Delhi Lumpy Virus Cases: दिल्ली में 173 पशुओं में मिला लंपी वायरस, जानिए मनुष्यों के लिए कितना खतरा?
Delhi Lumpy Virus News दिल्ली में पशुओं में लंपी वायरस के 173 केस मिल चुके हैं। पर्यावरण वन और वन्यजीव मंत्री गोपाल राय ने शनिवार को इसके बारे में जानकारी दी। लंपी वायरस पड़ोसी राज्यों राजस्थान उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में मिल रहा है।
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। दिल्ली में पशुओं में लंपी वायरस के 173 केस मिल चुके हैं। पर्यावरण, वन और वन्यजीव मंत्री गोपाल राय ने शनिवार को इसके बारे में जानकारी दी।
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने बताया कि 173 केसों में गोल डेयरी की 45, नजफगढ़ क्षेत्र की 16, रेवला खानपुर क्षेत्र की 40 और आसपास के कुछ गांवों की गायें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादातर मामले दिल्ली के दक्षिण और पश्चिम जिलों में मिले हैं।
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पड़ोसी राज्यों में भी मिल रहा लंपी वायरस
उन्होंने कहा कि लंपी वायरस पड़ोसी राज्यों राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में मिल रहा है। दिल्ली सरकार ने दो मोबाइल पशु चिकित्सा क्लीनिक तैनात किए हैं और नमूने एकत्र करने के लिए 11 रैपिड रिस्पांस टीमों का गठन किया है।
हेल्पलाइन नंबर जारी किया
उन्होंने कहा कि संक्रमण के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए चार टीमों का गठन किया गया है। आप सरकार ने लंपी वायरस से संबंधित प्रश्नों के लिए हेल्पलाइन नंबर 8287848586 के साथ एक विशेष नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इस वायरस से मनुष्यों के लिए कोई खतरा नहीं है।
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इस तरह फैलता है वायरस
लंपी त्वचा रोग एक संक्रामक वायरल रोग है, जो मवेशियों के बीच मच्छरों, मक्खियों, जूं और ततैया के सीधे संपर्क में आने के साथ-साथ दूषित भोजन और पानी से भी फैलता है। यह रोग त्वचा पर बुखार और गांठ का कारण बनता है, और यह घातक हो सकता है।
दिल्ली के मंत्री ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के रेवला खानपुर में ढेलेदार त्वचा रोग से पीड़ित लावारिस मवेशियों के लिए एक आइसोलेशन वार्ड बनाया जा रहा है।
क्या होता है लंपी वायरस ?
लंपी स्किन डिजीज को ‘गांठदार त्वचा रोग वायरस’ भी कहा जाता है। वहीं, शार्ट में LSDV कहा जाता है। यह एक संक्रामक बीमारी है, जो एक पशु से दूसरे पशु को होती है। आसान शब्दों में कहें तो संक्रमित पशु के संपर्क में आने से दूसरा पशु भी बीमार हो सकता है। यह बीमारी Capri Poxvirus नामक वायरस के चलते होती है। इस वायरस का संबंध गोट फॉक्स और शीप पॉक्स वायरस के फैमिली से है। जानकारों की मानें तो मच्छर के काटने और खून चूसने वाले कीड़ों के जरिए यह बीमारी मवेशियों को होती है।