Explainer: शॉर्टकट के चक्कर में लोग गंवा रहे है अपनी जान, 8 महीने में ट्रेन से कटकर 466 की मौत
राजधानी में रेलवे लाइनों पर हो रहे हादसों में इस वर्ष अगस्त तक 466 लोगों की मौत हुई है। यह आंकड़े डराने वाले हैं। जैसे दिल्ली की सड़कों पर दुर्घटनाओं में रोजाना औसतन तीन से चार लोगों की मौत होती है उसी तरह रेलवे लाइनों पर भी ट्रेन की चपेट में आने से रोजाना एक से दो लोगों की मौत हो रही है।
By Dhananjai MishraEdited By: Nitin YadavUpdated: Mon, 16 Oct 2023 09:55 AM (IST)
धनंजय मिश्रा, नई दिल्ली। राजधानी में रेलवे लाइनों पर हो रहे हादसों में इस वर्ष अगस्त तक 466 लोगों की मौत हुई है। यह आंकड़े डराने वाले हैं। जैसे दिल्ली की सड़कों पर दुर्घटनाओं में रोजाना औसतन तीन से चार लोगों की मौत होती है, उसी तरह रेलवे लाइनों पर भी ट्रेन की चपेट में आने से रोजाना एक से दो लोगों की मौत हो रही है। गत वर्ष जनवरी से अगस्त तक 483 लोगों की मौत हुई थी, इस वर्ष के आंकड़ों में तीन प्रतिशत की मामूली कमी आई है।
रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) के अधिकारियों का कहना है कि रेलवे लाइनों पर हो रही मौतों का सबसे बड़ा कारण यह है कि लोग लापरवाही से रेलवे लाइन पार करते हैं। लोग शार्टकट के चक्कर में अपनी जान गंवा रहे हैं। रेलवे लाइनों पर लोग तेज गति से आती ट्रेनों को देखे बिना अवैध रूप से रेलवे लाइन पार करते हैं तो कहीं पर मोबाइल फोन पर बात करते हुए तो कई बार हेडफोन लगाकर रेलवे लाइन पार करते हैं। ऐसे में तेज गति से आ रही ट्रेन एकदम से रुक नहीं सकतीं और लोग इनकी चपेट में आ जाते हैं। अब रील बनाते हुए भी कई लोगों की जान जाने के मामले सामने आए हैं।
अधिकारी का कहना है कि ट्रेन की चपेट में आने वाले अधिकतर लोग रेलवे लाइनों के पास बसी झुग्गी बस्तियों के रहने वाले होते हैं। वह ट्रैक के दूसरी तरफ औद्योगिक क्षेत्रों में काम करते हैं। सुबह शाम काम पर जाने व आते समय हादसों का शिकार हो जाते हैं।
आरपीएफ की दिल्ली मंडल की वरिष्ठ सुरक्षा आयुक्त प्रियंका शर्मा का कहना है कि आरपीएफ हादसे न हो इसके लिए हर स्तर काम कर रही है। हाटस्पाट वाले क्षेत्रों का चयन किया जाता है। इसके आधार पर योजना बनाकर जागरूकता अभियान चलाया जाता है।
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आरपीएफ उठा रही कई कदम
- गलत तरीके से रेलवे लाइन पार करने पर रेलवे एक्ट के तहत कार्रवाई
- कार्यशाला का आयोजन कर लोगों को किया जा रहा जागरूक
- अतिक्रमण को हटाने के लिए चलाया जाता है अभियान
- लाइन पार करने के दौरान हुए हादसे में मौत
- रेलवे लाइन पार करने पर हुई कार्रवाई
- 3 प्रतिशत की कमी गत वर्ष की तुलना में आई, लोग नहीं हो रहे जागरूक
आत्महत्या के मामलों में हुई बढ़ोतरी
नोट: दोनों वर्ष के आंकड़े अगस्त तक
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।2022 में यहां हुए सबसे ज्यादा हादसे
- सब्जी मंडी रेलवे स्टेशन से आदर्श नगर रेलवे स्टेशन के बीच
- होलंबी कलां रेलवे स्टेशन से कुरुक्षेत्र रेलवे स्टेशन के बीच
- शाहदरा रेलवे स्टेशन से पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के बीच
- साहिबाबाद रेलवे स्टेशन से आनंद विहार रेलवे स्टेशन के बीच