Tillu Tajpuriya Murder: तिहाड़ जेल में टिल्लू हत्याकांड का दूसरा VIDEO सामने आने के बाद उठे ये सवाल?
Tillu Tajpuriya Murder Case तिहाड़ जेल की हाई रिस्क सिक्योरिटी वार्ड में बंद सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया की हत्या होना अपने आप में कई सवाल खड़े करने जैसा है। कुछ दिनों पहले जेल में ही गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया की हत्या हुई थी।
By GeetarjunEdited By: GeetarjunUpdated: Sat, 06 May 2023 01:30 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। तिहाड़ जेल के हाई रिस्क सिक्योरिटी वार्ड में बंद सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया की हत्या होना अपने आप में कई सवाल खड़े करने जैसा है। कुछ दिनों पहले जेल में ही गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया की हत्या हुई थी। इस घटना से तिहाड़ जेल की सुरक्षा व्यवस्था के साथ जेल प्रशासन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
इस घटना के दो सीसीटीवी फुटेज भी सामने आए हैं, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं। एक वीडियो में दिख रहा है कि कैसे हत्यारोपी फर्स्ट फ्लोर (पहली मंजिल) से जमीन पर उतरते हैं और टिल्लू पर ताबड़तोड़ सुए से वारकर हत्या कर देते हैं। उस पर आरोपी 90 बार वार करते हैं।
दूसरा वीडियो सामने आया है, जिसमें टिल्लू को मूकदर्शक बनी तमिलनाडु पुलिस के जवानों के सामने आरोपित लोहे से बने सुए से उसे दोबारा गोदते नजर आ रहे हैं। प्रसारित हो रहे दूसरे वीडियो ने जेल प्रशासन की इस दलील को कि टिल्लू को बचाने का रिस्पांस टाइम नहीं मिला, इसकी पोल खोलकर रख दी है।#WATCH | Delhi | A second CCTV video emerges from Tihar Jail's Central Gallery wherein a few people can be seen bringing gangster Tillu Tajpuriya's body out. The visuals later show two other people stabbing the body and hitting it in the presence of Police personnel. pic.twitter.com/FyE09M95C7
— ANI (@ANI) May 5, 2023
एलजी से डीजी तिहाड़ ने की मुलाकात
टिल्लू ताजपुरिया हत्याकांड के मामले में डीजी तिहाड़ ने शुक्रवार को उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से मुलाकात की। जहां उन्होंने मामले पर विस्तृत रिपोर्ट पेश की। तिहाड़ के डीआईजी द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट के आधार पर दो सहायक अधीक्षकों और 4 वार्डरों को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही 2 हेड वार्डरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
लोहे की ग्रिल काटकर बनाए गए सुए
जेल प्रशासन के अनुसार, टिल्लू की हत्या में जिन सुओं का आरोपितों ने इस्तेमाल किया, वे सभी जेल के अंदर ही बनाए गए थे। आशंका है कि आरोपितों ने जेल के भीतर सुए बनाने तभी शुरू किए होंगे जब टिल्लू तिहाड़ जेल पहुंचा होगा। सुओं के निर्माण में लोहे का इस्तेमाल किया गया। यह लोहा जेल की ग्रिल को काटकर बनाया गया। आरोपितों के पास लोहे की ग्रिल काटने के औजार थे। बड़ा प्रश्न है कि आखिर यह औजार आरोपितों तक कैसे पहुंचे।सीढ़ी पर छिपकर किया इंतजार
जेल प्रशासन के अनुसार, भूतल व प्रथम तल के बीच एक लोहे की जालीनुमा ग्रिल लगाई गई है। ऐसा ऊपर से रोशनी व हवा आने जाने व सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया है। आरोपितों ने बड़ी चालाकी से ग्रिल को पहले काटा और फिर कपड़े की रस्सी बनाकर बारी बारी से नीचे उतर आए।सूत्रों की मानें तो नीचे उतरने के बाद आरोपित भूतल से प्रथम तलकी ओर जाने वाली सीढ़ी पर छिप गए। सभी के हाथ में लोहे के बने सुए थे। आरोपित यहां तब तक छिपे रहे जब तक टिल्लू के वार्ड का दरवाजा नहीं खोला गया।
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- सुबह के समय जब सेल के दरवाजे खोले गए थे, तब पुलिसकर्मी क्यों मौजूद नहीं थे।
- प्रथम तल पर मौजूद पुलिसकर्मी कहां थे, जब चारों आरोपित रस्सी से नीचे कूद रहे थे।
- आरोपित जब टिल्लू पर वार कर रहे थे, तब शोरशराबा सुनकर भी वहां पुलिसकर्मी क्यों नहीं पहुंचे।
- आरोपित जब टिल्लू को लेकर बाहर निकल रहे थे, उसके पूर्व आरोपितों को सेल में क्यों बंद नहीं किया गया था। उनके पास सुए थे, क्यों नहीं इनसे पुलिसकर्मियों ने सुआ लिया।
- सेंट्रल कारिडोर में जब आरोपित टिल्लू पर दोबारा वार कर रहे थे, तब वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने आरोपित को काबू करने का क्यों कोई प्रयास नहीं किया।
- टिल्लू को नजदीकी डिस्पेंसरी या अस्पताल ले जाने की क्यों नहीं पुलिसकर्मियों ने दिखाई जल्दी।