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'15 अगस्त को ट्रैक्टर रैली, क्रिमिनल लॉ की जलाई जाएगी कॉपी', किसान संगठनों का दिल्ली कूच का एलान

किसान संगठनों ने एलान किया है कि वह 15 अगस्त को मोदी सरकार की अर्थी जलाएंगे। दिल्ली में किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) ने कहा कि तीन आपराधिक कानून सहित कई मुद्दों को लेकर 15 अगस्त को दिल्ली कूच करेंगे और ट्रैक्टर रैली निकालेंगे। इसके अलावा सितंबर में कई जगहों पर बड़ी रैली आयोजित की जाएगी।

By Jagran News Edited By: Sonu Suman Updated: Mon, 22 Jul 2024 08:07 PM (IST)
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किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) ने किया प्रेस कॉन्फ्रेंस।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। नई दिल्ली। आंदोलनरत किसान संगठनों ने अब हाल में लागू तीनों न्याय संहिता को भी हटाने की मांग केंद्र सरकार से की है। साथ ही बताया कि वह उसके विरूद्ध 15 अगस्त को देशभर में ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे तथा नए कानून की प्रतियां जलाएंगे। यह तीनों भारतीय न्याय संहिता इसी माह देशभर में लागू हुआ है। 

कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) व संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) की बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा कि यह नया क्रिमिनल कानून, काला कानून है, जो उनकी आवाज छिनने के लिए है। उन्हें अधिक समय तक जेल में डालने के लिए है। भारतीय किसान नौजवान यूनियन के अध्यक्ष अभिमन्यू कोहाड़ ने कहा कि उन लोगों के पास कुछ सामाजिक संस्थाओं के लोग आए थे और कानून की खामियों के बारे में बताते हुए उम्मीद जताई थी कि किसान मोर्चा इस मामले को भी उठाए। 

2020 के अंत से किसानों का आंदोलन जारी

कोहाड़ ने कहा कि इसलिए किसान संगठन इस मुद्दे को भी उठा रहे हैं। फिलहाल उसे लेकर आंदोलन 15 अगस्त को ही प्रस्तावित है। जबकि, भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर के प्रधान जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि यह कानून दमनकारी है। विरोध की आवाज को दबाने के लिए है। इसलिए वह लोग इस नए कानून का विरोध करेंगे। इसके पहले की मोदी सरकार में लागू तीन कृषि कानून को वापस लेने की मांग को लेकर ही वर्ष 2020 के अंत में किसानों का यह आंदोलन शुरू हुआ था, जिसके मद्देनजर सरकार ने वर्ष 2021 में उसे वापस लेने का निर्णय किया। अब नई न्याय संहिता पर भी केंद्र सरकार की घेराबंदी तेज कर दी है। 

सितंबर में इन तीन जगहों पर होगी रैली

एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर नए आंदोलन की घोषणा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी की मांग को लेकर किसान नेताओं ने नए आंदोलन की घोषणा भी की है। जिसमें एक सितंबर को संभल (उप्र), 15 सितंबर को जींद (हरियाणा) और 22 सितंबर को पीपली (हरियाणा) में रैली की घोषणा की है। 

31 अगस्त को आंदोलन के 200 दिन पूरे

वहीं, 31 अगस्त को हरियाणा-पंजाब के शंभु बार्डर पर चल रहे आंदोलन के 200 दिन पूरे होंगे तो उस दिन हरियाणा, पंजाब समेत अन्य सीमावर्ती राज्यों के बार्डर पर अधिक से अधिक ट्रैक्टर के साथ पहुंचकर आंदोलन का आह्वान किया है। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि एमएसपी कानून की गारंटी समेत सभी 12 मांगें यथावत है। हमने बैठक में तीन विशेषज्ञों को बुलाया था, जिन्होंने बताया कि एमएसपी की गारंटी से देश के राजस्व पर बोझ नहीं पड़ेगा। 

राष्ट्रपति मेडल पर जताया विरोध 

किसान नेताओं ने कहा कि हरियाणा में निहत्थे किसान नेताओं पर गोलिया बरसाने वाले पुलिस अधिकारियों को राष्ट्रपति मेडल देने की सिफारिश की गई है, जो गलत है। यह अंग्रेजों जैसी मानसिकता को दर्शाता है। 

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