Delhi Vehicle Scrap Policy: दिल्ली में स्क्रैप की व्यवस्था ठप, 55 लाख वाहन चालकों को जाना होगा एनसीआर
Delhi Vehicle Scrap Policy परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा ने कहा है कि दिल्ली में वाहनों को स्क्रैप करने के डीलरों को लाइसेंस देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अभी नए डीलरों को लाइसेंस देने में डेढ़ से दो माह लग सकते हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। अगर आपका वाहन अपनी उम्र पूरी कर चुका है और परिवहन विभाग ने उसका पंजीकरण रद कर दिया है तो उसे आपको उसे स्क्रैप करवाने के लिए एनसीआर के शहरों में जाना होगा। दरअसल, दिल्ली में सभी स्क्रैप डीलरों के लाइसेंस रद कर दिए गए हैं। ऐसे में उन 55 लाख लोगों के सामने समस्या खड़ी हो गई है जिनके वाहनों के पंजीकरण परिवहन विभाग ने रद कर दिए हैं।
परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा ने कहा है कि दिल्ली में वाहनों को स्क्रैप करने के डीलरों को लाइसेंस देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। दिल्ली के लोग एनसीआर क्षेत्र के डीलरों से स्क्रैप करवा सकते हैं। केंद्र सरकार के नए दिशा-निर्देशों के बाद पुराने डीलरों के लाइसेंस निरस्त किए गए हैं। नए निर्देशों के अनुसार डीलर ने जिस राज्य से लाइसेंस लिया हुआ है, उसी राज्य में उसकी वर्कशाप होनी चाहिए।
दिल्ली में काम कर रहे इन आठों डीलरों के कार्यालय तो दिल्ली में थे, लेकिन वर्कशाप दूसरे राज्यों में थी। अभी नए डीलरों को लाइसेंस देने में डेढ़ से दो माह लग सकते हैं। इसे देखते हुए परिवहन विभाग ने एनसीआर में चल रहे दूसरे राज्यों के स्क्रैप डीलरों से वाहन स्क्रैप करवाने की अनुमति जारी कर दी है।
55 लाख वाहनों का पंजीकरण हुआ रद
परिवहन विभाग ने 2022 में उम्र पूरी कर चुके 55 लाख वाहनों का पंजीकरण रद कर दिया है। ऐसे वाहन दिल्ली में नहीं चल सकते हैं। इन वाहनों को परिवहन विभाग से एनओसी लेकर दूसरे राज्यों के ऐसे शहरों में पंजीकरण करवाकर चलाया जा सकता है, जिस राज्य में पेट्रोल के वाहनों को 20 साल और डीजल के वाहनों को 15 साल तक चलाने की अनुमति है। वाहन मालिकों के पास एक विकल्य यह भी है कि वे अपने वाहन को स्क्रैप करवा लें।
कबाड़ी को न दें अपने वाहन
अपने वाहन को किसी कबाड़ी के पास स्क्रैप नहीं कराएं, अन्यथा आप परेशानी में फंस सकते हैं। यह गैर कानूनी है। कबाड़ी अगर स्क्रैप कराए गए वाहन का पंजीकरण नंबर किसी और वाहन में उपयोग करता है और वाहन किसी गलत कार्य में लिप्त हो जाता है तो कार्रवाई वाहन मालिक पर होगी। इसलिए इससे बचना चाहिए।