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जानिये- इस जेल के बारे में, जहां कैदी जा सकेंगे बैंक, रेस्तरां और मार्केट

तिहाड़ के कैदियों को अब सेमी ओपन जेल की सुविधा के लिए दस वर्ष के लंबे इंतजार की मजबूरी से निजात मिल जाएगी। जेल प्रशासन की ओर से सभी जेलों को नया जेल मैनुअल सौंपा जा चुका है।

By Edited By: Updated: Sat, 29 Dec 2018 12:28 PM (IST)
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जानिये- इस जेल के बारे में, जहां कैदी जा सकेंगे बैंक, रेस्तरां और मार्केट
नई दिल्ली [गौतम कुमार मिश्रा]। तिहाड़ के कैदियों को अब सेमी ओपन जेल की सुविधा के लिए दस वर्ष का इंतजार नहीं करना होगा। इसके लिए कैदी तीन वर्ष से जेल में सजा काट रहा होना चाहिए। तिहाड़ के सभी जेलों में नया जेल मैनुअल नए वर्ष से लागू हो रहा है। जेल प्रशासन की ओर से सभी जेलों को नया जेल मैनुअल सौंपा जा चुका है। अभी तक सेमी ओपन जेल की सुविधा का लाभ ऐसे कैदी ही उठा पाते थे, जिन्हें लंबी अवधि की सजा होती थी। इसमें दस वर्ष से अधिक की कैद पाए कैदी शामिल होते थे।

अधिकारियों के अनुसार इससे ऐसे कैदी जिन्हें दस वर्ष से कम की सजा होती थी उन्हें निराशा होती थी। अब नए जेल मैनुअल में सुधार करते हुए तीन वर्ष तक जेल में रह रहे कैदी भी अच्छे आचरण के आधार पर सेमी ओपन जेल में रहने के लिए आवेदन कर सकेंगे।

उम्मीद है कि नया नियम लागू होने के बाद सेमी ओपन जेल की क्षमता को भी बढ़ाया जाएगा ताकि यहां अधिक संख्या में कैदी रह सकेंगे। कैदियों के मानवीय पक्ष को ध्यान में रखते हुए राशन की मात्रा में बढ़ोतरी भी की गई है। अब रोजाना खानपान से जुड़े राशन की मात्रा को बढ़ाकर 600 ग्राम कर दिया गया है। पहले यह मात्रा 400 ग्राम थी। अब कैदियों को दो के बजाय तीन बार खाना मिलेगा। अब कैदियों को सुबह, दोपहर व शाम के समय खाना दिया जाएगा। पहले सुबह के समय कैदियों को सिर्फ चाय व ब्रेड से काम चलाना पड़ता था, अब उन्हें बकायदा नाश्ते की प्लेट दी जाएगी।

अराजपत्रित कर्मचारी अब ले सकेंगे 13 महीने का वेतन
नए जेल मैनुअल में कर्मचारियों के लिए भी अच्छी बातें हैं। पहले हेड वार्डर रैंक तक के कर्मचारी 12 के बजाय 13 महीने तक का अधिकतम वेतन ले सकते थे। अब इस सुविधा का दायरा जेल के सभी अराजपत्रित कर्मचारियों तक बढ़ा दिया गया है।

क्या है सेमी ओपन जेल
सेमी ओपन जेल में कैदियों को परिसर से बाहर निकलने की छूट होती है। सेमी ओपन में कैदियों को यह ध्यान रखना होता है कि वे तिहाड़ परिसर के भीतर रहकर काम के सिलसिले में अपने बैरक से बाहर बेरोकटोक आवाजाही कर सकते हैं। वे तिहाड़ परिसर में स्थित कार्यालय, बैंक, रेस्तरां, तिहाड़ हाट कहीं भी आ-जा सकते हैं, लेकिन शाम पांच बजे तक अपने बैरक में लौटना जरूरी होता है।

इस सुविधा का उद्देश्य कैदियों के आचरण में साकारात्मक बदलाव लाना और उन्हें आर्थिक तौर पर सशक्त बनाना है। जेल अधिकारियों के अनुसार अच्छे कार्यों में शामिल होने के लिए तब और भी अधिक प्रेरणा मिलती है जब सामने वाले को यह पता हो कि उसकी कोशिश का अच्छा फल भी उसे मिलेगा।

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