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जानें वीपीएन क्यों जरूरी है सुरक्षा के लिए, साइबर क्राइम से बचने के लिए ऐसे करें इस सेवा का उपयोग

इंटरनेट ऐसी जगह है जहां आप कभी भी खुद को पूरी तरह से सुरक्षित महसूस नहीं कर सकते क्योंकि यहां पर साइबर अपराधी आपसे दो कदम आगे होते हैं। मगर आप चाहें तो खुद को कुछ हद तक सुरक्षित रखने के लिए वीपीएन का उपयोग कर सकते हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Thu, 10 Feb 2022 04:55 PM (IST)
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जानें क्यों वीपीएन का उपयोग करना चाहिए और यह आपको कैसे रख सकता है सुरक्षित...

नई दिल्‍ली, अमित निधि। इन दिनों लोगों की इंटरनेट पर निर्भरता काफी बढ़ गई है। कोई भी कार्य हो, इंटरनेट के बिना वह संभव नहीं लगता। मगर इंटरनेट इस्तेमाल करते समय डर भी होता है, क्योंकि अलग-अलग रूप में साइबर खतरे लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में वीपीएन यानी वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क एक विकल्प हो सकता है। यह आपको कुछ हद तक आनलाइन खतरों से सुरक्षित रख सकता है। वीपीएन के साथ अच्छी बात है कि यह न केवल आपके इंटरनेट ट्रैफिक को एनक्रिप्ट कर देता है, बल्कि आनलाइन पहचान को भी छिपाता है। इससे किसी तीसरे व्यक्ति के लिए इंटरनेट गतिविधियों को ट्रैक करना या फिर डाटा चोरी करना मुश्किल हो जाता है। इसमें एनक्रिप्शन वास्तविक समय में होता है।

क्या है वीपीएन : आमतौर पर जब लोग वीपीएन यानी वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क शब्द सुनते हैं तो उन्हें लगता है कि जो टेकसेवी हैं, यह केवल उनके उपयोग की ही चीज है, मगर ऐसा नहीं है। जो टेकसेवी नहीं हैं, वे भी वीपीएन का उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यह कई तरह से आनलाइन सुरक्षा प्रदान करने में मददगार होता है। यह आपको पब्लिक वाइ-फाइ का उपयोग करते समय, संवेदनशील जानकारियों को साझा करने या फिर नेट सर्फिंग के दौरान भी उपयोगी हो सकता है। ये चीजें वीपीएन के माध्यम से अधिक सुरक्षित तरीके से की जा सकती हैं।

आमतौर पर वीपीएन का प्रयोग नेटवर्क सिक्योरिटी के लिए किया जाता है। यह नेटवर्क टेक्नोलाजी है, जो पब्लिक नेटवर्क जैसे कि इंटरनेट या प्राइवेट नेटवर्क पर अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करता है और आपकी वास्तविक पहचान को छिपा देता है। इससे यूजर को ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है। इसकी मदद से जब इंटरनेट को एक्सेस करते हैं तो यह सर्वर एक्सेस किसी और देश का देता है। इसमें इंटरनेट सर्फिंग के दौरान डिवाइस की लोकेशन बदल जाती है।

कैसे करता है कार्य : वीपीएन आपके आइपी एड्रेस को छिपा देता है और उसे होस्ट के रिमोट सर्वर पर रीडायरेक्ट कर देता है। इसका मतलब है कि यदि आप किसी वीपीएन के साथ आनलाइन सर्च करते हैं, तो वीपीएन सर्वर आपके डाटा का सोर्स बन जाता है। इससे आपका इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (आइएसपी) या फिर कोई अन्य यह नहीं देख सकता कि आप किन वेबसाइट्स पर जाते हैं और क्या आनलाइन शेयर करते हैं। वीपीएन एक तरह से फिल्टर का कार्य करता है, जो आपके सभी डाटा को एनक्रिप्ट कर देता है।

यहां तक कि यदि कोई आपका डाटा हासिल भी कर लेता है, तो वह उसके लिए बेकार ही साबित होता है। जब आप इंटरनेट से जुड़ते हैं, तो आइएसपी आमतौर पर आपका कनेक्शन सेट करता है। यह आपको आइपी एड्रेस के माध्यम से ट्रैक करता है। आपके नेटवर्क ट्रैफिक को आइएसपी के सर्वर के माध्यम से रूट किया जाता है, जो आपके द्वारा आनलाइन किए जाने वाले कार्य को लाग या फिर उसे प्रदर्शित कर सकता है। भले ही आपको अपना आइएसपी भरोसेमंद लग सकता है, लेकिन यह ब्राउजिंग हिस्ट्री को विज्ञापनदाताओं, सरकार या अन्य पक्षों के साथ साझा कर सकता है। आइएसपी साइबर अपराधियों के हमलों का शिकार भी हो सकता है। यदि इसे हैक किया जाता है, तो व्यक्तिगत और निजी डाटा का दुरुपयोग हो सकता है।

क्यों करें वीपीएन का उपयोग: साइबर अपराधी बेहद शातिर होते हैं। वे किसी-न-किसी तरीके से आपके डाटा तक पहुंच बनाने की कोशिश करते हैं। अपराधियों ने एक नया तरीका निकाला है, जिससे वे पब्लिक वाइ-फाइ पर आइफोन से भी डाटा चुरा सकते हैं। ऐसी स्थिति में वीपीएन कई तरीकों से आपकी मदद कर सकता है :

पब्लिक वाइ-फाइ पर सेफ्टी : पब्लिक वाइ-फाइ सुविधाजनक और मुफ्त सेवा है, लेकिन इसके साथ खतरा भी है, क्योंकि साइबर अपराधी इसमें आसानी से सेंध लगा सकते हैं। पब्लिक वाइ-फाइ पर कोई आपकी आनलाइन गतिविधियों को ट्रैक कर सकता है, मगर जब आप वीपीएन पर होते हैं, तो यह न सिर्फ डाटा की सुरक्षा करता है, बल्कि ब्राउजिंग हिस्ट्री, बैंकिंग जानकारी, एकाउंट पासवर्ड आदि को ट्रैक होने से रोकता है।

आइएसपी से डाटा गोपनीयता : यदि घर के वाइ-फाइ का उपयोग करते हैं, तब भी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर आपके इंटरनेट डाटा तक पहुंच सकते हैं। आइएसपी देख सकता है कि आप कब, कहां और कैसे ब्राउज करते हैं। आपका डाटा एकत्र किया जा सकता है। भले ही आप प्राइवेट ब्राउजिंग का उपयोग ही क्यों न कर रहे हों। डाटा गलत हाथों में पड़ने की आशंका बनी रहती है। ऐसे में वीपीएन आइपी एड्रेस छिपाने में मदद कर सकता है। वीपीएन की खासियत इसका डाटा एनक्रिप्शन है। इससे गोपनीय जानकारी को सुरक्षित रखने में मदद मिलती है। अगर इंटरनेट सर्च के दौरान ज्यादा सुरक्षा चाहते हैं, तो फिर वीपीएन को आजमाना चाहिए।

ऐसे करें इस सेवा का उपयोग

वीपीएन सर्विस का उपयोग करने के लिए आपको तय करना पड़ेगा कि किस वीपीएन का उपयोग करने जा रहे हैं। फिर उस प्रोवाइडर की वेबसाइट पर जाएं, वहां आपको डिटेल गाइड मिल जाएगी। सेटअप के लिए आपको पहले नेटवर्क सेटिंग्स में जाना होगा। वैसे, स्मार्टफोन पर वीपीएन सेवाओं का उपयोग करना ज्यादा आसान है:

  • ’ आप वीपीएन एप को एपल एप स्टोर या गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। आपको फ्री और पेड दोनों तरह के विकल्प मिलते हैं। पेड वर्जन में आपको ज्यादा सुविधा मिलती है
  • ’ सेटअप करना आसान होता है, क्योंकि डिफाल्ट सेटिंग्स पहले से ही ज्यादातर स्मार्टफोन में होती है। बस अपने एकाउंट से लागइन करना होगा
  • ’ यदि आप अपनी लोकेशन को बदलना चाहते हैं, तो सर्वर स्विचिंग आमतौर पर मैनुअल रूप से की जाती है। इसके लिए मौजूद देश के विकल्प में से एक का चयन करना होगा
  • ’ हाई लेवल डाटा सिक्योरिटी चाहने वाले यूजर्स के लिए एडवांस सेटअप भी उपलब्ध हैं। अपने वीपीएन के आधार पर आप अपने एनक्रिप्शन तरीके के लिए अन्य प्रोटोकाल भी चुन सकते हैं। वीपीएन प्रोवाइडर द्वारा दी गई सेटिंग्स के हिसाब से कांफिगर करने के बाद आपको आथेंटिकेशन डिटेल्स, यूजरनेम और पासवर्ड दर्ज करना होगा

उपयोगी हैं ये वीपीएन प्लेटफार्म

डाटवीपीएन

इस वीपीएन का उपयोग क्रोम, मोजिला, एंड्रायड और आइओएस डिवाइस के लिए कर सकते हैं। यह न सिर्फ सिक्योर कनेक्शन का दावा करता है, बल्कि अनलिमिटेड बैंडविथ के साथ आसानी से अलग-अलग लोकेशन के बीच स्विच करने का विकल्प भी देता है। यहां 700 सर्वर और 10 वर्चुअल लोकेशन को एक्सेस करने की सुविधा मिलती है। देश में ही रहते हुए आनलाइन एक्टिविटीज लोकेशन दूसरे देश में दिखा सकते हैं। यह 4096 बिट की-एनक्रिप्शन का उपयोग करता है, जो कि बैंकिंग स्टैंडर्ड से करीब दोगुना है। इसकी मदद से किसी भी ब्लाक वेबसाइट और एप्स को अनलाक कर सकते हैं और खुद को पब्लिक वाइ-फाइ पर भी सुरक्षित रख सकते हैं। इसमें टार इंटीग्रेशन है। फ्री और पेड दोनों वर्जन में उपलब्ध है।

टनलबियर

वीपीएन के लिए टनलबियर भी एक विकल्प हो सकता है। इसमें आपको सभी जरूरी फीचर्स मिल जाएंगे। यह आपकी प्राइवेसी को सुरक्षित रखने के साथ-साथ ब्लाक साइट को एक्सेस करने की सुविधा भी देता है। साथ ही, यह आनलाइन ट्रैकिंग के खतरे को भी कम करता है। यह आइपी एड्रेस छिपाने का विकल्प देता है। इसलिए पब्लिक वाइ-फाइ पर भी सिक्योर ब्राउजिंग कर सकते हैं। इसमें 20 देशों के प्राइवेट नेटवर्क से कनेक्ट करने की सुविधा है। यह लाइट वेट ब्राउजर एक्सटेंशन है। इसका उपयोग मैक, विंडोज, आइओएस और एंड्रायड के लिए कर सकते हैं। यह फ्री और पेड दोनों ही वर्जन में उपलब्ध है।

हाटस्पाट शील्ड

इस वीपीएन टूल का उपयोग आसान है। इसे केवल एक क्लिक में ही एक्टिव किया जा सकता है। यह आपको अलग-अलग वर्चुअल लोकेशन को उपयोग करने की सुविधा देता है। साथ ही, यह वेबसाइट और आनलाइन ट्रैकर्स से आइपी एड्रेस और लोकेशन को छिपाकर रखता है। इसकी मदद से बिना किसी साफ्टवेयर इंस्टालेशन के प्राक्सी वेबसाइट को ओपन कर सकते हैं। यह आपकी सभी प्राइवेट और पब्लिक ब्राउजिंग एक्टिविटीज को एनक्रिप्ट रखता है। इसमें दो मोड हैं- फ्री और एलीट। फ्री मोड में आप अपने लोकेशन में केवल यूएस को ही जोड़ सकते हैं, जबकि एलीट मोड में आपको सभी प्रीमियम फीचर्स मिलेंगे।

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