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Delhi News: टाइम बम की तरह दिल्ली की ये जगहें, मुंडका जैसे अग्निकांड को जन्म दे सकती है लापरवाही; कभी भी हो सकती है तबाही

दिल्ली में कई फैक्टरियां ऐसी हैं जो बिना फायर एनओसी के चल रही हैं। जहां आग से बचने के साधन बिल्कुल नहीं हैं यहां अगर कभी आग लगती है तो कभी भी मुंडका जैसी आग की घटना हो सकती है।

By Geetarjun GautamEdited By: Updated: Mon, 23 May 2022 08:08 PM (IST)
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13 मई को दिल्ली के मुंडका में लगी थी भीषण आग।
नई दिल्ली [धनंजय मिश्रा]। 13 मई को मुंडका इलाके में लगी आग तो एक नमूना है। राजधानी में इस जैसी हजारों इमारतें और फैक्टरियां टाइम बम की तरह संचालित हो रही हैं। लेकिन जिम्मेदार अभी-भी आंख मूंदे बैठे हैं। इन इमारतों और फैक्टरियों में न तो आग से बचाव को कोई साधन और न ही दिल्ली अग्निशमन विभाग का एनओसी।

अवैध तरीके से संचालित फैक्टि्रयों में कभी भी भीषण अग्निकांड हो सकता हैं। दिल्ली में बिना फायर एनओसी के चल रही अवैध फैक्टरियां और व्यवसायिक इमारतें कितनी हैं, इसकी कोई संख्या नहीं है। ऐसा नहीं है कि अवैध तरीके से चल रहे व्यावसायिक और औद्योगिक इकाइयों की जानकारी स्थानीय प्रशासन को नहीं है। लेकिन पैसा फेंको तमाशा देखों का चलन के कारण अधिकारी कमियों पर आंख मूंदें हुए हैं।

आग से सुरक्षा को लेकर देखा जाए तो इस साल 13 मई तक मात्र 22 इकाइयों को फायर एनओसी जारी की गई है। इस आंकड़े का अंदाजा लगाया जा सकता है कि दिल्ली में संचालित हो रही फैक्टि्रयों में आग से बचाव को लेकर क्या स्थिति है। सबसे बुरा हाल अनाधिकृत कालोनी और पुरानी दिल्ली इलाके की है।

यह तो आग से सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं, पाश और नियमित कालोनियां की स्थिति भी ज्यादा अच्छी नहीं है। पुरानी दिल्ली में चूंकि ज्यादातर पुरानी इमारतें हैं। लिहाजा वहां अग्निशमन के उपाए नहीं किए गए हैं। वहीं अनाधिकृत कालोनियों में वर्तमान में अनेक बहुमंजिली इमारतें बना दी गई हैं।

यहां धडल्ले से अवैध व्यावसायिक गतिविधियां चलाई जा रही हैं। पाश और नियमित कालोनियों में भी औद्योगिक इकाइयां चलाना आम बात है। इन इकाइयों का कहीं भी पंजीकरण नहीं कराया जाता है। स्थानीय एजेंसियां चाहे वह नगर निगम, डीडीए, दिल्ली पुलिस हो अथवा अन्य एजेसियां। इसके अधिकारी रिश्वत के चक्कर में कार्रवाई नहीं करते।

दमकल विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, दो वर्षों से लोगों के काम कोरोना के चलते ठप पड़े हुए थे। इस बार फैक्टरी में सामान बनाने का काम तेजी से चल रहा है। लेकिन फैक्टरी मालिकों ने अपनी मशीनों एवं बिजली के अन्य उपकरणों की सर्विस नहीं करवाई है। इसकी वजह से इस बार आग की घटनाएं अधिक हो रही है।

बीते तीन वर्षों में दी गई फायर एनओसी।

वर्ष                              सभी तरह के भवनों को               फैक्टरियों को दी गई एनओसी

2019                                 2390                                                  56

2020                                  1532                                                  87

2021                                 2782                                                  57

2022                                 1130                                                  22

नोट: वर्ष का आंकड़ा जनवरी से 13 मई तक का है।

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