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G20 Submit: जी20 के लिए कड़े हुए सुरक्षा इंतजाम, PCR में तैनात किए जाएंगे हथियारों से लैस प्रशिक्षित कमांडो

G20 Submit Latest आगामी सितंबर में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के मद्देनजर दिल्ली पुलिस की पीसीआर यूनिट को और अधिक मजबूत करने की कवायद शुरू कर दी गई है। इस यूनिट में वर्तमान में 6500 पुलिसकर्मियों की तैनाती है। जी 20 को देखते हुए पुलिस मुख्यालय से करीब 500- 700 अतिरिक्त कर्मी मुहैया कराने की मांग की गई है।

By Jagran NewsEdited By: Prince SharmaUpdated: Fri, 11 Aug 2023 05:30 AM (IST)
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G20 Submit Latest News: जी20 के लिए कड़े हुए सुरक्षा इंतजाम,

नई दिल्ली, राकेश कुमार सिंह। आगामी सितंबर में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के मद्देनजर दिल्ली पुलिस की पीसीआर यूनिट को और अधिक मजबूत करने की कवायद शुरू कर दी गई है। इससे पहले 2010 कॉमन वेल्थ गेम्स के दौरान भी पीसीआर को मजबूत किया गया था।

इस यूनिट में वर्तमान में 6500 पुलिसकर्मियों की तैनाती है। जी 20 को देखते हुए पुलिस मुख्यालय से करीब 500- 700 अतिरिक्त कर्मी मुहैया कराने की मांग की गई है। नई दिल्ली, दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम व मध्य जिला के इलाकों में जी-20 सम्मेलन होंगे।

जी 20 के मद्देनजर पैनल पर लिए गए अस्पतालों के आसपास अधिक से अधिक पीसीआर तैनात

इन इलाकों की पीसीआर में अत्याधुनिक हथियारों से लैस प्रशिक्षित कमांडो तैनात किए जाएंगे। पुलिस अधिकारी का कहना है कि उक्त चार जिले के इलाकों में स्थित होटलों जहां राष्ट्राध्यक्षों व उनके साथ आए मंत्रियों को ठहराए जाएंगे, राष्ट्राध्यक्ष राजघाट भी जाएंगे, भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन में मुख्य आयोजन होंगे साथ ही जी 20 के मद्देनजर पैनल पर लिए गए अस्पतालों के आसपास अधिक से अधिक पीसीआर तैनात किए जाएंगे।

इन जगहों पर तैनात पीसीआर में जरूरत से हिसाब से एक से तीन अतिरिक्त प्रशिक्षित कमांडो की तैनाती की जाएगी। पीसीआर के बेड़े में मई व जून माह में 352 नई गाड़ियां शामिल की गई हैं जिससे मौजूदा समय में पीसीआर की संख्या 800 हो गई है।

पीसीआर की संख्या 20 हुई

पुलिस अधिकारी के मुताबिक पहले टूरिस्ट पीसीआर की संख्या 15 थी, जिसे बढाकर 20 कर दी गई है। आतंकी घटना की सूचना पर त्वरित कार्रवाई करने के मकसद से बनाए गए पराक्रम पीसीआर की संख्या भी 32 है। दिल्ली पुलिस के सभी हेल्पलाइन नंबरों से संबंधित हेल्प डेस्क पर भी कर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई है।

दिल्ली पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि वे अलग-अलग तरह के अपराध की सूचना देने के लिए बनाए गए हेल्प लाइन नंबरों का इस्तेमाल कर लाभ उठाए। इससे अपराध पर भी अंकुश लग सकेगा। सभी हेल्प लाइन नंबरों को हैदरपुर स्थित सेंट्रल पुलिस कंट्रोल रूम से मोनिटर किया जाता है। वहीं पर सभी के अलग-अलग हेल्प डेस्क बने हैं। साइबर से संबंधित शिकायतें अधिक आती हैं जिससे इसके 10-12 हेल्प डेस्क हैं।

संदिग्ध गतिविधियों की दें सूचना

महिलाओं से संबंधित शिकायतें भी अधिक आती है। इसलिए इसके भी 5-6 हेल्प डेस्क हैं। पूर्वोत्तर राज्यों से संबंधित हेल्प डेस्क पर पूर्वोत्तर राज्यों के रहने वाले पुलिसकर्मियाें की ही तैनाती है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि आंख व कान हेल्पलाइन नंबर 14547 पर कोई भी अपराधी, आतंकी, संदिग्ध व्यक्ति, संगठित अपराध करने वाले अपराधी, सट्टा, जुआ, शराब व हथियार तस्करी करने वालों के बारे में सूचना दे सकता है।

उनके नाम को गोपनीय रखा जाता है। महिलाओं का पीछा करने व उनपर फब्ती कसने से संबंधित काल आने पर पुलिसकर्मी पहले आरोपित से बात कर उसे सुधरने की नसीहत देते हैं। दोबारा गलती करने पर आरोपित के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए संबंधित थाने को सूचना दे दी जाती है। 

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