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कोरोना काल में लोगों की मानसिक मजबूती के लिए अनूठा प्रयास

कोरोना की पहली लहर में पिछले वर्ष 26 अप्रैल को भी भागवत ने संघ के स्वयंसेवकों के साथ ही देशवासियों को आनलाइन संबोधित किया था।उन्होंने तब प्रकृति आयुर्वेद योग ग्रामीण समाज व भारतीय संस्कृति में सेवा मूल्य पर प्रकाश डालते हुए आपदा को अवसर में तब्दील करने का आह्वान किया।

By Prateek KumarEdited By: Updated: Mon, 10 May 2021 08:06 PM (IST)
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सरसंघचालक भागवत समेत आध्यात्मिक गुरु व शीर्ष उद्यमी देंगे व्याख्यान।

नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। कोरोना महामारी के दूसरे दौर में देशवासी निराशा और डर के माहौल में हैं। संक्रमण के रोजाना आते लाखों मामले और हजारों लोगों की मौतों ने देशवासियों को डरा दिया है। ऐसे में उन्हें सकारात्मक ऊर्जा के साथ जीत का मंत्र देने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत एक बार मोर्चा संभालेंगे। वह 15 मई को आधे घंटे के अपने व्याख्यान में देशवासियों के मन को छूएंगे और उन्हें अंधेरे और निराशा के माहौल से बाहर निकलने का रास्ता सुझाएंगे। कोरोना काल के पहली लहर में पिछले वर्ष 26 अप्रैल को भी भागवत ने संघ के स्वयंसेवकों के साथ ही देशवासियों को आनलाइन संबोधित किया था। उन्होंने तब प्रकृति, आयुर्वेद, योग, ग्रामीण समाज व भारतीय संस्कृति में सेवा मूल्य पर प्रकाश डालते हुए आपदा को अवसर में तब्दील करने का आह्वान किया था। संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक इस बार के उनके व्याख्यान में संकट के इस समय में एक-दूसरे की मदद करने, जमाखोरी न करने, भयभीत न होने तथा टीकाकरण के साथ अन्य तरह की गलतफमियों से दूर रहने का आह्वान हो सकता है। इसी तरह कोरोना के नाम पर हो रही राज्य सरकारों व राजनीतिक दलों की सियासत पर भी कड़ा संदेश हो सकता है। इसके साथ ही समाज की एकजुटता के साथ मानसिक तौर दृढ़ रहने का मंत्र थमाया जा सकता है।

कोरोना काल में लोगों की मानसिक मजबूती के लिए अनूठा प्रयास

वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक देश प्रगति के पथ पर है ऐसे में मौजूदा दौर की निराशा हमें पीछे ढकेल सकती है। ऐसे में मानसिक मजबूती की बड़ी आवश्यकता है। भागवत यह व्याख्यान कोरोना महामारी की विभिषिका से लड़ने के लिए औद्योगिक, आध्यात्मिक, धार्मिक व सामाजिक संगठनों द्वारा एक मंच पर आकर साझा तैयार की गईं कोविड रिस्पांस टीम (सीआरटी) के अनूठे प्रयास "पाजिटिविटी: हम जीतेंगे’ व्याख्यान कार्यक्रम में होगा। इसका आरंभ 11 मई से होगा। इसका समापन 15 मई को सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत के उद्बोधन से होगा।

सद्गुरु जग्गी वासुदेव,आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर व उद्योगपति अजीम प्रेमजी का भी व्याख्यान

इस व्याख्यान श्रृंखला में धर्म व अध्यात्म के जरिए निराशा के माहौल से बाहर निकलने का रास्ता बताने सद्गुरु जग्गी वासुदेव, आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर, जैन मुनिश्री आचार्य प्रमाणसागर,धर्मगुरु शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती,महंत संत ज्ञानदेव सिंह व संत शिरोमणी आचार्य विद्यासागर आर्शिवचन देंगे तो भारतीय संस्कृति के जरिए साधना की डगर पद्म विभूषण नृत्यांगना सोनल मानसिंह बताएंगी। वहीं, देश के जाने में उद्योगपति अजीम प्रेमजी का व्याख्यान उद्योग को नई संजीवनी दे सकता है। प्रत्येक वक्ताओं का संबोधन आधे घंटे का होगा। हर दिन दो-दो वक्ता होंगे।

इस तरह बनी योजना

इस व्याख्यानमाला की सोच पिछले माह पुणे व बेंगलुरु में कई सामाजिक,धार्मिक, आध्यात्मिक व उद्यमी संगठनों के साथ आकर सेवा कार्य करने से शुरू हुईं। वहां कोरोना से संक्रमित तथा जरूरतमंद की मदद के लिए कई संगठन साथ आए। फिर विचार हुआ कि दवा, भोजन और अन्य माध्यमों से तो मदद हो रही है, पर इस वक्त इस आपदा से लड़ने के लिए मानसिक मजबूती की भी आवश्यकता है। इस तरह कोविड रिस्पांस टीम (सीआरटी) अस्तित्व में आया फिर इस व्याख्यानमाला की योजना बनी। इस संंबंध में सीआरटी के संयोजक सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने बताया कि इस विचार मंथन व्याख्यान श्रृंखला के पीछे का मूल विचार कोविड-19 के पश्चात समाज से डर, निराशा, लाचारी और नकारात्मकता को दूर करने के लिए आत्मविश्वास पैदा करना और कोविड-19 के बाद लोगों को आगामी प्रयासों के लिए प्रेरित करना है।

यहां होगा प्रसारण

व्याख्यान श्रृंखला का प्रसारण प्रतिदिन सायं 4.30 बजे से 5.00 बजे विश्व संवाद केंद्र के सोशल मीडिया चैनल (facebook.com/VishwaSamvadKendraBharat और youtube.com/VishwaSamvadKendraBharat) सहित विभिन्न डिजिटल व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर होगा। व्याख्यान श्रृंखला के सकारात्मक संदेश को 100 से अधिक समान विचारधारा वाले समाचार पोर्टल के साथ-साथ अन्य मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से देश और दुनिया भर के लोगों तक पहुंचाया जाएगा।

तारीख और वक्ता

  • 11 मई
  • 1. सद्गुरु जग्गी वासुदेव
  • 2. जैन मुनिश्री आचार्य प्रमाणसागर
  • 12 मई
  • 1. श्री श्री रविशंकर
  • 2. अजीम प्रेम, प्रसिद्ध उद्योगपति एवं समाजसेवी
  • 13 मई
  • 1. शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती
  • 2. प्रसिद्ध कलाकार सोनल मानसिंह, पद्म विभूषण
  • 14 मई
  • 1. आचार्य विद्यासागर जी महाराज, जैन मुनि
  • 2. पूमहंत संत ज्ञानदेव सिंह जी (श्री पंचायती अखाड़ा-निर्मल)
  • 15 मई
  • डॉ. मोहन भागवत, सरसंघचालक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
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