Move to Jagran APP

Doll का नकली इलाज बना मासूम बच्ची के दर्द की दवा, पढ़ें रोचक स्टोरी

दिल्ली के लोकनायक अस्पताल के हड्डी विभाग के डॉक्टरों ने एक मासूम बच्ची का डर भगाने के लिए सबसे पहले उसकी गुड़िया का इलाज किया फिर उसने पैर में प्लास्टर लगवाया।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Sun, 01 Sep 2019 02:48 PM (IST)
Hero Image
Doll का नकली इलाज बना मासूम बच्ची के दर्द की दवा, पढ़ें रोचक स्टोरी

नई दिल्ली, जेएनएन। आज जहां दो इंसानों के बीच सोच व परिस्थितियों के कारण रिश्तों की डोर कमजोर हो जाती है वहीं, दिल्ली गेट स्थित लोक नायक अस्पताल में इन दिनों इंसान व पुतले के बीच एक ऐसा अनोखा रिश्ता भी देखने को मिल रहा है, जिसमें एक बच्ची के इलाज के लिए एक गुड़िया बच्ची के पलंग तक जा पहुंची है। पैर में फ्रैक्चर के कारण भर्ती 11 महीने की बच्ची के साथ साथ इसकी गुड़िया परी भी बिस्तर पर जिक्रा का पिछले 13 दिनों से इसका पूरा साथ दे रही है।

पुरानी दिल्ली के दिल्ली गेट इलाके के गली कुम्हार वाली इलाके में रहकर व ओखला स्थित सब्जी मंडी में सब्जियों का व्यापार करने वाले जिक्रा के पिता मो. शहजाद मलिक ने बताया कि करीब 13 दिन पहले रात के समय सोते हुए जिक्रा पलंग से गिर गई थी। ऐसे में बेटी को लेकर तुरंत अस्पताल के लिए दौड़े। यहां आकर जब डॉक्टरों ने बेटी का एक्स रे किया तो बाएं पैर में फ्रैक्चर की बात सामने आई। जिसके बाद बेटी को भर्ती करने को कहा गया।

ट्रैक्शन लोड के जरिए किया जा रहा इलाज

फ्रैक्चर की बात सामने के बाद डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची का इलाज ट्रैक्शन लोड के जरिए किया जाएगा। ट्रैक्शन लोड में चोटिल बच्चे के पैर को लोड के जरिए ऊपर बांध दिया जाता है। जिससे की बच्चे के पैर की हड्डी सीधी होकर ठीक हो सके। मलिक बताते हैं कि जब बेटी को बिस्तर पर लिटाया गया तो यह बहुत हिल डुल रही थी। इस कारण डॉक्टरों के लिए भी बच्ची का इलाज करना चुनौती था। क्योंकि, खेल कूदने वाली बच्ची बिस्तर पर लेटकर दर्द के कारण कराह रही थी।

पैर में पट्टी तक बांधने नहीं दे रही थी बच्ची
हालत यह थी कि डॉक्टरों द्वारा बच्ची के पैरों में पट्टी बांधना मुश्किल था। जिसके बाद बच्ची की मां फरीन मलिक को बच्ची की नानी द्वारा दी गई डॉल के बारे में ध्यान आया। जिससे जिक्रा का अधिक लगाव है। ऐसे में मां ने डॉल को अस्पताल में लाकर पहले डॉल के पैरों में पट्टी बंधवाई जिसके बाद जिक्रा भी पैरों में पट्टी बंधवाने के लिए राजी हो गई है। अब आलम यह है कि जिक्रा व उसकी गुड़िया परी दोनों ही एक ही बिस्तर पर भर्ती है।

जिक्रा अब बिना रोए अपना इलाज कर रहा रही है। वहीं, बच्ची के पिता शहजाद कहते हैं कि जहां बिना गड़िया के कारण बच्ची का इलाज होना मुश्किल था, लेकिन गुड़िया परी के कारण बच्ची खुश है व अपना इलाज करा रही है। अब बस दुआ है कि बेटी जल्द ही ठीक होकर घर लौट जाए। वही, पूरे अस्पताल में जिक्रा गुड़िया वाली बच्ची के नाम से भी मशूहर हो चुकी है। यही कारण है कि दूसरे विभागों के डॉक्टर व अन्य स्टॉफ भी जिक्रा को देखने के लिए आ रहा है।

सीएम केजरीवाल भी इलाज के तरीके से प्रभावित
डॉक्टरों के इस इलाज से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी प्रभावित हैं। उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट कर 11 महीने की एक मासूम बच्ची जिकरा को शुभकामनाएं दी हैं। ट्विटर पर उन्होंने लिखा, छोटी बच्ची के इलाज के लिए उनकी तरफ से शुभकामनाएं। डॉक्टर हमारी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की रीढ़ हैं। उनकी सेवा करने की प्रतिबद्धता को हम सलाम करते हैं।

मुख्यमंत्री के ट्वीट के बाद लोकनायक अस्पताल के डॉक्टरों का यह इलाज चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग डॉक्टरों के इस मनोवैज्ञानिक तरीके से इलाज को सैल्यूट कर रहे हैं।

ये भी पढ़ेंः दिल्ली-NCR में रहते हैं तो जरूर पढ़ें यह स्टोरी, हेल्थ चाहिए तो तत्काल अपनाएं ये उपाय

दिल्ली-NCR की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां पर करें क्लिक

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।