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Pooja Khedkar को लेकर आया बड़ा अपडेट, UPSC ने शुरू की झूठी गवाही की कार्यवाही; हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

Pooja Khedkar के मामले में अब बड़ा अपडेट आ गया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने पूजा खेडकर से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। दरअसल यूपीएससी ने पूजा खेडकर के गलत बयान और हलफनामा के खिलाफ कार्यवाही शुरू करने के लिए याचिका दायिर की थी। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पूजा खेडकर से जवाब मांगा है। पढ़िए पूरा मामला क्या है।

By Vineet Tripathi Edited By: Kapil Kumar Updated: Thu, 12 Sep 2024 08:44 PM (IST)
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Pooja Khedkar Case: हाईकोर्ट ने याचिका पर पूर्व आइएएस पूजा खेड़कर से मांगा जवाब

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। Pooja Khedkar Case गलत बयान और हलफनामा देने के लिए पूजा खेडकर के खिलाफ झूठी गवाही की कार्यवाही शुरू करने की मांग से संबंधी यूपीएससी की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने पूर्व ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर से जवाब मांगा है।

न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने खेडकर को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने काे कहा है। अब इस मामले में आगे की सुनवाई 26 नवंबर को होगी।

ई-मेल पर दी गई थी उम्मीदवारी रद्द करने की सूचना

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने तर्क दिया कि 31 जुलाई को खेडकर की उम्मीदवारी रद्द करने की सूचना उन्हें उसी दिन उनकी पंजीकृत ई-मेल आईडी पर दी गई थी। इसमें कहा गया कि यह वही ई-मेल आईडी है, जो सिविल सेवा कार्यक्रम (सीएसपी) 2022 के लिए उसके ऑनलाइन आवेदन में पंजीकृत थी।

हालांकि, खेडकर ने अदालत में झूठा बयान दिया कि उसे इसकी जानकारी नहीं दी गई और उन्होंने दावा किया कि यह जानकारी यूपीएससी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से ही मिली।

शपत्र पर गलत बयान दे रही थी पूजा खेडकर

यूपीएससी की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश कौशिक ने प्रस्तुत किया कि खेडकर ने अपने वकीलों को भी गलत जानकारी दी थी और वह अच्छी तरह से जानती थी कि वह शपथ पत्र पर गलत बयान दे रही थी।

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उन्होंने कहा कि गलत जवाब देना एक गंभीर अपराध है। यूपीएससी ने अदालत से उचित कार्यवाही शुरू करने और झूठी गवाही का अपराध करने के लिए खेडकर के खिलाफ कानून के अनुसार जांच का निर्देश देने का आग्रह किया।

पूजा खेडकर पर लगाया था ये आरोप

यूपीएससी ने खेडकर की उम्मीदवारी को 31 जुलाई को रद्द कर दिया था। साथ ही उन्हें भविष्य में परीक्षा देने से पर रोक लगा दी थी। खेडकर पर धोखाधड़ी और गलत तरीके से ओबीसी और दिव्यांगता कोटा लाभ लेने का भी आरोप लगाया गया था।

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