MCD Mayor Election: दिल्ली में AAP पार्षदों की भागदौड़ शुरू, मेयर पद की दौड़ में ये नाम सबसे आगे
दिल्ली नगर निगम के मेयर चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी के पार्षदों की भागदौड़ फिर शुरू हो गई है। चूंकि इस वर्ष मेयर पद अनुसूचित जाति के पार्षद के लिए आरक्षित है इसलिए प्रत्याशी का चुनाव आरक्षित श्रेणी से ही किया जाना है लेकिन अन्य सीट जैसे उप मेयर और नेता सदन जैसे पद पर भी अन्य सामान्य श्रेणी के पार्षदों की नजर हैं।
निहाल सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम के मेयर चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षदों की भागदौड़ शुरू हो गई है। सीएम अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद आप पार्षदों को एकजुट रखने के साथ ऐसे पार्षदों को इस पद के लिए चुनना भी किसी मशक्कत से कम नहीं है, जिसपर सभी पार्षदों की सहमति बन जाए।
संजय सिंह के परिवार की काफी करीबी हैं सारिका चौधरी
चूंकि इस वर्ष मेयर पद अनुसूचित जाति के पार्षद के लिए आरक्षित है, इसलिए प्रत्याशी का चुनाव आरक्षित श्रेणी से ही किया जाना है, लेकिन अन्य सीट जैसे उप मेयर और नेता सदन जैसे पद पर भी अन्य सामान्य श्रेणी के पार्षदों की नजर हैं। दिल्ली नगर निगम के मेयर चुनाव के लिए आप पार्षदों में दरियागंज वार्ड से पार्षद सारिका चौधरी का नाम सामने आ रहा है।
पार्षद ज्योति प्रकाश जारवाल भी इस दौड़ में शामिल
सूत्र बताते हैं कि वह आप नेता संजय सिंह के परिवार की काफी करीबी हैं। चूंकि संजय सिंह अब जेल से बाहर आ गए हैं तो उनकी दावेदारी और ज्यादा मजबूत हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, तिगड़ी से दूसरी बार की पार्षद ज्योति प्रकाश जारवाल भी इस दौड़ में शामिल हैं। उनके पति प्रकाश जारवाल देवली से विधायक हैं।
प्रेम चौहान का नाम भी मेयर पद की दौड़ में
इसी विधानसभा से दक्षिणपुरी वार्ड से दूसरी बार के पार्षद और पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रेम चौहान का नाम भी मेयर पद की दौड़ में हैं। पूर्वी दिल्ली के सुंदर नगरी वार्ड से पार्षद मोहिनी जिंदवाल, सिविल लाइंस वार्ड से पार्षद विकास, घड़ौली से प्रियंका गौतम और पुल प्रहलादपुर से पार्षद राकेश लोहिया का नाम दौड़ में शामिल है।
पार्षदों में असंतोष
दिल्ली नगर निगम में दो वर्ष से न तो वार्ड कमेटियों का गठन हुआ है और न ही शिक्षा के साथ ग्रामीण जैसी वैधानिक कमेटी का गठन हुआ है। इतना ही नहीं 25 से ज्यादा तदर्थ और विशेष समितियां हैं, उनमें भी पार्षद सदस्य से लेकर चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन चुने जाते थे, लेकिन स्थायी समिति का गठन न होने की वजह से पार्षद नाखुश हैं।
पहले वर्ष का मेयर चुनाव चूंकि महिला पार्षद के लिए आरक्षित था तो डॉ. शैली ओबेराय चुनाव मैदान में उतरीं। तब पार्टी ने पूरी ताकत उनको जिताने के लिए लगा दी। पर डेढ़ वर्ष से ज्यादा समय होने के बाद ज्यादातर पार्षदों को निगम में कोई अहम जिम्मेदारी नहीं मिली है इसलिए आप पार्षदों में इसको लेकर असंतोष हैं।
पार्षदों पर हैं पार्टियों की नजर
भाजपा और आप के साथ कांग्रेस पार्टी अपने-अपने पार्षदों पर नजर रख रही हैं। चूंकि बहुमत तो आप के पास है, लेकिन इस समय आप के लिए विपरीत परिस्थितियां हैं। इसलिए पार्षदों पर आप नेता नजर रखे हुए हैं। भाजपा भी अपने पार्षदों पर नजर बनाए हुए है।
सामान्य सीट पर सारिका चौधरी जीती हैं चुनाव
सारिका चौधरी दरियागंज वार्ड से पार्षद हैं। यह सामान्य सीट है। सारिका आरक्षित श्रेणी से संबंध रखती हैं। ऐसे में उनका नामांकन स्वीकार होगा या नहीं इस पर अभी स्पष्टता नहीं है। अभी तक अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट से जीतकर आने वाले पार्षद ही मेयर बने हैं।
यह पहला मौका होगा जब कोई सामान्य सीट से जीतकर आने वाला पार्षद अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र लेकर इस पद के लिए दावेदारी करेगा। जाति प्रमाणपत्र जांचने का अधिकार निगम के पास नहीं है।