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Qutub Minar News: पर्यटकों को खटक रही कुतुबमीनार परिसर में लगी गणेश जी की उल्टी मूर्ति

Qutub Minar News हिंदू पर्यटकों की भारी नाराजगी के चलते कुतुबमीनार परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के मुताबिक इस स्थान पर यानी मूर्तियों के नजदीक जाने पर रोक लगा दी गई है।

By Jp YadavEdited By: Updated: Mon, 25 Apr 2022 07:57 AM (IST)
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पर्यटकों को खटक रही कुतुबमीनार परिसर में लगी गणोश जी की उल्टी मूर्ति
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। कुतुबमीनार परिसर में स्थित कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद में उल्टी अवस्था में लगी गणेश जी की मूर्ति वहां पहुंचने वाले खासकर हिंदू पर्यटकों को खटक रही है। मामला प्रकाश में आने के बाद से कुतुबमीनार परिसर में स्थित इस स्थान पर पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ गई है। वहीं, यहां पर आने वाले पर्यटक कुतुबमीनार परिसर में गणेश जी की उल्टी अवस्था में लगी मूर्ति देखकर दुखी और नाराज दोनों हैं। पर्यटकों को कहना है कि जितनी जल्द हो गणेश जी की मूर्ति को सीधा किया जाए या फिर यहां से हटाया जाए।

इसे देखते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने इस स्थान पर चार सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है और नजदीक जाने पर रोक लगा दी है। रविवार को केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी भी गणोश जी की इस मूर्ति को देखने पहुंचीं। उन्होंने इस मूर्ति के साथ मस्जिद में लगीं हिंदू व जैन धर्म की अन्य मूर्तियों को भी देखा। जिसमें उन्होंने उन मूर्तियों को भी देखा, जिनमें भगवान कृष्ण के जेल में जन्म से लेकर यशोदा के घर तक ले जाए जाने का दृश्य दर्शाया गया है। इसके साथ ही उन्होंने विष्णु स्तंभ क्षेत्र का भी भ्रमण किया। इस दौरान मंत्री लेखी के साथ राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण के चेयरमैन तरुण विजय भी मौजूद थे।

इस मौके पर मंत्री लेखी ने कहा कि हमें अपनी सांस्कृतिक व पुरातात्विक धरोहर को संरक्षित कर रखना है। उन्होंने कहा कि विष्णु स्तंभ के साथ राजा अनंगपाल द्वारा बनवाए गए अनंगताल का संबंध स्पष्ट दिखता है। बता दें कि केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री लेखी को अपनी प्राचीन संस्कृति से बेहद लगाव है। कुछ दिन पहले ही वह महरौली के जंगल में स्थित अनंगताल भी होकर आई हैं।

वहीं, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) भी कुतुब मीनार परिसर में देवी-देवताओं की मूर्तियों के साथ ही विवादित ढांचे के निर्माण में देवी-देवताओं की मूर्तियों के इस्तेमाल को लेकर नाराजगी जताई है। इसके साथ ही विहिपत ने मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा कर परिसर में पूजा की अनुमति देने की मांग की है। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल  का कहना है कुतुब मीनार के निर्माण में मंदिरों के अवशेष के साथ देवी-देवताओं की मूर्तियों का इस्तेमाल किया गया है जिसे देखकर अभी भी करोड़ों हिंदुओं की भावनाएं आहत होती हैं। इतना ही नहीं, कई देवी-देवताओं की मूर्तियां धूल फांक रही हैं।

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