दिल्ली में न आए बाढ़, केजरीवाल सरकार ने बुलाई आपात बैठक; 24 घंटे काम करनेवाला बनाया गया कंट्रोल रूम
हथनी कुंड से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने पर यहां जरूरी बचाव कार्य शुरू कर दिया जाता है। हिमाचल प्रदेश में पिछले दो दिनों से वर्षा हुई है। हिमाचल में वर्षा होने पर यमुना में पानी बढ़ता है और उसके बाद हथनी कुंड से पानी छोड़ने की मात्रा बढ़ती है। अभी वहां से 52 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में बाढ़ नियंत्रण को लेकर शुक्रवार को उच्च समिति की बैठक हुई। दिल्ली सरकार की राजस्व मंत्री आतिशी और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री सौरभ भारद्वाज ने संबंधित विभागों के अधिकारियों से तैयारी के बारे में जानकारी ली। बैठक के बाद आतिशी ने दावा किया कि बाढ़ से बचाव की तैयारी पूरी कर ली गई है। 24 घंटे काम करने वाला कंट्रोल रूम बनाया गया है, जिसमें सभी संबंधित विभागों के प्रतिनिधि शामिल हैं।
हथनी कुंड से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने पर यहां जरूरी बचाव कार्य शुरू कर दिया जाता है। हिमाचल प्रदेश में पिछले दो दिनों से वर्षा हुई है। हिमाचल में वर्षा होने पर यमुना में पानी बढ़ता है और उसके बाद हथनी कुंड से पानी छोड़ने की मात्रा बढ़ती है। अभी वहां से 52 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। एक लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद जलस्तर बढ़ने और बाढ़ आने की संभावना रहती है।
पानी का बहाव कम होने से जगह-जगह टीले बन गए
सौरभ भारद्वाज ने कहा पिछली बार आईटीओ बैराज के गेट नहीं खुलने से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई थी। इस बार हरियाणा सरकार के पीछे पड़कर सभी गेट खुलवा दिए गए। नहीं खुल रहे गेट को काटकर हटा दिया गया है। यमुना में पिछले काफी समय से पानी का बहाव कम होने से जगह-जगह टीले बन गए हैं। प्रत्येक टीले में पायलट कट लगाए गए हैं। यह वैज्ञानिक तरीका है। पानी का बहाव बढ़ने पर टीले बहकर चल जाएंगे।
डीएमआरसी और केंद्र सरकार की अन्य परियोजनाओं से यमुना में बहाव में आने वाली रूकावट दूर करने को कहा गया है। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के कंट्रोल रूम में यमुना में पानी की स्थिति की रियल टाइम निगरानी। ऑनलाइन सभी जानकारी उपलब्ध होगी।