दिल्ली के कारोबारी संगठन की मांग, चीन-दुबई की तर्ज पर राष्ट्रीय राजधानी में हो कारोबारी मेला-प्रदर्शनी
दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र 17 मार्च से शुरू हो रहा है। ऐसे में दिल्ली के लाखों व्यापारियों की निगाहें इस पर रहेंगी। कारोबारी संगठन सीटीआइ ने वित्त मंत्री कैलाश गहलोत को पत्र लिखकर बाजार और व्यापार को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं देने की मांग की है। (File Photo)
By Nimish HemantEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Thu, 16 Mar 2023 12:43 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पूरे विश्व की निगाहें भारत के तेज सर्वांगीण विकास पर है। हर मंच पर देश की साख बढ़ी है। जी20 के आयोजन से इसे और मजबूती मिल रही है। ऐसे में बात देश के बाजार और व्यापारिक आयोजनों को भी अंतरराष्ट्रीय लेबल पर ले जाने की होने लगी है।
दिल्ली के कारोबारी संगठन इस मांग को उठाने लगे हैं कि चीन व दुबई जैसे देशों की तर्ज पर राष्ट्रीय राजधानी के बाजार व उद्योग को विकसित किया जाएं, बल्कि कारोबारी मेला– प्रदर्शनी का आयोजन भी अब उसी स्तर का हो। इसे लेकर दिल्ली सरकार को मांग पत्र भेजा जा रहा है।
बता दें कि दिल्ली सरकार वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट की तैयारियों में जुटी है। वित्त मंत्री कैलाश गहलोत अधिकारियों के साथ बैठकें कर इसे अंतिम रूप दे रहे हैं। विधानसभा का बजट सत्र 17 मार्च से शुरू हो रहा है। जबकि 21 मार्च को बजट पेश किया जाएगा। दिल्ली सरकार के बजट पर व्यापारिक संगठनों समेत दिल्ली के लाखों कारोबारियों और फैक्ट्री मालिकों की नजर है।
प्रमुख मांगें
–बजट में दिल्ली के बाजारों के पुनर्विकास के लिए हो पैकेज
–पुरानी दिल्ली के ऐतिहासिक बाजारों में लौटे ऐतिहासिक विरासत– औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए भी हो अलग पैकेज की घोषणाव्यापारी संगठन चैंबर आफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआइ) ने व्यापारियों और फैक्ट्री मालिकों की ओर से वित्त मंत्री कैलाश गहलोत को पत्र लिखा है। सीटीआइ चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि दिल्ली के बाजार पुनर्विकास चाहते हैं। बजट में इसके लिए अलग से फंड घोषित किया जाए। इसका इस्तेमाल बाजारों में हो। बाजारों की स्थिति सुधरेगी, तो फुटफॉल बढ़ेगा।
माल बिकेगा, तो व्यापारियों के साथ सरकार को भी राजस्व मिलेगा। बाजारों में सड़क, शौचालय, पीने का पानी, सीवर, साफ-सफाई, पार्किंग, अंडरग्राउंड पार्किंग पर गंभीरता से काम होना चाहिए। सीटीआइ अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली के खुदरा व्यापारी ई-कामर्स कंपनियों द्वारा पैदा की गई चुनौतियां झेल रहे हैं। इस पर अंकुश लगना चाहिए। कई कंपनियों में विदेशी पैसा लगा है।दिल्ली सरकार अपना पोर्टल लेकर आए, जिस पर यहां के कारोबारी रजिस्टर्ड हों और अपना माल दिखा सकें। इससे काफी लाभ मिल सकेगा। थोक बाजारों में बैठे व्यवसायियों को गोदाम की भारी समस्या है। तंग गलियों में अधिक माल की आवाजाही और लोडिंग-अनलोडिंग करना मुश्किल भरा काम है। सरकार प्रत्येक थोक बाजार को अलग से गोदाम के लिए जगह मुहैया करवाए। सीटीआइ महासचिव विष्णु भार्गव और रमेश आहूजा ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों के विकास पर भी सरकार को ध्यान देना होगा। यहां के लिए विशेष पैकेज घोषित हो। सड़कों का निर्माण, स्ट्रीट लाइट, सीसीटीवी, पीने का पानी, सीवर और सुरक्षा पर फोकस किया जाए।
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