Delhi Loot Case: यातायात कर्मी बन 50 लाख की डकैती मामले में दो और आरोपी गिरफ्तार, शिक्षक की प्लानिंग जानकर उड़ जाएंगे होश
Delhi Crime News मध्य जिला के आइपी एस्टेट थाना अंतर्गत सलीमगढ़ फ्लाईओवर के पास एक पान मसाला कंपनी के सहायक लेखाकार से दिनदहाड़े 50 लाख रुपये लूटने के मामले में क्राइम ब्रांच ने दो और आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। यातायात कर्मी की वर्दी पहन एक आरोपित द्वारा चेकिंग के बहाने कार सवार पीड़ित को रोकने के बाद उसके कई साथी मौके पर पहुंच गए थे।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। Delhi Crime News: मध्य जिला के आइपी एस्टेट थाना अंतर्गत सलीमगढ़ फ्लाईओवर के पास एक पान मसाला कंपनी के सहायक लेखाकार से दिनदहाड़े 50 लाख रुपये लूटने के मामले में क्राइम ब्रांच ने दो और आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है।
यातायात कर्मी की वर्दी पहन एक आरोपित द्वारा चेकिंग के बहाने कार सवार पीड़ित को रोकने के बाद उसके कई साथी मौके पर पहुंच गए थे। आरोपित उन्हें डरा धमका डिग्गी में रखे नकदी लेकर फरार हो गए थे।
ऐसे दिया वारदात को अंजाम
इस मामले में 20 अक्टूबर को क्राइम ब्रांच ने दो लुटेरे महेंद्र (सोतका, अलवर, राजस्थान) व संदीप (ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश) को गिरफ्तार कर लिया था। उनसे पूछताछ के बाद डकैती की साजिश शामिल दो अन्य आरोपित रितेश उर्फ रितिक (पलवल, हरियाणा) व इंद्रपाल (चमन विहार, लोनी) को गिरफ्तार कर लिया गया है।
विशेष आयुक्त क्राइम ब्रांच रवींद्र सिंह यादव के मुताबिक 12 अक्टूबर को एक पान मसाला कंपनी के सहायक लेखाकार ने आइपी एस्टेट थाने में शिकायत कर कहा था कि उनका कार्यालय शिवाजी मार्ग, नजफगढ़ रोड, मोती नगर में है।
11 अक्टूबर की दोपहर सवार चार बजे कूचा घासी राम, चांदनी चौक से 50 लाख रुपये कुछ व्यापारियों से लेकर उसे कार की डिग्गी में रखने के बाद जब वे सलीम गढ़ फ्लाईओवर के पास पहुंचे तब मोटरसाइकिल सवार दो लोगों ने उन्हें रोक लिया। उनमें से एक ने दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की वर्दी पहन रखी थी। कार रोकते ही दूसरी मोटरसाइकिल से दो अन्य बदमाश वहां आ धमके।
पुलिस ने सीसीटीवी का लिया सहारा
बदमाश कार की डिग्गी खोलकर 50 लाख रुपये से भरा बैग लूटकर मौके से फरार हो गए थे। थाना पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एक आरोपित को पकड़ उसे कई दिनों तक हिरासत में रखा लेकिन केस नहीं खोल पाई। उसके बाद क्राइम ब्रांच को जिम्मेदारी सौंपी गई।
डीसीपी अमित गोयल, एसीपी अरविंद कुमार व इंस्पेक्टर अरुण सिंधु के नेतृत्व में एसआइ विक्रांत, एएसआइ मनोज कुमार, शशिकांत, सुनील, हवलदार गौरव त्यागी, जितेंद्र कुमार, मनोज, देवेंद्र, सचिन कुमार, सुनीत कुमार, नितिन व सिपाही निकिता शर्मा की टीम ने पहले रितेश को गिरफ्तार किया। वह आरोपित संदीप की बाइक पर पीछे बैठा था।
संदीप खुद को दिल्ली ट्रैफिक पुलिस का हवलदार बताया था। वह सरगना हरेंद्र सिंह का चचेरा भाई है। शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि लूट का मास्टरमाइंड एक सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल का शिक्षक हरेंद्र है। रितेश की निशानदेही पर पीड़ित की कार के ड्राइवर इंद्रपाल को भी शिवाजी रोड, मोती नगर स्थित उसके कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया गया।
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पूछताछ में रितेश ने बताया कि वह धनेश भाटी और मुकेश नागर का दोस्त है। उनके माध्यम से वह अपने अन्य साथियों के साथ पीड़ित कार के ड्राइवर इंद्रपाल से मिला। मुकेश नागर, धनेश भाटी और इंद्रपाल एक मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनी के सदस्य हैं। घटना के समय इंद्रपाल लगातार मुकेश नागर के संपर्क में था।
इंद्रपाल ने उन्हें नकदी की आवाजाही के संबंध में आवश्यक जानकारी प्रदान की, जिसने आगे यह जानकारी सरगना हरेंद्र को प्रदान की थी। पूछताछ से पता चला है कि हरेंद्र फिरौती के लिए किसी बड़े कारोबारी का अपहरण करने की तैयारी में था। यह भी पता चला है कि इंद्रपाल ने उसे कुछ दिनों बाद करोड़ों की नकदी की आवाजाही के बारे में जानकारी देने की बात कही थी। इस संबंध में आगे की जांच की जा रही है।
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रिपोर्ट इनपुट - राकेश कुमार सिंह