Corona Warriors: युवा इंजीनियरों ने बनाया रात में भी काम करने वाला थर्मल इमेजिंग ड्रोन
Corona Warriors कोरोना से प्रभावित मरीजों की पहचान के लिए बनाए गए थर्मल इमेजिंग ड्रोन से इस महामारी से लड़ने में काफी मदद मिलेगी।
नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना वायरस (covid-19) के खिलाफ जंग में दिल्ली के दो युवा इंजीनियर भी कूद पड़े हैं। इस जानलेवा बीमारी से ग्रस्त व्यक्तियों की पहचान के लिए उन्होंने एक ऐसा ड्रोन बनाया है जो रात में भी लोगों के शरीर का तापमान मापने में सक्षम है। इसके लिए इस ड्रोन में नाइट विजन कैमरा लगाए गए हैं। यह ड्रोन 15-20 मीटर की दूरी से पूरे सटीक तरीके से लोगों की मैपिंग कर सकता है। यह तीन घंटे में लगभग 300 लोगों की थर्मल मैपिंग कर सकता है। आगे चलकर इसकी क्षमता बढ़ाई जाएगी और इसके जरिए तीन घंटे में 600 लोगों तक की थर्मल मैपिंग की जा सकती है।
सागर गुप्ता नौगरिया और प्रशांत पिल्लई ने अपनी स्टार्टअप कंपनी इंडियन रोबोटिक्स सॉल्यूशंस द्वारा विकसित थर्मल कोरोना कॉम्बैट ड्रोन का दिल्ली के मजनूं का टीला, गुरुग्राम और नोएडा में सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया है। स्थानीय अधिकारियों के सामने किए गए इस प्रदर्शन (demonstration) के बाद कंपनी इसके व्यापक इस्तेमाल की तैयारियों में जुट गई है।
ड्रोन के जरिए घर की छतों पर लोगों की हो सकेगी थर्मल मैपिंग
जागरण डॉट कॉम से बातचीत करते हुए प्रशांत पिल्लई ने बताया कि उनके इस ड्रोन के जरिए घर की छतों और बॉलकनी में खड़े लोगों की थर्मल मैपिंग हो सकेगी और कोरोना के संदिग्ध मरीजों की पहचान आसानी से की सकेगी। उन्होंने बताया कि इस ड्रोन में लाउडस्पीकर भी लगा होता है जिसके जरिए लोगों को बालकनी या छतों पर आने के लिए कहा जाता है। इसके बाद यह ड्रोन एक समूह में खड़े लोगों के शरीर का तापमान लेता है और अगर किसी व्यक्ति का टेंपरेचर सामान्य से ज्यादा पाया जाता है तो कैमरे से उसकी पहचान कर उसे नीचे बुलाया जाता है और साथ चल रही स्वास्थ्य विभाग की टीम उसकी आगे जांच करती है।
सैनिटाइजेशन के लिए कोरोना कॉम्बैट ड्रोन
कंपनी के संस्थापक सागर गुप्ता नौगरिया ने बताया कि उनकी कंपनी सेना और राज्यों के सिंचाई और कृषि विभाग के लिए निगरानी (survillance) ड्रोन बनाती है लेकिन कोरोना संकट के इस दौर में स्थानीय प्रशासन की मदद के लिए उन्होंने थर्मल इमेजिंग ड्रोन के अलावा सैनिटाइजेशन के लिए भी कोरोना कॉम्बैट ड्रोन बनाया है जो लैंड मशीन के मुकाबले कम खर्च में ज्यादा इलाके को सैनिटाइज कर सकता है। कंपनी के सह-संस्थापक प्रशांत पिल्लई ने बताया कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम (NMDC) के लगभग 28 लोकेशंस को इस ड्रोन के जरिए सैनिटाइज कर चुके हैं। 28 मार्च से 12 अप्रैल के बीच इस काम को अंजाम दिया गया।
इन जगहों को किया जा चुका है सैनिटाइज
उत्तरी दिल्ली नगर निगम (NMDC) के अलावा दिल्ली विधानसभा के स्पीकर राम निवास गोयल के विधानसभा क्षेत्र में भी कोरोना कॉम्बैट ड्रोन के जरिए आठ लोकेशंस को सैनिटाइज किया जा चुका है। इस ड्रोन की क्षमता फिलहाल 10 लीटर की है लेकिन इसे बढ़ाकर 20 लीटर भी किया जा सकता है। यह ड्रोन एक बार में एक से डेढ़ किलोमीटर के इलाके को सैनिटाइज कर सकता है।