चुनाव आचार संहिता हटने के बाद दिल्ली पुलिस में बड़े पैमाने पर अधिकारियों के फेरबदल किए जाने की तैयारी है। जल्द ही पांच से अधिक जिले के डीसीपी के बदले जाने की सूची जारी होने की संभावना है। इस माह के अंत में दो विशेष आयुक्त के सेवानिवृत्त होने के बाद वरिष्ठ स्तर पर भी कई फेरबदल (delhi police major reshuffle) हो सकते हैं।

दिल्ली में लंबे समय से तैनात कुछ आईपीएस को दिल्ली से बाहर भेजा जा सकता है। वहीं केंद्र शासित प्रदेशों में तैनात कुछ आईपीएस की दिल्ली वापसी हो सकती है। लंबे समय से देखा जा रहा है कि रेंज में तैनात संयुक्त आयुक्त अथवा एडिशनल पुलिस कमिश्नर का जिले के डीसीपी से तालमेल नहीं बैठ पा रहा है, जिसका दुष्प्रभाव कानून व्यवस्था पर पड़ सकता है।

नई दिल्ली के डीसीपी देवेश महला को भी बदले जाने की चर्चा

मुख्यालय सूत्रों के मुताबिक जिन पांच जिले के डीसीपी को बदले जाने की चर्चा है, उनमें नई दिल्ली जिले के डीसीपी देवेश महला, उत्तर-पूर्वी जिले के डीसीपी ज्वॉय टिर्की, दक्षिण-पूर्वी जिले के डीसीपी राजेश देव, रोहिणी के डीसीपी गुरइकबाल सिंह सिद्धू व बाहरी-उत्तरी जिले के डीसीपी रवि कुमार सिंह शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक रवि कुमार सिंह को छोड़ किसी अन्य को दोबारा जिले की जिम्मेदारी देने की संभावना कम है।

बताया जा रहा है कि ज्वॉय टिर्की का आला अधिकारी से बेहतर सामंजस्य न बन पाने के कारण कई माह पहले उन्होंने पुलिस आयुक्त से जिले से हटाने का अनुरोध किया गया है। कई साल पहले ज्वॉय टिर्की जब दक्षिण-पूर्वी जिले में एडिशनल डीसीपी थे तब उनके स्टाफ ऑफिसर को क्राइम ब्रांच ने रिश्वत प्रकरण में गिरफ्तार किया था। उस मामले में विभाग ने टिर्की को क्लीनचिट दे दी थी।

डीसीपी व एडिशनल पुलिस कमिश्नर के बीच पाई गई तालमेल में कमी

इसके बाद वे लंबे समय तक क्राइम ब्रांच में रहे। पहली बार उन्हें जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई। पूर्वी रेंज के एक अन्य जिले के डीसीपी व एडिशनल पुलिस कमिश्नर के बीच तालमेल ठीक न होने की जानकारी मुख्यालय को मिली है। यही स्थिति कमोबेश सभी रेंज की है। ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है। राजेश देव का भी कार्यकाल बेहतर माना जा रहा है।

नई दिल्ली जिले के डीसीपी व दोनों एडिशनल डीसीपी रवि कांत व गौरव गुप्ता के बीच भी लंबे समय से मनमुटाव चलने की बात सामने आ रही है। पांच सितारा होटलों में चलने वाले क्लबों व बार मालिकों को देर रात तक खोलने की अनुमति देने आदि कई मामलों को लेकर आला अधिकारियों के बीच विवाद की जानकारी मुख्यालय तक पहुंच चुकी है।

 नुजहत हसन को एचआर की जिम्मेदारी देने की संभावना

इस माह के अंत में सुरक्षा यूनिट के विशेष आयुक्त दीपेंद्र पाठक व विशेष आयुक्त एचआर एसके गौतम सेवानिवृत्त हो जाएंगे। दोनों बेहतर अधिकारी माने जाते हैं। दोनों के पास महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होने के कारण इनके सेवानिवृत्त होने से पहले दिल्ली पुलिस में वरिष्ठ स्तर पर भी फेरबदल किए जाएंगे। आर्थिक अपराध शाखा में तैनात विशेष आयुक्त नुजहत हसन को एचआर की जिम्मेदारी देने की संभावना जताई जा रही है।

संयुक्त आयुक्त मुख्यालय मीनू चौधरी 17 साल से दिल्ली में हैं। ऐसे में कुछ आइपीएस को दिल्ली से बाहर भेजा जा सकता है, वहीं केंद्र शासित प्रदेशों व दिल्ली में अन्य जगहों पर तैनात कुछ आइपीएस की दिल्ली पुलिस में वापसी हो सकती है। डीजी अंडमान देवेश चंद्र श्रीवास्तव की भी दिल्ली वापसी हो सकती है।

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