Delhi High Court: यूनिटेक के संस्थापक रमेश चंद्रा को दिल्ली हाईकोर्ट से मिली मेडिकल जमानत
Delhi News दिल्ली हाईकोर्ट ने यूनिटेक के संस्थापक रमेश चंद्रा को 8 हफ्ते के लिए मेडिकल जमानत दे दी। ईडी ने रिहाई पर एतराज जताते हुए कहा कि अगर उसे मेडिकल जमानत पर रिहा किया जाता है तो वह जांच में हस्तक्षेप करेगा।
नई दिल्ली, एजेंसी। दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने यूनिटेक के संस्थापक रमेश चंद्रा (Unitech Founder Ramesh Chandra) को 8 हफ्तों के लिए मेडिकल जमानत दी है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने चंद्रा को खराब स्वास्थ्य के चलते मेडिकल जमानत मंजूर की है। इसके लिए रमेश चंद्रा को मुचलके के रूप में 25 हजार रुपये का निजी मुचलका भरने का निर्देश कोर्ट ने दिया। वहीं ईडी ने एतराज जताते हुए कहा कि अगर उसे मेडिकल जमानत पर रिहा किया जाता है तो वह जांच में हस्ताक्षेप करेगा।
समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक 28 जुलाई को अपने में आदेश में कोर्ट ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट में यह स्पष्ट था कि चंद्रा कि स्थिति काफी चिंता जनक है। बढ़ती उम्र के साथ-साथ रमेश चंद्रा भूलने और न पहचान पाने की बीमारी से ग्रसित हैं। कोर्ट ने कहा कि ऐसे में चंद्रा को कॉर्डियोलॉजिस्ट के साथ-साथ न्यूरोलॉजिस्ट की देखरेख में रहने की आवश्यकता है।
मोबाइल फोन इस्तेमाल करने पर रोक
अदालत ने कहा कि ऐसी स्थिति में याचिकाकर्ता को आठ सप्ताह के लिए मेडिकल जमानत मिलनी चाहिए। अदालत ने चंद्रा की रिहाई का निर्देश देते हुए कहा कि वह किसी भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें और अस्पताल जाने के अलावा अपने घर में ही रहें।
चंद्रा के अधिवक्ता विशाल गोसाईं ने कहा कि वह 85 वर्ष के हैं। उन्हें भूलने, तंत्रिका संबंधी और हृदय संबंधी बीमारियां हैं। उन्हें तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता थी। उन्हें मेडिकल की जरूरत थी और हिरासत में रहते हुए ये सब मुमकिन नहीं था। वकील ने बताया कि अदालत ने चंद्रा को अभियोजन पक्ष के किसी गवाह, पीड़ित परिवार के किसी भी सदस्य के साथ बातचीत नहीं करने, या मामले के सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने का निर्देश दिया है।
ईडी ने जताया एतराज
अदालत ने यह भी कहा कि अस्पताल से आने-जाने के लिए वह जाने से पहले और वापस लौटने के बाद संबंधित जांच अधिकारी को सूचित करेगा। वहीं ईडी ने रिहाई पर एतराज जताते हुए अदालत को बताया कि जेल में आरोपी को सभी आवश्यक दवाएं और चिकित्सा सहायता मुहैया कराई जा रही हैं। अगर उसे मेडिकल जमानत पर रिहा किया जाता है तो वह जांच में हस्तक्षेप करेगा।