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Delhi Electricity Accident: बिजली दुर्घटना में मृत्यु होने पर अब मिलेगा मुआवजा, DERC विनियम 2024 जारी

बिजली दुर्घटना के कारण अगर मौत हो जाती है तो अब आश्रित को 7.5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। जो 60 फीसदी दिव्यांग होंगे उन्हें पांच लाख मिलेगा। इसके अलावा दुधारू पशुओं और पक्षियों की मौत होने पर मुआवजा दिया जाएगा। भैंस गाय ऊंट के लिए 50 हजार रुपये मिलेगा। जबकि घोड़े और बैल आदिस पर 25 हजार रुपये। इस लेख के माध्यम से जानिए पूरी खबर।

By Santosh Kumar Singh Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Wed, 07 Aug 2024 02:13 PM (IST)
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बिजली दुर्घटना से मृत्यु होने पर आश्रित को मिलेगा 7.5 लाख रुपये। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। बिजली से संबंधित दुर्घटना में मृत्यु होने पर आश्रित को 7.5 लाख रुपये और 60 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग होने वाले व्यक्ति को पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता मिलेगी। इसके लिए दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) ने डीईआरसी (विद्युत दुर्घटना के पीड़ित को मुआवजा) विनियम, 2024 जारी किया है। इस विनियम में दुधारू पशुओं और पक्षियों को नुकसान होने पर भी मुआवजा का प्रविधान किया गया है।

अस्पताल में रहने पर 10 हजार रुपये का मुआवजा

विनियम के अनुसार, यदि बिजली से संबंधित दुर्घटना ( (Delhi Electrical Accidents)में कोई व्यक्ति 40-60 प्रतिशत तक घायल होता है तो उसे एक लाख रुपये, एक सप्ताह से अधिक समय तक अस्पताल में रहने पर 25 हजार रुपये तथा एक सप्ताह से कम समय तक अस्पताल में रहने पर 10 हजार रुपये का मुआवजा मिलेगा।

बिजली से संबंधित किसी दुर्घटना में पशु के मरने पर पशु पालक को प्रत्येक दुधारू पशु (भैंस, गाय, ऊंट) के लिए 50 हजार रुपये, भेड़, बकरी, सुअर और अन्य के लिए पांच हजार रुपये, घोड़े और बैल जैसे भार ढोने वाले पशुओं के लिए प्रति पशु 25 रुपये, बछड़ा, गधा, टट्टू, खच्चर के लिए 15 हजार रुपये मुआवजा दिया जाएगा।

मुर्गी पालन के मामले में मुआवजा 100 रुपये प्रति पक्षी

पशुओं की संख्या अधिक होने की स्थिति प्रति परिवार दुधारू पशुओं के लिए 3 लाख रुपये या भारवाहक पशुओं के लिए डेढ़ लाख रुपये की सीमा निर्धारित की गई है। मुर्गी पालन के मामले में मुआवजा 100 रुपये प्रति पक्षी होगा, जिसकी अधिकतम सीमा प्रति लाभार्थी पांच हजार रुपये होगी।

विनियम 25 जुलाई को राजपत्र में प्रकाशन के साथ ही लागू हो गए हैं। इसके अंतर्गत विद्युत वितरण कंपनियां, उत्पादन कंपनियां और अन्य लाइसेंसधारी मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी होंगे।इन्हें विनियम की अधिसूचना जारी होने के एक महीने के भीतर एक महाप्रबंधक स्तर का प्राधिकारी नामित करना होगा।

मृतक के आश्रित या प्रभावित को दुर्घटना के 90 दिनों के अंदर व्यक्तिगत रूप से या संबंधित लाइसेंसधारी के संबंधित प्राधिकारी को मेल के माध्यम से मुआवजे के लिए आवेदन करना होगा। प्राधिकारी के अंतिम आदेश के 15 दिनों के भीतर मुआवजा का भुगतान किया जाएगा।

इसमें विफल रहने पर संबंधित लाइसेंस धारक को 10 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से जुर्माना देना होगा। नार्थ दिल्ली रेजिडेंट वेलफेयर फेडरेशन के अध्यक्ष अशोक भसीन ने कम बताते हुए मृतक के आश्रित को 50 लाख और गंभीर रुपये घायल को 20 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है।

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