Move to Jagran APP

दिल्ली में खाली प्लॉट ने तीन साल की बच्ची की ली जान, सुबह खेलने निकली बाहर फिर नहीं लौटी घर

दिल्ली के बेगमपुर इलाके में एक खाली प्लॉट में तीन साल की बच्ची की डूबने से मौत हो गई। बच्ची सुबह घर के बाहर खेलने गई थी और काफी देर तक घर नहीं लौटी। परिजनों ने आसपास तलाश की तो वह खाली प्लॉट में पानी में डूबी हुई मिली। उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

By shamse alam Edited By: Geetarjun Updated: Sun, 24 Nov 2024 10:20 PM (IST)
Hero Image
खाली प्लॉट में भरे पानी में गिरने से तीन वर्षीय बच्ची की हुई मौत।
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। बेगमपुर थाना क्षेत्र के जैन नगर में रविवार की सुबह खाली प्लॉट में संदिग्ध हालात में एक तीन वर्षीय बच्ची डूब गई। पीड़ित परिवार ने स्थानीय लोगों की मदद से बच्ची को पानी से निकाल कर रोहिणी के आंबेडकर अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर्स ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया।

सूचना पर पहुंची बेगमपुर पुलिस ने शव कब्जे में लेकर अस्पताल के शवगृह में रखवा दिया है। वहीं, पीड़ित परिवार अब इंसाफ की मांग कर रहा है। उनका कहना है कि खाली प्लॉट में डूबने से उनकी बच्ची की जान गई है। इसके लिए जो भी जिम्मेदार है, उस पर कार्रवाई की जाए।

सुबह घर के बाहर खेलने गई थी बेटी

जानकारी के अनुसार, मिथलेश परिवार के साथ गली नंबर-06 में नाग मंदिर के पास किराये के मकान में रहते हैं। मिथलेश ने बताया कि वह यहां ससुर, पत्नी, तीन वर्षीय बेटी शिवानी और डेढ़ वर्षीय बेटा ऋतिक के साथ रहते हैं। रविवार की सुबह उनकी बेटी शिवानी करीब आठ बजे घर से बाहर खेलने के लिए गई थी।

काफी देर तक नहीं लौटी घर

काफी देर तक घर नहीं लौटी तो आसपास के लोगों से पूछताछ की। फिर भी कोई जानकारी नहीं मिली। फिर इसकी सूचना उन्होंने पुलिस को दी। तभी कुछ लोगों ने उन्हें जानकारी दी कि घर से करीब 50 मीटर की दूरी पर खाली प्लॉट में उनकी बेटी का पता चला है। भागकर वहां पहुंचे तो देखा कि उनकी बेटी पानी में डूबी हुई है।

बेटी की चल रही थी सांस

स्थानीय लोगों की मदद से बेटी को बाहर निकाला। मिथलेश ने बताया कि उस समय उनकी बेटी की सांस चल रही थी। पहले बेटी को पास के ही दो से तीन अस्पताल में लेकर गए, लेकिन सभी ने कहीं बड़े अस्पताल में ले जाने के लिए कहा।

अस्पताल पहुंचने से पहले गई जान

आंबेडकर अस्पताल पहुंचने पर पता चला कि उनकी बेटी अब इस दुनिया में नहीं रही है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि इस मामले में पुलिस ने संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस आगे की जांच कर रही है।

खाली प्लॉट में भरा है तीन से चार फीट पानी

पीड़ित परिवार ने कहा कि यह खाली प्लॉट करीब 400 से 500 गज का है। यह किसी व्यक्ति का प्लॉट है। जिसमें करीब तीन से चार फीट पानी भरा हुआ है। इस प्लॉट में कॉलोनियों का गंदा पानी जा रहा है। वर्षा का पानी भी इसी प्लॉट में जमा होता है, लेकिन समय रहते इसपर किसी ने भी कार्रवाई नहीं की। अगर जलभराव को लेकर संबंधित विभाग व जनप्रतिनिधियों ने कार्रवाई की होती तो शायद उनकी बेटी आज उनके पास होती।

स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी

स्थानीय निवासी मोहित ने बताया कि इस कॉलोनी में काफी ऐसे खाली प्लॉट हैं, जो लोगों ने खरीदी तो है। लेकिन इसकी घेराबंदी नहीं की गई है। आज इस प्लॉट की घेराबंदी होती तो शायद यह हादसा नहीं होता। स्थानीय प्रशासन और निगम की अनदेखी की वजह से यह हादसा हुआ है। स्थानीय लोगों की मांग है कि समय रहते खाली प्लॉट में भरे पानी को निकलवाने की जरूरत है।

साथ ही लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी होनी चाहिए। जहां-जहां खाली प्लॉट है, उनके मालिकों को मलबा डालकर इसे भरने के कहा जाना चाहिए। जगह-जगह खाली प्लॉट में जलभराव में मच्छरों के पनपने से बीमारी का खतरा भी सता रहा है।

प्लॉट में भरे पानी निकालने की जिम्मेदारी दिल्ली नगर निगम के अधीन है। हमारे अधिकार क्षेत्र में सड़क और नालियों को बनाने का काम है। वहीं, जो बड़े नाले हैं, उनके साफ-सफाई की जिम्मेदारी हमारी है। -प्रदीप कुमार, कार्यकारी अभियंता, सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग

जैन नगर कॉलोनी में नालियों व सड़क बनाने का काम सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग ने किया है। वर्षा के दिनों यहां के खाली प्लॉट में पानी भर गया था। जिसे सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग, दिल्ली विकास प्राधिकरण ने निकाला था। कुछ जगहों पर पानी निकालने में एमसीडी ने भी मदद की थी। एमसीडी कच्ची कॉलोनी में सिर्फ साफ-सफाई का काम करती है। पानी निकालने की जिम्मेदारी सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग की है। नालियां ठीक से नहीं बनाई गई है, जिसके कारण गंदा पानी नालियों से खाली प्लॉट में जमा हो रहा है। -पवन यादव, उपायुक्त, दिल्ली नगर निगम, नरेला जोन

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।