Tis Hazari clash: पुलिस का दावा- वकीलों ने की मारपीट, तब ASI ने चलाई थी गोली
प्राथमिक जांच के आधार पर पुलिस अधिकारियों का दावा है कि पार्किंग को लेकर हुए मामूली विवाद ने उग्र रूप तब धारण किया जब साथियों के साथ पहुंचे वकीलों ने पुलिस से मारपीट शुरू की।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Sun, 03 Nov 2019 07:38 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। तीस हजारी कोर्ट में हुए विवाद की गंभीरता को देखते हुए जांच अधिकारियों ने देर रात तक न सिर्फ सीसीटीवी कैमरे खंगाले बल्कि प्रत्यक्षदर्शियों से भी जानकारी जुटाई गई। प्राथमिक जांच के आधार पर पुलिस अधिकारियों का दावा है कि पार्किंग को लेकर हुए मामूली विवाद ने उग्र रूप तब धारण किया जब साथियों के साथ पहुंचे वकीलों ने पुलिस से मारपीट शुरू की है। घटना की अधिकांश तस्वीरें सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई हैं।
पुलिस और वकीलों के बीच झड़प के बाद करीब 80 विचाराधीन कैदी कोर्ट परिसर में मौजूद थे। इनके एक सुरक्षित जगह पर रखा गया था। मामला शांत होने पर इन सभी कैदियों को तिहाड़ जेल वापस भेज दिया गया। यह जानकारी पुलिस के एक अधिकारी ने दी।पार्किंग के विवाद में हुई हिंसक झड़प
प्राथमिक जांच में पता चला है कि वकीलों व पुलिसकर्मियों के बीच बवाल का मुख्य कारण पार्किंग ही है। जांच में बताया गया है कि लॉक-अप (तीस हजारी कोर्ट) के सामने दोपहर 2 बजे एक हरे रंग की जीप नंबर डीएल 8 सी एपी 0436 को पार्क किया गया। इसमें तीन वकील मौजूद थे। वहीं पर दिल्ली आम्र्ड पुलिस के सिपाही प्रदीप मेन लॉक-अप गेट के बाहर संतरी की ड्यूटी कर रहे थे। उन्होंने उक्त विशेष स्थान पर जीप पार्क नहीं करने के लिए वकील से कहा, क्योंकि वह जगह केवल जेल वैन के लिए आरक्षित है।
वकीलों ने की पुलिस के साथ हाथापाई
इस पर तीनों वकीलों ने सिपाही प्रदीप के साथ र्दुव्यवहार कर हाथापाई की। इसके बाद वहां से चले गए और कुछ देर बाद साथी वकीलों के साथ दोबारा आकर लॉकअप के मेन गेट को तोड़ दिया और अंदर आ गए। मारपीट में आम्र्ड पुलिस के जवान मनीष अहमद, हवलदार कुलदीप और एएसआइ कार्तिक घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिए अरुणा आसफ अली अस्पताल भेजा गया। इसके बाद वकीलों ने जिप्सी व जेल वैन के कांच को भी चकनाचूर कर दिया।
पुलिस कर्मियों को पीटने के दौरान कुछ वकीलों ने एक संतरी की राइफल भी छीन ली। इसके बाद दिल्ली आम्र्ड पुलिस के सिपाही शोभित की बाइक, पुलिस की जिप्सी नंबर डीएल 2 सी एएल 8550 और 15-20 दिल्ली पुलिस कर्मचारियों की व्यक्तिगत दो पहिया वाहनों को लॉक-अप के मुख्य द्वार के पास खड़ा करके आग लगा दी। भीड़ जब और अधिक हिंसक हो गई, तब आत्मरक्षा में एएसआइ पवन कुमार ने हवा में तीन राउंड फायर किए।
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