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साइबर क्राइम में झारखंड का 'जामताड़ा' बनता जा रहा है देश का यह नामी शहर

देश में होने वाले ज्यादातर साइबर क्राइम जामताड़ा से ही किया जा रहा है। पूरे देशभर के राज्यों की पुलिस वर्तमान में जामताड़ा में जालसाजों को तलाश रही है।

By JP YadavEdited By: Updated: Fri, 30 Nov 2018 08:17 PM (IST)
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साइबर क्राइम में झारखंड का 'जामताड़ा' बनता जा रहा है देश का यह नामी शहर

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। फर्जी कॉल सेंटर के जरिये भारत के लोगों को ही नहीं, बल्कि विदेशियों को भी करोड़ों का चूना लगाने के मामले में यूपी का नोएडा अब झारखंड का जामताड़ा बनता जा रहा है। आलम यह है कि नोएडा में तकरीबन हर महीने फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश हो रहा है। आपको बता दें कि देश में होने वाले ज्यादातर साइबर क्राइम जामताड़ा से ही किए जा रहे हैं। देश के 20 से अधिक राज्यों की पुलिस वर्तमान में जामताड़ा में जालसाजों को तलाश रही है।

वहीं, पिछले कुछ महीने के दौरान आधा दर्जन से अधिक मामले इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि दिल्ली के साथ गुरुग्राम, गाजियाबाद और नोएडा में बनाए गए फर्जी कॉल सेंटर से हर महीने सैकड़ों लोगों को चूना लगाया जा रहा है, इनमें साइबर क्राइम के मामले में नोएडा अव्वल नंबर पर है।बुधवार को नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर के खुलासे ने यूपी के साथ-साथ कई राज्यों की पुलिस के होश उड़ा दिए, जिसमें 12 देशों के तकरीबन 2000 लोगों को चूना लगाने का मामला सामने आया।

विदेशी नागरिकों से की जा रही थी जमकर ठगी
फर्जी कॉल सेंटर के पर्दाफाश के बाद खुलासा हुआ है कि इन सभी 12 कॉल सेंटर में एक ही तरह से विदेशी नागरिकों से ठगी की जा रही थी। साइबर क्राइम के खेल में शातिर हो चुके लोग फर्जी कॉल सेंटर खोलकर विदेशी नागरिकों के कंप्यूटर स्क्रीन पर पॉप अप मैसेज भेजते थे। इस मैसेज को ऐसा बनाया जाता था कि उसे यह वायरस की तरह लगता था। इसके बाद उसी मैसेज में दिए गए चैट ऑप्शन से संपर्क कर उनसे पैसे मंगवाए जाते थे। ये साइबर ठग बीटेक व एमबीए कर चुके हैं। सेक्टर-58 थाना क्षेत्र में पकड़े गए कॉल सेंटर में सबसे अधिक 400 लोग काम करते थे। 

नोएडा में यहां पकड़े गए कॉल सेंटर
एफ-12 सेक्टर-8, एफ-16 सेक्टर-6, बी-84 सेक्टर-2, ई-48 सेक्टर-3, 240 उद्योग केंद्र इकोटेक तीन , बी-23 सेक्टर-62, सी-1 सेक्टर-62, एच-160 सेक्टर-63, एबीसी आईटी कॉ प्लेक्स सेक्टर-137 में पुलिस ने इन सभी कॉल सेंटरों को पकड़ा है।

UP में फर्जी कॉल सेंटर खोल कनाडा के नागरिकों से ठगी
18 अक्टूबर को एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश हुआ था, जो यूपी में बैठकर साइबर ठगों का एक गिरोह कनाडा के नागरिकों को चपत लगा रहा था। ये लोग कनाडा के नागरिकों को टैक्स में लाखों रुपये की छूट दिलाने का झांसा देकर पैसे ऐंठ लेते थे।

अंग्रेजी भाषा पर कमांड बनता है इनका सबसे पहला हथियार
फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने में सक्षम आरोपित खुद को कनाडा के रहने वाले बताते थे। अपनी बातों से ये वहां के नागरिकों का भरोसा जीत लेते थे। ठगी की कड़ी में सबसे पहला बड़ा हथियार बनता था इनका फर्राटेदार अंग्रेजी बोलना। अपनी अंग्रेजी और अन्य तकनीकी दक्षता के चलते नोएडा के सेक्टर-63 में जालसाजों का एक साल से फर्जी कॉल सेंटर चल रहा था। हैरानी की बात है कि पुलिस को इसकी भनक तक नहीं थी। 

विदेशी नागरिकों को करते थे इंटरनेट कॉलिंग
शाहदरा (दिल्ली) के रहने वाले आरोपित ने अपने पांच अन्य साथियों के साथ यहां पर फर्जी कॉल सेंटर खोल रखा था। आरोपित एक साल से विदेशी नागरिकों के साथ धोखाधड़ी कर रहे थे। इन्हें कनाडा समेत कई देशों के टैक्स नियमों के बारे में अच्छी जानकारी थी। ये विदेशी नागरिकों को इंटरनेट कॉलिंग करते थे। जिस देश के नागरिक से बात करते थे, उस देश के नागरिक की तरह बोलकर खुद को वहां का नागरिक बताते थे। 

नोएडा के बाद गुरुग्राम में सबसे ज्यादा फर्जी कॉल सेंटर के मामले
दिल्ली-एनसीआर में नोएडा के बाद सबसे ज्यादा फर्जी कॉल सेंटर पकड़े जाने के मामले हरियाणा के गुरुग्राम में आए हैं। इसी साल सितंबर महीने में गुरुग्राम के उद्योग विहार एरिया में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर से अमेरिका के लोगों को ठगने का खुलासा हुआ था। इसके तहत लोन अप्रूव होने का झांसा देकर प्रोसेसिंग फीस के नाम पर ठगी की जाती थी। पुलिस ने कॉल सेंटर में मौजूद एक युवती व 5 युवकों को गिरफ्तार किया था। 

एक बार में 700 डॉलर तक लेते थे ठग
आरोपितों से पूछताछ में पता चला है कि शातिर अमेरिका के लोगों को कॉल करके लोन अप्रूव होने की बात कहते थे। करीब एक साल से यह कॉल सेंटर चल रहा है। मालिक व आइटी हेड यह कॉलिंग डाटा मुहैया कराते थे। कॉल करने पर जो लोग लोन लेने के इच्छुक होते, उनसे प्रोसेसिंग फीस के नाम पर ठगी की जाती। जैसे ग्राहक बातों में फंसता तो 300 से 700 डॉलर तक उससे ठग लिए जाते। 

इंटरपोल-FBI की शिकायत पर कार्रवाईः एसएसपी (गौतमबुद्धनगर)
एसएसपी डॉ. अजयपाल शर्मा ने बताया कि पिछले दिनों एफबीआई और कनाडा पुलिस ने विदेश में ठगी करने वाले कॉल सेंटर के बारे में अवगत कराया था। इसके बाद नोएडा पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर पर कार्रवाई शुरू कर दी। मंगलवार को एफबीआई फिर से नोएडा आई थी। नोएडा पुलिस, इंटरपोल, एफबीआई और कनाडा पुलिस ने मिलकर कॉलसेंटर को पकड़ने की कार्रवाई की है।

दिल्ली में भी चलते हैं फर्जी कॉल सेंटर
नोएडा और गुरुग्राम के साथ ही दिल्ली में फर्जी कॉल सेंटर की भरमार है। सितंबर के आखिरी सप्ताह में फर्जी क़ॉल सेंटर चलाकर हजारों लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले एक गिरोह का दिल्ली पुलिस ने भंडाफोड़ किया था।  इनके पास से पुलिस को लाखों रुपये का सामान और हजारों लोगों का ब्योरा मिला था, जिससे ये गिरोह ठगी कर चुका है या करने वाला था। 

नोएडा व गाजियाबाद में बनाया था ठिकाना

ये गिरोह फर्जी कॉल सेंटर के जरिए ठगी करता था। इसके लिए गिरोह ने दिल्ली से सटे नोएडा व गाजियाबाद में फर्जी कॉल सेंटर बना रखे थे। इन कॉल सेंटर में काफी संख्या में कर्मचारी भी टेलिकॉलर का काम करते थे। 

बीमा पॉलिसी के नाम पर करते थे ठगी

आरोपी इन टेलिकॉलर के जरिए लोगों को फोन कराते थे। फोन कर लोगों को भारी छूट और मोटे रिटर्न का लालच देकर आकर्षक बीमा पॉलिसी लेने को कहा जाता था। इसके अलावा जिन लोगों की बीमा पॉलिसी किन्हीं वजहों से बंद हो चुकी है आरोपी उन्हें चालू कराने या उसके रुपये दिलवाने का झांसा देकर भी ठगी करते थे। आरोपी अपने शिकार से पहले कुछ रकम अपने अकाउंट में ट्रांसफर कराते हैं। एक बार जाल में फंसने के बाद पीड़ित आरोपियों को अलग-अलग बहाने सुनकर रुपये देता जाता है। उसे जब तक ठगी का पता चलता है, आरोपी मोटी रकम ठग चुके होते हैं।

नोएडा में 3 नवंबर को नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार लोगों को ठगने वाले एक कॉल सेंटर पर छापा मारकर नोएडा की एक्सप्रेसवे थाना पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने इनके पास से 14 मोबाइल, 02 लैपटॉप, 07 वायरलेस फोन, 03 रजिस्टर कॉलिंग डेटा, 15 नए सिम कार्ड, ई-स्टाम्प लैटर पैड, ब्राउजर, विजिटिंग कार्ड व बेरोजगार युवकों का डाटा बरामद किया था। 

नोएडा में बैठकर अमेरिका में ठगी, साइबर गिरोह का हुआ पर्दाफाश

16 नवंबर को नोएडा में एक ऐसे फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ हुआ था जो विदेशों में कंप्यूटर में वायरस भेज कर उनसे लाखों रुपए की ठगी करता था। यह कॉल सेंटर पहले अमेरिका और कनाडा के लोगों के कंप्यूटर में इंटरनेट से वायरस भेज कर और उसके बाद खुद ही ठीक करने के नाम पर उनसे 99 डॉलर से 600 डॉलर तक ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर करवाता था।  यह पूरा फर्जी कॉल सेंटर नोएडा के सेक्टर-2 में चलाया जा रहा था और यहां बैठे लोग विदेशों में ठगी करते थे। 

पुलिस के मुताबिक, जब ये लोग विदेश के लोगों को कॉल करते थे तो फर्जी कंपनी INGEVEN का नाम बताते थे। इस फर्जी कंपनी ने वेबसाइट पर अमेरिका का फर्जी पता डाल रखा था। गिरफ्तार लोग लगभग 6 महीनों से इसी तरह लोगों के साथ वायरस के नाम पर ठगी करते थे।

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