कॉलोनियों के नियमित होने से बहेगी विकास की गंगा
केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली की 1797 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने से इन कॉलोनियों में विकास कार्य का रास्ता भी साफ हो गया है।
By Pooja SinghEdited By: Updated: Thu, 24 Oct 2019 11:51 AM (IST)
नई दिल्ली, [ निहाल सिंह]। केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली की 1797 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने से इन कॉलोनियों में विकास कार्य का रास्ता भी साफ हो गया है। अब यहां पर विकास कार्य में सांसद से लेकर विधायक और पार्षद तक अपने फंड का प्रयोग कर सकेंगे। या यूं कहें कि यहां पर विकास की गंगा बह सकेगी।
अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोग अब तक वोट तो सांसद से लेकर विधायक और पार्षद तक के चुनाव में देते रहे हैं, लेकिन सांसद और पार्षद के फंड का उपयोग इन कॉलोनियों के विकास कार्यो में नहीं हो पाता है। इसकी वजह से इन कॉलोनियों में नाली, सड़क और पुलिया बनवाने के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ता था।उत्तरी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष जय प्रकाश ने कॉलोनियों के नियमितीकरण की घोषणा के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि वह अक्सर यह मांग करते रहे हैं कि निगम पार्षद का फंड भी इन कॉलोनियों के विकास में लगाया जा सके, लेकिन कानूनी बाध्यताओं की वजह से निगम पार्षद के फंड का उपयोग नहीं हो पाता है। उन्होंने कहा कि कॉलोनियों के नियमित होने से जब पार्षद, विधायक और सांसद के फंड का उपयोग यहां होगा तो विकास की गति तीन गुना हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि अब तक इन कॉलोनियों में सड़क व गलियों के निर्माण में केवल दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग और दिल्ली सरकार के बाढ़ नियंत्रण विभाग का ही फंड लग पाता था। इससे अगर पार्षद और विधायक एक ही पार्टी के नहीं हैं, तो लोगों की परेशानी हल नहीं हो पाती थी। चूंकि फंड विधायक की संस्तुति से दिल्ली सरकार के विभागों द्वारा लगाया जाता था। ऐसे में सियासी टकराव के चलते यह कॉलोनियां विकास से वंचित रह जाती थीं।
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