भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की तबीयत फिर बिगड़ी, निजी अस्पताल में शुरू हुआ इलाज
भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी को रात 9 बजे दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वह डॉ. विनीत सूरी की निगरानी में हैं। उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। पिछले महीने 26 जून को भी उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। यूरोलॉजी से संबंधित उन्हें परेशानी थी। यूरोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. अमलेश सेठ उनका इलाज कर रहे थे।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी को रात 9 बजे दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्हें न्यूरो से संबंधित परेशानी है। इस वजह से न्यूरोलॉजी के विशेषज्ञ डॉ. विनीत सूरी के देखरेख में इलाज चल रहा है। उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। इस बारे में अपोलो अस्पताल ने जानकारी दी है।
पिछले महीने 26 जून को भी उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। यूरोलॉजी से संबंधित उन्हें परेशानी थी। यूरोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. अमलेश सेठ उनका इलाज कर रहे थे। उन्हें 27 जून को देर रात छुट्टी मिल गई थी।
एम्स के ओल्ड प्राइवेट वार्ड में हुए थे भर्ती
यूरिन में संक्रमण से संबंधित परेशानी के चलते यूरोलाजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. अमलेश सेठ के नेतृत्व में उनका इलाज चल रहा था। एम्स से मिली जानकारी के अनुसार 26 जून की रात 10:28 बजे ओल्ड प्राइवेट वार्ड में भर्ती किया गया था। यूरोलाजी के डॉक्टर और नर्सिंग कर्मचारी उनके स्वास्थ्य की देखभाल कर रहे थे।इसी साल भारत रत्न से हुए सम्मानित
लालकृष्ण आडवाणी को 30 मार्च, 2024 को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया। आडवाणी 1942 में स्वयंसेवक के रूप में आरएसएस में शामिल हुए।
आडवाणी ने 1980 में पार्टी की स्थापना के बाद से सबसे लंबे समय तक पार्टी के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। लगभग तीन दशकों के संसदीय करियर में, लालकृष्ण आडवाणी पहले गृह मंत्री और बाद में अटल बिहारी वाजपेयी (1999-2004) की कैबिनेट में उपप्रधान मंत्री थे।
कराची में हुआ जन्म
लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को सिंध प्रांत (पाकिस्तान) में हुआ था। उन्होंने कराची के सेंट पैट्रिक्स स्कूल से पढ़ाई की है। 1942 में उन्होंने भारत छोडो आंदोलन के दौरान गिडूमल नेशनल कॉलेज में दाखिला लिया। इसके बाद उन्होंने 1944 में कराची के मॉडल हाई स्कूल में बतौर शिक्षक नौकरी की।
आडवाणी जब महज 14 साल के थे, उन्होंने अपना जीवन देश के नाम कर दिया। हालांकि, 1947 में देश का बंटवारा होने के बाद आडवाणी के परिवार को अपना घर छोड़कर भारत आना पड़ा। उन्होंने मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से लॉ में स्नातक किया। इस दौरान वह संघ से भी जुड़े रहे। किशन चंद आडवाणी के घर जन्मे लालकृष्ण आडवाणी ने 25 फरवरी 1965 को कमला आडवाणी से शादी की। बता दें कि उनके दो बच्चें हैं, जिनका नाम प्रतिभा और जयंत हैं।
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