Tihar Jail: यूं ही बदनाम नहीं दिल्ली की तिहाड़ जेल, कभी हुआ मर्डर तो कभी कैदी के पेट से निकले मोबाइल फोन
Tihar Jail तिहाड़ जेल में दिल्ली यूपी हरियाणा पंजाब राजस्थान सहित कई राज्यों के खूंखार कैदियों को रखा जाता है लेकिन समय के साथ यह जेल अपने आप में अपराध का सबसे बड़ा अड्डा बन गया। आईए देखें तिहाड़ जेल की इतिहास की कुछ ऐसी ही घटनाएं-
By Aditi ChoudharyEdited By: Updated: Wed, 23 Nov 2022 05:45 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में बंद केजरीवाल सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) का वीवीआइपी ट्रीटमेंट का वीडियो सामने आने के बाद पूरा जेल प्रशासन एक बार फिर सवालों के घेरे में है। सत्येंद्र जैन का एक हफ्ते के दौरान दो वीडियो सामने आया है।
पहले वीडियो में एक दुष्कर्म का आरोपित व्यक्ति उनके पैरों की मालिश कर रहा है। वहीं, एक अन्य वीडियो में उन्हें कई तरह के पकवान परोसे जा रहे हैं। मंत्री का वीडियो सामने आने के बाद तिहाड़ जेल की व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
हालांकि, यह ऐसा पहला मामला नहीं है, जब तिहाड़ जेल से इस तरह की लापरवाही सामने आई हो। तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में दिल्ली, यूपी, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान सहित कई राज्यों के खूंखार कैदियों को अपराध करने के बाद रखा जाता है, लेकिन समय के साथ यह जेल अपने आप में अपराध का सबसे बड़ा अड्डा बन गया। आलम यह है कि यहां कई बार हत्या जैसे जघन्य अपराध को अंजाम दिया जा चुका है।
बर्थडे केक खिलाकर फरार हो गया बिकिनी किलर
जब जब तिहाड़ जेल की व्यवस्था में चूक की चर्चा होती है, तो चार्ल्स शोभराज का जिक्र जरूर होता है। बिकिनी किलर नाम से मशहूर चार्ल्स शोभराज ने वर्ष 1972-1976 के बीच 24 लोगों की हत्या की थी, जिसमें ज्यादातर विदेशी महिलाएं शामिल थीं। तिहाड़ जेल में उसे फाइव स्टार होटल की तरह ट्रीटमेंट मिलता था। 1986 में चार्ल्स अपने साथियों के साथ तिहाड़ जेल से भाग गया, जिसकी कहानी किसी फिल्म स्क्रीप्ट से जैसी है।
चार्ल्स शोभराज के बारे में कहा जाता है कि हिंदुस्तान में कोई भी जेल इतनी मजबूत नहीं बनी, जो उसे कैद करके रख सके। 16 मार्च, 1986 को चार्ल्स शोभराज ने जेल में अपना जन्मदिन मनाया और केक में नशा मिलाकर सभी जेलकर्मियों को खिला दिया था और तिहाड़ के मजबूत तालों को तोड़कर अपने साथियों के साथ फरार हो गया। तिहाड़ जेल की इतिहास में इस तरह की लापरवाही का यह पहला मामला था। इस घटना के बाद तिहाड़ जेल के सुपरिंटेंडेंट, जेलर, डिप्टी जेलर सहित तमाम सुरक्षाकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया था।
तिहाड़ में कैदी के पेट से मिले थे 5 मोबाइल फोन
किसी भी व्यक्ति को जेल की सजा का मतलब उसे देश-दुनिया की गतिविधियों से दूर रखना है, लेकिन तिहाड़ जेल इस मामले में भी बदनाम है। यहां के कैदी धड़ल्ले से मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं। जेलकर्मियों की आंखों में धूल झोंकर कैदी जेल के अंदर मोबाइल फोन लेकर आते हैं।इसी साल सितबंर महीने में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया था, जब एक कैदी के पेट में 5 मोबाइल मिले थे। आरोपित कैदी स्मगलिंग कर जेल के अंदर फोन लाया था। वह इन फोन को दूसरे कैदियों को बेचकर पैसे कमाना चाहता था।
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब कैदी अपने पेट से फोन निकालने में सफल नहीं हो पाया। मजबूरन उसे जेल अधिकारियों को इसकी जानकारी देनी पड़ी। पहले तो किसी ने उसकी बात का भरोसा नहीं किया, लेकिन जब डॉक्टरों ने उसकी जांच की, तो सभी दंग रह गए। कैदी ने बताया कि उसने सारे फोन निगल लिए थे। डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर कैदी के पेट से फोन निकाले।
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