Weather Forecast: कोहरे की वजह से DND पर लगा भीषण जाम, घंटों से परेशान हैं लोग
घने कोहरे से ढकी दिल्ली में हाड़ कंपकंपाने वाली ठंड का कहर लगातार जारी है। कोहरे की वजह से दृष्यता काफी कम है।
नई दिल्ली, एएनआइ। घने कोहरे से ढकी दिल्ली में हाड़ कंपकंपाने वाली ठंड का कहर लगातार जारी है। कोहरे की वजह से दृष्यता काफी कम है। ताजा जानकारी के मुताबिक, दृष्यता कम होने के कारण डीएनडी फ्लाइओवर (Delhi Noida Direct) पर भीषण जाम लग गया है। कई घंटे से लोग जाम में फंसे हुए हैं।
दिल्ली-एनसीआर को सोमवार सुबह कोहरे ने ढक लिया। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद और सोनीपत समेत कई जगहों पर घना कोहरा छाया हुआ है।
दिल्ली में सोमवार सुबह का न्यूनतम तापमान 2.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सफदरजंग का यह तापमान सामान्य से 4 डिग्री कम है। दिल्ली का सबसे कम तापमान लोधी रोड पर सामान्य से 5 डिग्री कम 2.2 डिग्री सेल्सियस रहा है। घने कोहरे की वजह से लोगों को वाहन की लाइट जलाकर सफर करना पड़ रहा है।
कोहरे की वजह से हुए हादसे
दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में घने कोहरे की वजह से एक कार नहर में गिर गई। हादसे में छह लोगों की मौत हो गई जबकि पांच लोगों को पुलिस ने बचा लिया। वहीं गुरुग्राम में दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस -वे पर कोहरे की वजह से गड्ढे में एक कार गिर गई।
वहीं नारनौल के गांव मांदी के पास घने कोहरे के कारण रोडवेज़ बस की टक्कर एक ट्रक हो गई। हादसे में करीब एक दर्जन लोग घायल हुए हैं। सभी घायल नारनौल के नागरिक अस्पताल में उपचाराधीन हैं।
खुले में रात बिता रहे इलाज कराने आए तीमारदार
राजधानी में खून जमा देने वाली ठंड के बीच एम्स और सफदरजंग अस्पताल में इलाज के लिए मरीज लेकर आने वाले तीमारदारों को खुले में रात बितानी पड़ रही है। हालांकि, सरकार ने अस्पताल के पास रैन बसेरों की व्यवस्था की है। इसके बावजूद तीमारदारों की संख्या देखते हुए व्यवस्था नाकाफी नजर आती है। लोग बस स्टॉप और फुटपाथ पर अपना समय बिताने को मजबूर हो रहे हैं।
एम्स में इलाज के लिए यूपी और बिहार से आने वाले मरीजों के तीमारदारों को बस स्टॉप और फुटपाथ पर अलाव के सहारे समय बिताना पड़ रहा है। बरेली से सिर में गांठ का इलाज कराने आए छोटू ने बताया कि यहां पर रैन बसेरे में जगह नहीं थी। उसमें पहले से ही तमाम लोग थे, इसलिए वह बाहर खुले में लेटे हैं। उन्होंने कई बार प्रयास किया लेकिन उन्हें रैन बसेरों में बिस्तर नहीं मिल पाया है। प्रशासन ने लोगों की सुविधा के लिए अस्पताल के आसपास कई रैन बसेरों का निर्माण किया, लेकिन उन रैन बसेरों में स्थानीय बेघर, भिखारी और रिक्शा चालक बिस्तर ले लेते हैं। इसके कारण अस्पताल में मरीजों का इलाज कराने आए लोगों को बिस्तर की सुविधा नहीं मिल पाती है।
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