हीटवेव से बचने के लिए यह उपाय बेहद जरूरी : डा. ए.के.द्विवेदी
पुदीने की पत्तियां एंटी माइक्रोबॉयल गुणों से भरपूर होती हैं। इससे पेट को ठंडक मिलती है और पाचन तंत्र सही रहता है। आपने लोगों को सलाह दिया कि घर से बाहर निकलने से पहले पानी उचित मात्रा में पीएं। इसके अलावा दिन भर में हेल्दी नेचुरल ड्रिंक्स जैसे नींबू पानी नारियल पानी और बेल के रस एवं कच्चे आम का झोलिया (पना) ज्यादा मात्रा में सेवन करें।
नई दिल्ली, जागरण डेस्क। तेज़ गर्मी में बाहर निकलते ही शरीर को थकान और कमज़ोरी का सामना करना पड़ता है। दरअसल, तापमान में होने वाली बढ़ोतरी के चलते शरीर पर हीट स्ट्रोक का प्रभाव देखने को मिलता है, जहां आमतौर पर होम्योपैथी चिकित्सा के साथ प्याज खाना वर्जित माना जाता है वहीं वरिष्ठ होम्योपैथी चिकित्सक डॉ एके द्विवेदी के अनुसार गर्मी के मौसम में कच्चे प्याज का सेवन करने से शरीर को क्वेरसेटिन कंपाउड की प्रापित होती है। इससे शरीर में ठंडक बनी रहती है और शरीर हीट स्ट्रोक के खतरे से बच पाता है। उन्होंने बताया कि लोगों को इस मौसम में ज्यादा मात्रा में दही का सेवन करना चाहिए क्योंकि प्रोबायोटिक्स से भरपूर दही में कूलिंग प्रॉपर्टीज् पाई जाती है। इसके सेवन से डाइजेशन और हाइड्रेशन इंप्रूव होता है साथ ही इसके सेवन से बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा भी कम होने लगता है। गर्मी में ठंडी दही को लस्सी बनाकर या छाछ बनाकर भी लिया जा सकता है.
उन्होंने बताया कि पुदीने की पत्तियां एंटी माइक्रोबॉयल गुणों से भरपूर होती हैं। इससे पेट को ठंडक मिलती है और पाचन तंत्र सही रहता है। आपने लोगों को सलाह दिया कि घर से बाहर निकलने से पहले पानी उचित मात्रा में पीएं। इसके अलावा दिन भर में हेल्दी नेचुरल ड्रिंक्स जैसे नींबू पानी, नारियल पानी और बेल के रस एवं कच्चे आम का झोलिया (पना) ज्यादा मात्रा में सेवन करें। कपड़ो की बात करते हुए उन्होंे कहा कि सिंथेटिक और टाइट कपड़ों को पहनने से पसीने की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में शरीर में खुजली, रैशज़ और संक्रमण के फैलने का खतरा बना रहता है। शरीर को गर्मी से बचाने के लिए ब्रीथएबल और ढ़ीले पकड़े पहनें। इसके अलावा कपड़ों की ज्यादा लेयर्स पहनने से भी बचें। कॉटन या खादी के कपड़ों को चुनें और हल्के रंगों का चयन करे। डा. द्विवेदी का रिसर्च पेपर भी इंटर्ननेशनल जर्नल ऑफ़ होम्योपैथी साइंस में पब्लिश हुआ जिसमें होम्योपैथी दवा हीट स्ट्रोक को रोकने में कैसे कारगर साबित हो सकती है, जिसका टॉपिक था "होम्योपैथी और सामान्य प्रबंधन हीट स्ट्रोक / हीट थकावट के लिए"
जिसमे उन्होंने विस्तृत रूप से हीट स्ट्रोक और उससे बचने के तरीके सुझाए। रिसर्च पेपर में बताया कि हीट थकावट या हीट स्ट्रोक तब होता है जब आपका शरीर बहुत ज्यादा गर्म हो जाता है। आमतौर पर, शरीर पसीने के ज़रिए खुद को ठंडा कर लेता है। ऐसा तब होता है जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक उच्च तापमान के संपर्क में रहता है और पसीने के कारण शरीर से खोए हुए तरल पदार्थ को वापस नहीं ला पाता है, नतीजतन, शरीर जितनी गर्मी छोड़ सकता है, उससे ज्यादा गर्मी पैदा करता है और तुरंत देखभाल की जरूरत होती है क्योंकि यह जानलेवा बीमारी बन सकती है। इस पेपर में उन्होंने चर्चा की है कि होम्योपैथी हीट स्ट्रोक को कैसे रोक सकती है या ठीक कर सकती है।