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ब्लेड, आलपिन निगल लेता था 14 वर्षीय किशोर, सफदरजंग अस्पताल में सर्जरी कर पेट से 65 वस्तुएं निकालीं; नहीं बची जान

दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल (Safdarjung Hospital) में एक 14 वर्षीय किशोर की मौत हो गई जिसके पेट से डॉक्टरों ने 140 पेंसिल बेट्री पिन ब्लेड बैलून सहित 65 वस्तुएं निकाली थीं। किशोर को बचाया नहीं जा सका और सर्जरी के कुछ ही घंटों बाद उसकी मौत हो गई। मरने वाला 14 वर्षीय किशोर उत्तर प्रदेश के हाथरस का रहने वाला है।

By Ranbijay Kumar Singh Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Mon, 04 Nov 2024 08:20 AM (IST)
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किशोर के पेट की सर्जरी में ये वस्तुए निकली। फोटो- जागरण
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के हाथरस के रहने वाले एक 14 वर्षीय किशोर की सर्जरी कर सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों ने उसके पेट से 14 पेंसिल बेट्री, पिन, ब्लेड, बैलून सहित 65 वस्तु निकाले।

अस्पताल के डॉक्टरों ने 28 अक्टूबर को उसकी सर्जरी की थी, लेकिन किशोर को बचाया नहीं जा सका। सर्जरी के कुछ ही घंटे बाद 28 अक्टूबर की रात ही उसकी मौत हो गई।

पेट में परेशानी और सांस लेने में हुई तकलीफ

बताया जा रहा है 13 अक्टूबर को किशोर के पेट में परेशानी व सांस लेने में तकलीफ शुरू हुई। जिसके बाद परिवार के लोगों ने आगरा के अस्पताल में दिखाया। वहां से उसे जयपुर के एक अस्पताल में रेफर किया गया लेकिन सही बीमारी पकड़ में नहीं आई।

पेट की अल्ट्रासाउंड जांच खुला मामला

फिर अलीगढ़ के एक अस्पताल में इलाज चला। बाद में 26 अक्टूबर को पेट में दर्द बढ़ने पर अलीगढ़ के अस्पताल में उसे लेकर परिजन दोबारा पहुंचे। तब पेट की अल्ट्रासाउंड जांच होने पर पेट में वस्तुएं होने की बात पता चली। इसके बाद परिजन उसे लेकर सफदरजंग अस्पताल पहुंचे।

निगली गई वस्तुओं का वजन था 368 ग्राम 

अस्पताल के अनुसार किशोर की जान बचाने के लिए सर्जरी कर उन वस्तुओं को निकालना जरूरी था। पांच घंटे की जटिल सर्जरी कर उन वस्तुओं को निकाला गया। उन वस्तुओं का वजन 368 ग्राम था। किशोर ने उन वस्तुओं को निगल लिया है। आंत में संक्रमण के कारण उसे बचाया नहीं जा सका और उसकी मौत हो गई है। 

पहले भी आएं हैं ऐसे मामले

डॉक्टर बताते हैं कि पहले भी इस तरह के मामले देखे गए हैं।‌ कुछ वर्ष पहले फरीदाबाद के एक अस्पताल में एक मरीज के शरीर से कई आलपिन निकाले गए थे। उस मरीज गंभीर मानसिक बीमारी थी। इस वजह से वह आलपिन निगल लेता था।

एम्स में सुपर स्पेशियलिटी ओपीडी ब्लॉक की योजना उलझी

उधर, एम्स में सुपर स्पेशियलिटी ओपीडी ब्लॉक के निर्माण की योजना टेंडर प्रक्रिया में उलझ गई है। इस वजह से सुपर स्पेशियलिटी ओपीडी ब्लॉक के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू होने के आठ माह बाद भी निर्माण शुरू होना तो दूर अब तक टेंडर भी आवंटित नहीं हो पाया है।

एम्स ने इसके निर्माण की जिम्मेदारी एचएससीसी (हास्पिटल सर्विसेज कंसल्टेंसी कार्पोरेशन लिमिटेड) को दी है। स्थिति यह है कि एचएससीसी आठ महीने में तकनीकी व प्रशासनिक कारणों से दो बार टेंडर रद कर चुका है। अब परियोजना की लागत थोड़ी कम कर तीसरी बार टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई है। दो बार टेंडर प्रक्रिया रद होने से परियोजना ज्यादा विलंब हो गई है।

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