स्टाइल स्टेटमेंट बन रहे हैं पारंपरिक परिधान
एथनिक फैशन की लोकप्रियता इस कदर बढ़ रही है कि अब हर वर्ग में यह स्टाइल स्टेटमेंट के तौर पर स्थापित होता जा रहा है।
गुरुग्राम (प्रियंका दुबे मेहता)। पाश्चात्य सभ्यता के अंधानुकरण में हम अपनी परंपराओं को भूलते जा रहे हैं। बात चाहे फैशन की हो या फिर लाइफ स्टाइल की, अब लोग विदेशी सभ्यता से उकताते नजर आ रहे हैं। शायद यही वजह है कि अब शहरी युवाओं में साड़ी, सूट और अन्य पारंपरिक परिधानों के लिए क्रेज बढ़ता जा रहा है। अब लोग फिर से उसी फैशन की तरफ लौट रहे हैं, जिसे कभी डाउन मार्केट समझा जाता था।
एथनिक फैशन की लोकप्रियता इस कदर बढ़ रही है कि अब हर वर्ग में यह स्टाइल स्टेटमेंट के तौर पर स्थापित होता जा रहा है।
लॉन्ग स्कर्ट पर महीन कढ़ाई, कुर्ते और कुर्ती में रंगीन बंधेज, कोटा डोरिया, कॉटन एवं जूट फेब्रिक में बने परिधान गर्मी शुरु होने के पहले ही फैशन में जगह बना चुके हैं।
एक मशहूर एथनिक ब्रांड के स्टोर मैनेजर के मुताबिक अब ज्यादातर ग्राहक सूट और लॉन्ग स्कर्ट की मांग कर रहे हैं। इसी तरह से कॉटन और खादी में बनी साड़ियां भी बेहद पसंद की जा रही हैं। डिजाइनर रूपाली गोस्वामी के मुताबिक, एथनिक परिधान का फ्यूजन कल्चर ने काफी बढ़ाया है।